आंसू कितने प्रकार के होते हैं

देखिए यह lacrimal gland, यही हमारे आंखों में आंसू लाता है. जी एक merocrine gland है। जैसे हमारी sweat gland होती है। जो ब्लड वेसल्स के थ्रू वॉटर ऑफ जॉब कर लेती है, कुछ salt इलेक्ट्रोलाइट, प्रोटीन और hormone के साथ, और हमारे आंखों में tear release करती है। पर ऐसा नहीं है कि केवल यह एक lacrimal gland हमारे आंख के अंदर आंसू realese करता है।

बल्कि हमारे आंखों के अंदर यहां पर जहां पर मैं औरों से पॉइंट कर रहा हूं, वहां पर भी दो छोटे-छोटे accesosaries lacrimal gland होते हैं। इसे glands of wolfring कहते हैं, और इसे glands of krause कहते हैं। यह दोनों भी हमारे आंखों में आंसू ही बनाते हैं, पर यह दोनों इससे डिफरेंट कैसे हैं। इसके लिए आपको यह जानना पड़ेगा कि हमारे आंखों से बहने वाले आंसू कितने प्रकार के होते हैं? जी हां आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं, आंसू भी कई प्रकार के होते हैं।

आपको बता दें कि accesosary lacrimal gland  mainly सिंपैथेटिक नर्वस से कंट्रोल होता है, और यह main lacrimal gland parasympthetic ओर sympthetic nerve दोनों ही प्रकार नर से कंट्रोल होता है।

देखिये जो पहला प्रकार का tear होता है, जो हमारी आंखों में हमेशा बना रहता है, उसे basal tear कहते हैं। देखिये हमारे आंखों के ऊपर हमेशा आंसुओं की 3 लेयर बनी रहती है। उन्हीं 3 layer में जो aqeous layer होता है, वह इसी basal tear की लेयर होती है। यह basal tear  हमारे जो एक्सेसरीज लैंड है, wolfring gland और krause gland वहाँ से रिलीज होते हैं। यह दो छोटे-छोटे ग्लैंड।

दूसरे प्रकार का जो tear होता है, उसे reflex tear कहते है। जैसा कि आप इसका नाम सुन रहे है reflex tear, इसमें आंख स्वयं को किसी भी प्रकार के कीटाणु या इरिटेंट से बचाने के लिए, कोई भी की गंदगी जब हमारे आंख में चली जाती है, तो उसे निकालने के लिए, ये reflex tear रिलीज करती है। ताकि आंख हमारा इन सभी irritant से साफ हो जाए। यह reflex tear mainly इस lacrimal gland से ही रिलीज होता है।

उसके बाद जो तीसरे प्रकार का tear होता है, उसे इमोशनल tear कहते हैं। यही वो tear होता है। जो हमें रोने पर, या बहुत ज्यादा खुश होने पर निकलता है। यह tear हमारा यह main lacrimal gland ही रिलीज करता है। और इस डियर का जो कंपोजिशन होता है, वह बाकी दोनों tears से बहुत ज्यादा अलग होता है। जैसे कि बाकी tears में वाटर साल्ट इलेक्ट्रोलाइट, mucin lysozyme जैसे चीजें तो होती है।

पर इमोशनल नियर में हमारे शरीर को पेन से relief देने के लिए और मेंटली रिलीफ देने के लिए इस tear में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल भी ब्लड से आकर मिल जाता है, जो शरीर से बाहर निकल जाता है, और इतना ही नहीं इमोशनल tear से हमारे ब्रेन में endorphins और ऑक्सीटॉसिन जैसे लव हार्मोन भी रिलीज होने लगता है, जो हमें काम करते हैं, हमे शांत कर देते हैं।

इसीलिए मैं कहता हूं कि हमें रोना बहुत ज्यादा जरूरी है। रोना बिल्कुल भी आपको कमजोर नहीं दिखाता, बल्कि आपके फिजियोलॉजिकल प्रोसेस में से एक है, जो आपको हेल्दी बनाये रखता है।

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