सदियों से भारत में ऐसा माना जाता है कि जिस किसी के चेहरे पर खासतौर से होठों के पास अगर तिल है, तो वह बड़ा ही सुंदर है, इसे beauty mark के रूप में प्रदर्शित किया जाता है. ऐसा केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में माना जाता है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि हमारे स्किन पर यह mole यानी के तिल बनते कैसे हैं? चलिए आप को यही बताते हैं।
देखिए हमारी स्किन 3 लेयर से मिलकर बनी हुई है, सबसे ऊपर वाली लेयर को epidermis कहते हैं, बीच वाली layer को dermis कहते हैं, और सबसे नीचे वाली लेयर को हाइपोडर्मिस कहते हैं। देखिए जो सबसे ऊपर ही वाली लेयर होती है, जिसे हम टच कर पाते हैं, एपिडर्मिस की layer यह 5 layer से मिलकर बनी हुई होती है। जिसमें सबसे जो नीचे वाली लेयर होती है, उसमें एक cell पाई जाती है, जिसे कहते हैं मेलानोसाइट, यह melanocyte ही हमारे शरीर में melanin रिलीज करके हमें काला या गोरा बना देती है।
यानी हमारे स्किन का कलर काला होगा या गोरा होगा ये टोटल ही इस melanocyte पर निर्भर करता है कि कितना ज्यादा melanin ये melanocyte release करता है, और यह melanocyte हमारे एपिडर्मिस के सबसे नीचे वाले लेयर में समान रूप से पाया रहता है, ये एक जगह इकट्ठा होकर नहीं रहते हैं।
अब देखिए एक स्टडी बताती है, जिस पर अभी बहुत ज्यादा काम बाकी है, वह यह बताता है कि जब कभी यही मेलानोसाइट हमारे जन्म के समय बहुत ज्यादा proliferate होकर एक ही जगह पर इकट्ठा हो जाते हैं, एक ही जगह क्लस्टर बना लेते हैं। और melqnin रिलीज करके वहां पर कुछ ज्यादा ही गहरे रंग की स्किन को बना देते हैं, उस particular spot पर और थोड़ा सा उभार उस skin पर कर देते हैं, तो वहां पर mole यानी तिल बन जाता है, चलीये ढंग से समझते हैं।
जन्म के समय जब यही melanocyte एपिडर्मिस के सबसे निचली लेयर basal लेयर में proliferate होकर एक ही जगह पर बहुत ज्यादा इकट्ठा हो जाते हैं। और इकट्ठा हो जाने के बाद यह जो मेलानोसाइट होती है, यह अब एक दूसरे प्रकार की मेलानोसाइट बन जाती है, इसमें dendrites नहीं होते हैं, जो कि स्किन में हर जगह जाकर खुले।
बस ये साधारण से थोड़े से बड़े आकार के mealnocyte बन जाते हैं, जो एक ही जगह पर बहुत ज्यादा मेलेनिन रिलीज कर देते हैं। जिससे उस जगह पर थोड़ा उभार हो जाता है, और वहां पर थोड़ा सा डार्क कलर का बंप सा बन जाता है। जिसे हम लोग birthmark mole या तिल के नाम से जानते हैं। हालांकि यह सब क्यों होता है यह अभी भी ढंग से वैज्ञानिकों को नहीं पता है। पर यह generally जन्म से लेकर 20 सालों तक ज्यादा देखा जाता है।
जो तिल जन्म से बनता है, वह खतरनाक तो नहीं होते हैं, लेकिन जो हमारे एडल्ट होने के बाद develope होते हैं, उनमें मेलानोमा होने का खतरा हो सकता है, एक प्रकार का कैंसर जो melqnocyte के वजह से ही होता है, पर जन्म से जो तिल होता है उसमें कोई भी खतरा नहीं होता है।