मुझे लगता है कि आप में से हर लोग यह बात तो सुन ही चुके होंगे कि हमारे शरीर में, हमारा सबसे कंपलेक्स बॉडी ऑर्गन है, हमारा ब्रेन यानी हमारा नर्वस सिस्टम। पर क्या आपको यह पता है कि हमारे शरीर में नर्वस सिस्टम के बाद दूसरा सबसे ज्यादा कंपलेक्स सिस्टम कौन सा है ? मुझे लगता है, आप में से बहुत कम लोग ये बात जानते होंगे, इसलिए मैं आपको बता दूं कि दूसरा सिस्टम जो हमारे body में सबसे ज्यादा कंपलेक्स है, वह है इम्यून सिस्टम।
और जब से world में, अपने संज्ञान में कोरोनावायरस पांडेमिक आया। तब से तो हम सभी लोग अपने इम्यून सिस्टम के बारे में बहुत ज्यादा सजग हो गए हैं। इसलिए मुझे लगता है कि आपको इम्यून सिस्टम के बारे में बताना बहुत ज्यादा जरूरी है। तो चलिए बिना व्यर्थ की बात किए हुए, सीधे पॉइंट पर आते हैं…
देखिये सबसे पहले तो एक बार आपको अपने दिमाग में हमेशा एक term याद रखना, वह term है एंटीजन… जितने भी बैक्टीरिया वायरस पैरासाइट जो हमारे शरीर में enter हो सकते हैं। और हमें डिजीज पैदा कर सकते हैं। जिससे फाइट करने के लिए शरीर को एंटीबॉडी बनानी पड़ती है, उसे हमेशा एंटीजन कहकर बुलाया जाता है। यह एंटीजन भी हमारे शरीर में दो प्रकार से काम कर सकते हैं।
एक वह जो हमारे शरीर में हमारे immune response को trigg कर दें। ताकि हमारा शरीर इससे लड़ने के लिए तरह तरह के cell को एक्टिवेट कर दें, इसे कहते हैं immunogen और वही जब कोई ऐसा एंटीजन हमारे शरीर में प्रवेश करता है, जो कि बहुत ज्यादा छोटा होता है, जो हमारे शरीर में इम्यूनिटी को trigg नहीं कर पाता है, उसे hapten कहते हैं।
आपको बता दें कि हमारे शरीर में केवल और केवल 14kda से लेकर 600 kda तक के साइज वाले एंटीजन ही हमारे शरीर में इम्यून रिस्पांस पैदा कर सकते हैं। इस से छोटा अगर कोई भी एंटीजन शरीर में आया तो वह हैपटेन कहा जाता है। वह हमारे शरीर में इम्यूनिटी को एक्टिवेट नहीं कर सकता, जब तक वह किसी प्रोटीन से bind ना हो जाए, किसी कैरियर प्रोटीन से…
अब देखिये जब हम पैदा हुए होते हैं, ठीक उसी समय से ही हमारे शरीर में एक इम्यून सिस्टम पहले से ही काम कर रहा होता है। किसी भी प्रकार के pathogen से लड़ने के लिए, यह जो हमारे शरीर में जन्म से ही इम्यून सिस्टम active होता है, इसे कहते हैं, innate immune system. इसमें क्या होता है कि जैसे ही हमारे शरीर में कोई भी pathogen आता है। तो सबसे पहले इसी innate immune system के ही सेल्स जैसे macrophage वह इन बैक्टीरिया जैसे pathogen जिनको जिसे एंटीजन भी कहते हैं। उन्हें phagocyte करना मतलब उन्हें खाना शुरु कर देते हैं।
होता यह है कि जब भी कोई pathogen हमारे शरीर में एंट्री करता है, और सेल्स को डैमेज करने लगता है, तो यह damaged सेल दरअसल एक प्रकार के सिग्नल को हमारे ब्लड में रिलीज करने लगते हैं। इन सिगनल्स को हमारा macrophage रीड कर लेते हैं, और रीड करने के बाद उस इनफेक्टेड जगह पर जाकर इन बैक्टीरिया को खाना शुरू कर देते हैं। यानी इन्हें phagocyte करना शुरू कर देते हैं।
यह macrophage लगभग 100 बैक्टीरिया को मार सकता है। मतलब एक macrophage 100 बैक्टीरिया को किल कर सकता है। लेकिन जब bacteria संख्या बहुत ज्यादा होती है, तो हमारे ब्लड वेसल्स में से इम्यून सिस्टम के ही एक बहुत ही इंपॉर्टेंट सेल न्यूट्रोफिल्स जो कि आप कह सकते हो कि हमारे शरीर की इम्यून सिस्टम में पेट्रोलिंग पुलिस की तरह होता है। वह भी अब इस बैक्टीरिया को मारने के लिए बैटलफील्ड में उतर जाता है। जो बैक्टीरिया को खाकर एकदम सुसाइड बॉम्ब की तरह ब्लास्ट हो जाता है। और कई तरीके के हानिकारक केमिकल को रिलीज करता है।
देखिए neutrophile को कैसे पता चलता है कि इस स्पेसिफिक जगह पर इंफेक्शन हो गया है। होता यह है कि जब macrophage इन बैक्टीरिया को phagocyte कर ही रहा होता है, तभी साथी साथ वो cytokines जो कि एक प्रकार का प्रोटीन हीं होता है, उन्हें भी ब्लड में रिलीज करता है, जो कि न्यूट्रोफिल डिटेक्ट कर पाता है। साथ ही साथ डेंड्रिटिक सेल जोकि इम्यून सिस्टम का ही एक्सएल है वह भी इस detect करके इस क्षेत्र पर आकर अपना काम शुरू कर देता है।
