आखिर जब कोई व्यक्ति जिम जाता है और ढेर सारी एक्सरसाइज करता है, तो उसकी मसल build कैसे हो जाती है. इसके पीछे का science क्या है?? आज इस वीडियो में हम यही जानेंगे।
देखिये होता यह है कि जब हम जिम में जाकर एक्सरसाइज करते हैं, तो यह हमारे मसल्स टिशु में tear ला देता है, यानी हमारी मैसेज टिशु डैमेज हो जाती है, और इसके ऑर्गेनल्स भी disrupt हो जाते हैं। यही कारण है कि जिम जाने के बाद हमें मसल में soarness का अनुभव होता है, यानी मसल में दर्द होने लगता है।
देखिए अब आपको यह तो पता चल गया कि जिम जाने से एक्सरसाइज करने से हमारे मसल में एक प्रकार का क्रैक आ जाता है, muscle tear होने लगती है, मसल डैमेज हो जाता है। अब आपको थोड़ा सा मसल की एनाटॉमी समझ लेनी है। देखिए आपको पिछले के वीडियो में मैंने बताया था कि जब मसल का निर्माण होता है, तो भ्रूण के अवस्था में ही, एक stem cell mesenchymal cell वह myoblast में differentiate हो जाता है।
बाद में यही मयोब्लास्ट आपस में जुड़ कर ek cylendrical शेप में मायो ट्यूब का निर्माण कर लेते है और यही myotube आपस में कट्ठा होकर मसल फाइबर का निर्माण कर लेता है। पर कुछ myoblast दरअसल myotube में नहीं बदलते हैं। बल्कि मसल्स फाइबर के आउटर मेंब्रेन पर ही आकर चिपक जाते हैं, और यह मसल फाइबर के stem cell की तरह काम करते हैं। इन्हें मसल फाइबर का satelite cell कहते हैं।
कहने का मतलब यह है कि मसल्स फाइबर के ऊपर एक स्पेशल किस्म की स्टेम सेल होती है, जिसे सेटेलाइट सेल कहते हैं, यही सेटेलाइट सेल differentiate होकर नए मसल फाइबर का निर्माण करती है।
देखिये जैसे ही मसल एक्सरसाइज की वजह से tear हो जाती है, damaged हुई मसल दरअसल cytokine नाम के केमिकल को रिलीज करने लगती है। जिसकी वजह से इस साइट पर इम्यून सेल्स आना शुरू कर देते हैं। यह इम्यून सेल्स क्या करते हैं, वैसे तो इनका काम बहुत ज्यादा है पर जनरल ली है इस एरिया में inflammation पैदा करने लगते हैं।
इससे होता ये है कि हमारे मसल फाइबर पर मौजूद जो सेटेलाइट सेल है, वह proliferate करने लगती है। मतलब डिवाइड होकर संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ने लगती हैं। और इस सेटेलाइट सेल को proliferte होने के लिए promote करता है एक स्पेशल किशन का सेल जिसे कहते हैं, fibro adipogenic progenitor,
जो कि हमारे मसल में ही पाया जाता है। ये बहुत इंपॉर्टेंट है यह सेटेलाइट सेल को एनर्जी प्रोवाइड कराता है, 1 तरीके से न्यूट्रिशन प्रोवाइड कराता है। और इसे सपोर्ट करता है तो proliferate करने के लिए….
देखिए जब यह सेटेलाइट सेल proliferate होकर इस डैमेज जगह पर आते हैं, तो ये fuse होकर आपस मिलकर मसल फाइबर का निर्माण कर लेता है, और जो ये डैमेज मसल है उसे rebuild कर देते है। अब देखिए जाहिर सी बात है मसल के निर्माण के लिए मतलब muscle build करने के लिए अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है, काम भर का
उतना नहीं जितना जिम इंस्ट्रक्टर एडवर्टाइज करते हैं, कुछ खास प्रोटीन का, उतना बिल्कुल भी नहीं… आप healthy ग्रीन leafy फ़ूड खाइये, अच्छी नींद लीजिये, ताकि यह cell अपना काम कर सकें। बस मसल रिबिल्ड हो जाती है।
अगर आप daily जिम जाकर अपने मसल को tear करते जाओगे और अच्छी नींद लोगे और न्यूट्रिशस खाओगे, तो धीरे-धीरे आपके मसल का growth बढ़ता जाएगा, पर एक बात आपको याद रखना है कि एक protein है myostatin यह हर एक व्यक्ति के शरीर में होता है अलग-अलग अमाउंट में, जिसमें ये myostatin बहुत ज्यादा होता है, वह व्यक्ति एक limit के बाद muscle growth नहीं कर सकता है। क्योंकि muscle growth के लिए myostatin एक inhibitor की तरह काम करता है। सबका शरीर अलग-अलग है, और यह myostatin पूरी तरीके से अलग-अलग जेनेटिक्स पर ही निर्भर करता है।