tv serials हो या movies या कोई विज्ञापनआपको यह सलाह हमेशा दी जाती है कि कभी भी कोई दवा खरीदें तो उसकी एक्सपायरी डेट ज़रूर चेक कर लें। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि कई बार आप दवा खरीदते समय आप इतनी जल्दी में होते हैं कि उसकी डेट चेक करना भूल जाते हैं और एक्सपायरी दवा खरीद लाते हैं। हालांकि अब लोगों में इसे लेकर काफी जागरूकता आ गयी है और वे कोई भी कफ़ सिरप या दवा खाने से पहले एक बार उसकी डेट ज़रूर चेक कर लेते हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आप एक्सपायरी डेट वाली दवा खा लेंगे तो क्या होगा? सबसे पहले तो यही नॉलेज मे लेना जरूरी है कि असल में किसी दवा के एक्सपायर होने का क्या मतलब होता है. आप कोई भी दवा खरीदें या स्वास्थ्य से जुड़ा कोई भी पदार्थ, आपको उसमें दो तारीखें स्पष्ट नजर आएंगी. पहली उसकी मैन्युफैक्चारिंग डेट यानी वह तारिख जिस दिन यह दवा बनी थी और एक्सपायरी डेट यानी वह तारिख जिसके बाद से इस दवा के असर की गारंटी उसे बनाने वाली कंपनी नहीं लेगी.
अक्सर दवाएं में किसी किस्म की केमिकल होती हैं. सभी केमिकल पदार्थों की यह विशेषता है कि समय बीतने के साथ उनका असर बदलता जाता है. ऐसा ही दवाओं के साथ भी होता है. हवा, नमी, गर्मी इत्यादि की वजह से कई बार समय बीतने के साथ दवाओं की प्रभावशीलता धीरे-धीरे घटने लगती है. इसी वजह से इसके साइड- इफेक्ट यानी दुष्परिणाम भी हो सकते हैं.
इसीलिए दवा बनाने वाली सभी कंपनियां किसी भी कानूनी झंझटों से बचने के लिए अपने उत्पादों पर उनकी उपयोगिता या कहिए validity खत्म होने की एक निर्धारित तारिख डाल देती हैं.तथ्यों से यह समझ में आता है कि अगर कोई दवा टेबलेट या कैप्सूल के रूप में है तो उसका असर उसकी एक्सपायरी डेट के बाद अधिक दिनों तक रहेगा अधिकतम 10 से 15 दिन लेकिन सिरप, आंख, कान में डालने वाले ड्रॉप और इंजेक्शन उनके एक्सपायर होने के बाद प्रयोग नहीं करने चाहिए.