देखिए अगर बैक्टीरिया की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि यह न्यूट्रोफिल्स और मैक्रोफेज से भी हैंडल नहीं हो पा रहा है, तो हमारे शरीर में ही हमारी इम्यून सिस्टम का एक दूसरा स्वरूप तुरंत ही एक्टिव होकर इन बैक्टीरिया से लड़ना शुरू कर देता है, जिसे कहते हैं, complement system. इसमें क्या होता है कि बहुत सारे अरबों की संख्या में छोटे-छोटे प्रोटीन, बैक्टीरिया के सरफेस पर अटैच हो जाते हैं, और बैक्टीरिया के बाहरी लेयर यानी उसके सेल मेंब्रेन को डिस्ट्रॉय करना शुरू कर देते हैं। जिससे बैक्टीरिया के अंदर जो भी material भरा था, जो भी साइटोप्लाज्म भरा था। वह सब बाहर की ओर बहने लगता है, और बैक्टीरिया मर जाता है। इसमें लगभग 30 प्रोटीन की हिस्सेदारी होती है, जो कि बहुत ही ज्यादा कंपलेक्स सिस्टम है। आगे हम इसके बारे में डिटेल में जानेंगे।
लेकिन देखिए अगर यह complement system भी अगर इन बैक्टीरिया या pathogen के स्पेसिफिक एपीटोप यानी जो इनके सरफेस पर हुए प्रोटीन होते हैं, bind करने के लिए उन्हें डिटेक्ट नहीं कर पाता है, तो हमारे शरीर में हमारे इम्यून सिस्टम की आर्मी एक्टिवेट हो जाती है, और इसे एक्टिवेट करने का काम करता है, हमारा एक बहुत ही इंपॉर्टेंट सेल, डेंड्रिटिक सेल…
देखिए डेंड्रिटिक सेल क्या कहता है, जो भी बैक्टीरिया या वायरस हमारे शरीर में घुस गया है, जिसको हमारे नॉर्मल सेल्स नहीं मार पा रहे हैं, उनके ऊपर जो एपीटोप होता है, एक खास प्रकार का प्रोटीन जिससे bind होकर सेल्स इन्हें फगोसाइट करते हैं। उन स्पेसिफिक प्रोटीन को जिसे एंटीजन भी कहते हैं, उन्हें अपने अंदर कैरियर करके यह डेंड्रिटिक सेल जाते हैं, सीधे हमारे लिंफेटिक सिस्टम के सबसे इंपोर्टेंट part lymph node नोट के अंदर।
जहां पर इन बैक्टीरिया के स्पेसिफिक एंटीजन को रीड करने का काम हमारे इम्यून सिस्टम की मिलिट्री के सबसे इंपॉर्टेंट फौजी helper टी सेल करता करता है। यह हेल्पर t-cell क्या करता है, यह जाकर हमारे लिंफ नोड में ही मौजूद जो फॉलिकल हैं, जहां पर इनएक्टिव b cell है, उन्हें जाकर एक्टिवेट करता है। उन स्पेसिफिक टाइप के बैक्टीरिया से लड़ने के लिए जिससे नॉर्मल सेल लड़ नहीं पाते हैं। और फिर यही बी सेल दो भागों में डिफरेंटशिएट हो जाता है।
एक जो इसी बैक्टीरिया से लड़ने के लिए प्लाज्मा सेल में डिफरेंटशिएट होकर ब्लड स्ट्रीम में एंटीबॉडीज को रिलीज कर देता है। जिससे उस specific bacteria के epitope से bind हो कर यह एंटीबॉडी इन वायरेसेस या बैक्टीरिया को सेल में एंटर करने से रोक देते हैं। और फिर macrophage इन pathogen को phagocyte करके इन्हें खत्म कर देता है। और दूसरा बी सेल मेमोरी b सेल में कन्वर्ट हो जाता है। जिससे दोबारा कभी भी यह स्पेसिफिक pathogen हमारे शरीर में आए, तो इनसे लड़ने के लिए तुरंत ही एंटीबॉडीज करके हमारे शरीर को इनके अटैक से बचा सके ।
अब देखिए यह जो इम्यूनिटी का part है, जिसमें b cell और t cell का इंवॉल्वमेंट हो जाता है, शरीर में pathogen से लड़ने के लिए, यह हमारे इम्यून सिस्टम का सबसे एडवांस स्टेज है। इसे हमारे इम्यून सिस्टम का adaptive immune system कहते है। ये जन्म से ही हमारे शरीर में एक्टिव नहीं होता है। बल्कि एक स्पेसिफिक टाइप के pathogen से लड़ने के लिए इसमें शरीर खुद को ट्रेन करता है। स्पेसिफिक टाइप के चल को बनाने के लिए।
देखिए इस वीडियो में मैं आपको इम्यून सिस्टम का एक ओवर भी दे दिया हूं। आगे हम इम्यून सिस्टम को बहुत ही डिटेल में जानेंगे। innate immune सिस्टम, adaptive immune system और कंप्लीमेंट सिस्टम इन सब चीज के बारे में डिटेल में जानेंगे ।