कल्पना करो आपके पीछे एक सांड पड़ा हुआ है, वह आपको दौड़ा रहा है, आप बिल्कुल डरे हुए हो, आप पूरी जी जान से ताकत लगाकर वहां से दूर भागते हो, आप इतना तेज दौड़ने लगते हो, जितना आप पहले कभी नहीं दौड़ पाते होगे, क्योंकि अब आपके दिमाग को संकट महसूस हो रहा है, वैसे जनरली आप इतना तेज नहीं दौड़ पाते हो, लेकिन सांड के दौड़ आते ही आपके नस-नस में ताकत भर जाती है। आपके दिल की धड़कन बढ़ जाती है। और आप बिल्कुल तैयार हो जाते हो किसी भी की situation के लिए, उसको मारने के लिए या दौड़कर वहां से भाग जाने के लिए।
कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है, देखिए इस कंडीशन को फाइट और फ्लाइट सिचुएशन कहते हैं। यानी या तो लड़ो या वहां से तुरंत भाग जाओ।
देखिए हमारे शरीर में ऐसा होता है, एक hormone के कारण जिसका नाम है, एड्रीनलिन यह adrenaline आखिर ऐसा कर कैसे कर देता है। और यह आखिर हमारे शरीर में आता कहां से है। कौन सा अंग इससे रिलीज करता है, चलिए आज आपको शरीर के एक ऐसे ही अंग के बारे में बताएंगे, जो हमारे नस नस में ताकत तो भर ही देता है, साथ ही साथ और भी बहुत कुछ करता है, शुरू करने से पहले यह वीडियो पसंद आएगा तो आप लाइक कर देना।
देखिए हमारे पास दो किडनी होती है, और इन्हीं दो किडनी के ऊपर बिल्कुल किडनी की टोपी की तरह एक ट्रायंगुलर शेप में एक ग्लैंड होता है, जिसे एड्रिनल ग्लैंड के नाम से जानते हैं, यह वजन में मात्र 5 ग्राम तक का होता है, लेकिन इसके काम बहुत बड़े बड़े होते हैं।
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देखिए जब हम एड्रिनल ग्लैंड के अंदर जाकर देखेंगे, तो हम पाएंगे कि यह 2 लेयर से मिलकर बना होता है, इस के बाहरी वाले भाग को कॉर्टेक्स कहते हैं, और इसके अंदर वाले भाग को मैंड्यूला कहते हैं।
देखिए इस एड्रिनल ग्लैंड का मॉडयूला बना होता है नर्वस टिशु से, जिसका मतलब सीधा सा है कि यह हमारे नर्वस सिस्टम से trig होता है और उसके कमांड पर ही अपने हारमोन या न्यूरोट्रांसमीटर को रिलीज करता है।
देखिए जैसे ही हमें डर लगता है, हमें क्रोध आता है, हमें घबराहट से महसूस होता है, तो तुरंत ही हमारी सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है, और जैसे यह सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट होता है, यह हमारे एड्रिनल ग्लैंड के एड्रिनल medulla को stimulate कर देता है और stimulation के बाद यह एड्रिनल ग्लैंड का medulla epinephrine जिसे adrinaline हार्मोन कहते हैं और norepinephrine जिसे noradrenaline hormones भी कहते हैं, वह रिलीज करने लगता है।
इसका नतीजा यह होता है कि हमारा ब्लड प्रेशर बिल्कुल बढ़ जाता है, दिल की धड़कन बढ़ जाती है, ग्लूकोस glucolysis होने लगता है, हमारे muscles में बिल्कुल ताकत आने लगती है, और हम किसी भी फ्लाइट और फाइट सिचुएशन से लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। जैसे मैंने अभी आपको बताया था कि अगर आपके पीछे कोई सांड पड़ जाए तो, आपके अंदर बिल्कुल ऊर्जा का संचरण हो जाता है, वह इन्ही हार्मोन के कारण होता है।
देखे अभी तो मैंने आपको एड्रिनल ग्लैंड के medulla के बारे में बताया, अब जानते हैं इसके कॉर्टेक्स रीजन के बारे में, देखिए इसका cortex रीजन 3 लेयर में बटा हुआ होता है, एक बार स्क्रीन पर आप इसके तीनों लेयर के नाम को देख लीजिए।
देखें adrenal cortex का जो पहला लेयर होता है, वह मिनरलोकॉर्टिकॉइड्स नाम के हारमोंस को रिलीज करता है। जो कि एक प्रकार का स्टेरॉयड hormone होता है। यह कई प्रकार के हार्मोन होते हैं, जिनमें से सबसे अच्छा उदाहरण में अगर आपको दे सकूं तो वह है Aldosterone का। इन हार्मोन का काम क्या होता है…. देखें इन हारमोंस का काम होता है, हमारे शरीर में पोटैशियम और सोडियम आयन को बैलेंस करना, किडनी को यह सिग्नल देकर कि वह कम से कम सोडियम आयन को शरीर से एक्सक्रीट करें। और जैसा कि आपको पता है कि इन ions का काम हमारे शरीर में बहुत बहुत और बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है। जैसे उदाहरण के लिए इनका काम हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर को संतुलित करना रहता है। जब हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर कम हो जाता है तो यह ion इन हॉर्मोन की सहायता से इसे बढ़ाने का काम करते हैं।
इसी एड्रिनल ग्लैंड का दूसरा लेयर Glucocorticoid नाम से हार्मोन को रिलीज करता है, यह भी कई सारे hormones होते हैं, उनमें से सबसे अच्छा उदाहरण है cortisol और ये hormone तब एक्टिवेट होता है, जब हमें बहुत ज्यादा समय तक के लिए तनाव हो जाता है, देखिए जब हमे बहुत ज्यादा तनाव या चिंता हो जाता है, तो यह ग्लूकोकॉर्टिकॉइड प्रोटीन और फैट को तोड़कर ग्लूकोस बनाने लगता है। और जब ऐसा होता है तब पैंक्रियास को ज्यादा से ज्यादा काम करके इंसुलिन बनाना पड़ता है, जिससे यह होता है कि पैंक्रियास बहुत ज्यादा काम करने से, एक समय के बाद इंसुलिन बनाना ही बंद कर देता है और लोगों को डायबिटीज की बीमारी हो जाती है।
और इसी कोर्टेक्स का तीसरा भाग sex hormone को बनाता है, एक मेल हार्मोन एंड्रोजन और एक फीमेल हार्मोन एस्ट्रोजन, एंड्रोजन ये बल्क में बनाता है, और estrogen को थोड़ा कम बनाता है।
एंड्रोजन का काम हमारे शरीर में मर्दों वाले गुणों को विकसित करना है, जैसे कंधे को चौड़ा करना दाढ़ी मूछ जैसी चीजों को लाना, हां औरतों में अगर इसकी मात्रा ज्यादा हो जाए तो औरतों को भी दाढ़ी मूछ निकलने लगती है।
एस्ट्रोजन एक फीमेल हार्मोन होता है, हालांकि यह दोनों ही hormone दोनों में ही होते हैं, लेकिन एस्ट्रोजन का काम शरीर में औरतों वाले गुणों को विकसित करना है।