देखिए हमारे शरीर में पसीना रिलीज करने वाली ग्रंथियां दो प्रकार की होती हैं. एक ग्रंथि वह जो जन्म से ही हमारे शरीर में एक्टिव रहती है, जो थोड़ा वाटरी टाइप का पानी जैसा पसीना रिलीज करती है। इसका काम हमारे शरीर के तापमान को कम करना होता है। इसे eccrine gland कहते हैं। वही दूसरे प्रकार की gland जो पसीना रिलीज करती है, इसे apocrine gland कहते हैं, और यह हमारे शरीर में हमारे आर्मपिट हमारे ग्रॉइन वाले इलाके हमारे निपल्स जैसे region में पाई जाती है। मतलब जहां-जहां बाल होते हैं, वहां वहां यह अपोक्राइन gland होते हैं। यह apocrine gland हमारे सेक्सुअल अराउजल में बहुत ही मेजर रोल play करते हैं, और इनसे निकलने वाला जो पसीना होता है, वह watery ना होकर थोड़ा मिल्की होता है।
देखिए अपोक्राइन gland हमारे शरीर में जन्म से ही एक्टिव नहीं रहते है. जैसे ही हमारे शरीर में हमारे सेक्सुअल हार्मोन एक्टिव होना शुरू होते हैं। जैसे एंड्रोजन वगैरह हमारे शरीर में वह वह जगह जो एंड्रोजन sensitive area होते हैं, जहां पर एंड्रोजन की वजह से बाल उगने शुरू हो जाते हैं, जैसे हमारी दाढ़ी, ग्रॉइन एरिया के बाल आर्मपिट के बाल और चेस्ट के बाल, वैसे ही हमारे यह अपोक्राइन स्वेट ग्लैंड भी डिवेलप हो जाते हैं। क्योंकि इनके डक्ट सीधे जाकर हेयर फॉलिकल में खुलते हैं।
चुकी यह हेयर फॉलिकल खुलते हैं, इसलिए जब यह सीक्रेट करते हैं अपने प्रोडक्ट को, तो यह सेबेशस ग्लैंड से जो oil रिलीज होता sebum उससे mix हो जाते हैं। इसीलिए इनका जो secretion होता वह थोड़ा मिल्की होता है, जिसमें बहुत सारा लिपिड और फैट के मॉलिक्यूल भी होते हैं। अब देखिए ये apocrine gland active कैसे होता है, जब व्यक्ति को डर लगता है, एंग्जाइटी होती है, या सेक्सुअल arousal होता है, उन सब के कारण से adrenaline हार्मोन और सेक्स हार्मोन के कारण से यह ग्लैंड एक्टिव हो जाते हैं। और अपना secretion करना शुरू कर देते हैं।
अब क्या होता है कि जैसे ही अपना secretion शुरू करते हैं, milky सा जिसमें बहुत सारा लिपिड मॉलिक्यूल भी होता है, surface पर बैक्टीरिया जैसे ही इस मिल्की पसीने से एनकाउंटर होती है, वह इस फैटी लिपिड molicule को खाना शुरु कर देती है, और जब जब यह इन मॉलिक्यूल को ब्रेकडाउन करते हैं, तो इन्हीं ब्रेकडाउन molecule से बहुत ही बुरी तरीके से बदबू आती है। जिसे हम कहते हैं कि हमारा पसीना बहुत ही पूरी तरीके से महक रहा है। असल में वह इस बैक्टीरिया के कारण ही होता है, और यह बैक्टीरिया ऐसा नहीं है कि हमारे जो eccrine gland से पसीना निकलता है, वहां से महकता है, यह केवल हमारे अपोक्राइन gland से निकलने वाले मिल्की पसीना से ही मिक्स होकर बदबू करते हैं
अब देखिए आपने एक शब्द शायद चुना होगा फेरोमोन का, क्या होता है कि जब भी कोई जानवर अपने skin से pheromone रिलीज करता है, पसीना के थ्रू, तो दूसरा जानवर अपने ऑपोजिट सेक्स के प्रति mating के लिए आकर्षित हो जाता है, इस फेरोमोन के वजह से, ये जो फेरोमोन है, दरअसल यह अपोक्राइन प्लांट से निकलने वाले पसीने में भी मिक्स रहता है। ऐसा माना जाता है कि मनुष्य के पसीने में भी इस अपोक्राइन gland से pheromone निकलता है, जो व्यक्ति को सेक्स के लिए उत्तेजित कर सकता है।
इसलिए अगर आप बहुत ज्यादा ठरकी हो और आप मे sex hormone release होना शुरू हुआ, सेक्सुअल एक्टिविटी के लिए, तो आपका apocrine gland active हो जाएगा, और आपको milky सा पसीना निकालेगा, जिससे बहुत ही तेजी से बदबू होने लगेगा और फेरोमोन से आपके ठरकी होने का पता भी लग जाएगा
शायद इसीलिए भारतीय शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि कामुक व्यक्ति बहुत ही बुरी तरीके से बदबू करते हैं।