एलर्जी के समय शरीर में क्या होता हैं – hypersensitivty 1

देखिये जब भी कोई बैक्टीरिया या वायरस हमारे शरीर में आ जाता है, तो हमारे immune cell का काम होता है, उन्हें kill करना, ऐसे ऐसे substances रिलीज करना, जिससे inflammation हो यानी सूजन वगैरह हो। और बाकी के वाइट ब्लड सेल्स को ये पता चल जाए कि यहां पर pathogen है इन्हें kill करना है। लेकिन जब यही इम्यून सेल हमारे शरीर के अपने ही सेल्स को मारना शुरू कर देते हैं, या उन्हें डैमेज करना शुरू कर देते हैं, तो इसे बायलॉजी की भाषा में कहा जाता है कि हमारे इम्यून सेल्स हमारे अपने ही बॉडी के लिए हाइपरसेंसेटिव हो चुकी है, और इसे हाइपरसेंसटिविटी कहते हैं।

यह जो हाइपरसेंसटिविटी है यह हमारे शरीर में चार प्रकार के होती है, हाइपरसेंसटिविटी 1 हाइपरसेंसटिविटी टाइप टू, हाइपरसेंसटिविटी टाइप 3, हाइपरसेंसटिविटी टाइप 4, ये जो हाइपरसेंसटिविटी टाइप वन होता है, इसे ही हमारे शरीर में एलर्जी के नाम से जाना जाता है, और इस वीडियो में हम आज एलर्जी के बारे में ही जानेंगे यह क्या होता है और कैसे होता है…

एलर्जी यानी हाइपरसेंसटिविटी टाइप वन इसमें क्या होता है कि किसी particular substance जैसे कोई धूल हो गया या कोई pollen हो गया। chemical हो गया, इनसे कुछ कुछ व्यक्ति को बहुत ज्यादा हाइपरसेंसटिविटी होती है। जबकि इन allergens चाहे वह फूड हो गया या फिर वातावरण में किसी भी प्रकार का धूल या कोई जानवर के पार्टिकल या कोई केमिकल हो गया जब यह हमारे शरीर के अंदर एंटर करते हैं। जिन्हें अब इम्यूनोलॉजी की भाषा में एंटीजन कहते हैं, तो यह पहले यह हमारे इम्यून सेल्स जैसे macrophage के संपर्क में आते हैं और मैक्रोफेज इन allergens को जो बाहर से हमारे बॉडी के अंदर आ गए हैं, इन्हें कैरी करके ले जाते हैं lymph node के अंदर, lymph node के अंदर यह t cell के संपर्क में आते हैं। जहां पर t cell ऐसे इंटर लुकिंग यानी cytokines को रिलीज करने लगते हैं, जिसे डिटेक्ट करके b सेल प्लाज्मा सेल में तो कन्वर्ट हो जाता है, लेकिन यह रिलीज करने लगता है IGe एंटीबॉडी को यानी igE immunoglobins को।

यह सारी क्रियाएं बस कुछ मिनट कुछ सेकंड में ही होती है, बहुत तेजी से और जब यह एंटीबॉडी ब्लड में रिलीज हो जाती है, तो दरअसल यह igE एंटीबॉडी mast सेल्स जाकर bind हो जाती हैं, mast cell के surface पर और फिर जब इन्हीं मास्ट सेल के ऊपर दो एंटीबॉडीज से एक allergens जो बाहर से हम इन्हेल कर लिए हैं, air के through जब bind हो जाता हैं, तो यह जो mast cell है, यह कुछ इन्फ्लेमेटरी मेडिएटर्स जैसे हिस्टामिन वगैरह रिलीज करने लगते हैं। जिसके बारे में मैंने आपको पिछले वीडियो में भी बताया था कि ये हिस्टामिन ही हमारे शरीर में inflammation का मूल कारण होता है यानी सूजन का जलन का जैसे चीजों का।

जैसे ही हिस्टामिन हमारे ब्लड में रिलीज हुआ, यह ब्लड वेसल को dilate कर देता है यानी ब्लड वेसल्स को चौड़ा कर देता है, जिससे बहुत ज्यादा ब्लड tissue में इकट्ठा होने लगता है। और जो हमारी सांस की नली होती है उसे यह सीकोड देता है या नहीं constrict कर देता है।

जिससे होता है यह है कि जिन लोगों को किसी पार्टिकुलर substances से एलर्जी होता है, उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। उनकी आंखें लाल हो जाती हैं, आंख से पानी गिरने लगता है, आंखों में खुजली होने लगती है, क्योंकि हिस्टामिन से skin के लिए बहुत ही senstivity होता है। इसलिए ऐसे व्यक्तियों को स्किन में खुजली होने लगती है। हल्का सा सूजन हो जाता है, skin फूल जाती है।

हालात तक खराब हो जाते हैं जब यही एलर्जिक रिएक्शन anaphylaxis हो जाती है, मतलब जानलेवा साबित हो जाती है। इस कंडीशन में यह होता है कि ब्लड प्रेशर इतना ज्यादा dialate हो जाती हैं, हिस्टामिन की वजह से कि बहुत ज्यादा ब्लड ब्लड वेसल से निकलकर सीधे हमारे टिशू में ईकट्ठा हो जाती हैं। और ब्लड प्रेशर बिल्कुल लो हो जाता है। जब लो dose एंटीहिस्टामाइन ड्रग भी काम नहीं करते हैं। यह एलर्जी की सबसे सीरियस कंडीशन होती है। ऐसी स्थिति में केवल डॉक्टर ही आपका मदद कर सकता है।

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