कुछ विशेष प्रकार की सेल है, हमारे नर्वस टिशु के अंदर जो इन्हें पोषण देती हैं, इनका homeostasis मेंटेन करती है, साथ ही साथ इन न के axon पर fat की लेयर जिसे माइलिन कहते हैं, उन्हें भी चढ़ाते हैं, चलीये जानते हैं कि यह विशेष प्रकार की सेल क्या है जो हमारे brain के हेल्थ के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है।
हमारे ब्रेन की सेल न्यूरॉन को सपोर्ट करने वाले यह स्पेशल किस्म के सेल glial cell के नाम से जाने जाते हैं, और हमारे पूरे के पूरे नर्वस सिस्टम में यह glial cell 6 प्रकार के होते हैं, सेंट्रल नर्वस सिस्टम यानी हमारे ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड में glial सेल चार प्रकार की पाई जाती है। और peripheral nervous system यानी इसमें nerve फाइबर होते हैं, उसमें यह glial cell दो प्रकार के होते हैं।
सबसे पहले बात कर लेते हैं हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम के लिए glial cell के बारे में, देखिए जो पहला glial cell है cns में, वह है यह एस्ट्रोसाइट, जो कि बहुत ही ज्यादा खास है, हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम में, क्योंकि सबसे ज्यादा अमाउंट में पाए जाने वाले glial सेल है, हमारे नर्वस सिस्टम में। देखिये जैसे इसका नाम है एस्ट्रोसाइट एस्ट्रो का मतलब स्टार होता है, इसका जो शेप है, वह स्टार शेप में होता है। और इसमें से कुछ लंबे-लंबे प्रोजेक्शन से निकले होते हैं, कुछ प्रोसेसेस।
जोकि दो न्यूरॉन के बीच जो जंक्शन होता है, उससे जुड़े रहते हैं, और यह बहुत ही ज्यादा मात्रा में ब्लड वेसल से भी जुड़े रहते हैं। जो ब्लड वेसल्स ब्रेन को ब्लड प्रोवाइड कराते हैं। इससे होता यह है कि यह हमारे ब्रेन में ब्लड ब्रेन बैरियर को कंट्रोल करते हैं। यानी कोई भी pathogen कोई भी हानिकारक सब्सटेंस हमारे brain में नहीं पहुंच पाता है। केवल इस एस्ट्रोसाइट की वजह से, साथ ही साथ brain में injury हो जाने के बाद यही एस्ट्रोसाइट कुछ ऐसे प्रोटीन रिलीज करता है, जो हमारे brain को heal करता है, इस एस्ट्रो साइट के फंक्शन के बारे में बताने लगूंगा तो बहुत टाइम लग जाएगा।
दूसरा जो glial cell है, हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम में, वह है oligodendrocyte, यह क्या करता है, यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम में जो न्यूरॉन है, उनके ऊपर प्रोटीन और फैट किए की layer coated करता हैं। जिसे मायलिन शीत कहते हैं। यह एक न्यूरॉन को दूसरे न्यूरॉन से इंसुलेटेड रखता है। इन oligodendrocyte में भी कई सारे ब्रांच निकले रहते हैं, जो न्यूरॉन के axon पर जाकर जुड़े रहते हैं।
तीसरे प्रकार का जो ग्लियल सेल्स हमारे ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड में पाया जाता है, वह है microglia यह microglia आकार में बहुत ही छोटी होती है। और यह हमारे ब्रेन में इम्यून सेल की तरह मानी जाती है। कोई भी pathogen हो, कोई भी कचरा हो, कोई भी dead सेल हो हमारे ब्रेन में, उसको यह phagocytose करके ब्रेन को क्लीन करते हैं।
चौथे प्रकार का glial cell हमारे ब्रेन में जो पाया जाता है, वह है ependymal cell जो कि हमारे ब्रेन में कुछ खाली जगह होते हैं, कुछ कैविटी सा, यह कैविटी हमारे स्पाइनल कॉर्ड में भी पाई जाती है, इस cavity में एक फ्लूइड भरा रहता है, जो कि जिसे सेरेब्रॉस्पाइनल फ्लुएड कहते हैं। इसी कैविटी को ब्रेन का ventricle कहा जाता है। इन्हीं ventricles के लाइनिंग पर यह ependymal cell पाए जाते हैं। यह सेरेब्रॉस्पाइनल फ्लुएड को सीक्रेट करते हैं, इन्हें मेंटेन करते हैं।
इसके बाद देखिए जो दो इंपॉर्टेंट glial सेल हमारे पेरीफेरल नर्वस सिस्टम में पाया जाता है, mainly उन nerve फाइबर में जो हमारे हाथ पाव और बाकी के शरीर में पाए जाते हैं.
देखिये पहला जो glial cell है, पी एन एस में, वह है स्वान सेल, जो न्यूरॉन के axon के ऊपर wrap रहते हैं, और न्यूरॉन में sheath की तरह काम करते हैं। जिससे ये एक axon को दूसरे axon के इलेक्ट्रिक एक्टिविटी से बचा कर रखते हैं, उन्हें इंसुलेटेड रखते हैं। और इसे न्यूरॉन को पोषण देने का काम भी करते हैं, pns में।
वही दूसरा glial सेल है, हमारे पिएनस में सेटेलाइट glial cell, ye बिल्कुल एस्ट्रोसाइट की तरह ही फंक्शन करता है, हमारे पिएनस में… न्यूट्रिशन देता है, axon को स्टेबलाइज करता है, और आसपास के एनवायरनमेंट को कंट्रोल करता है.