हमारी नाक से हमेशा चिपचिपा सा वाटरी सा जो चीज निकलता रहता है ना, वह ऐसा नहीं है कि केवल हमारे नाक के अंदर ही पाया जाता है। बल्कि ये हमारे गट के अंदर, हमारे lungs के अंदर जैसे हर एक inner lining में पाया जाता है। ताकि इस चिपचिपी से पदार्थ के अंदर कोई भी बैक्टीरिया या हवा में मौजूद गंदगी trap हो जाए। और शरीर से बाहर निकल जाए।
जानते हैं हमारे नाक के अंदरूनी हिस्से के अंदर जब हम जाएंगे, तो इन्हीं नाक के अंदरूनी दीवार के ऊपर एक म्यूकस मेंब्रेन की एक layer पाई जाती है। मेम्ब्रेन से मतलब एक पतली सी झिल्ली की layer, बिल्कुल प्लास्टिक की पन्नी की तरह मान लीजिए। जिसमें एक स्पेशल किस्म की सेल होती है, जिसे goblet सेल कहते हैं। goblet cell एक विशेष प्रकार का प्रोटीन mucin रिलीज करता है। जो की प्रोटीन और शुगर का एक कॉन्बिनेशन होता है। यही mucin प्रोटीन जब बहुत सारा वॉटर के साथ मिल जाता है। तो इसे म्यूकस कहा जाता है।
यह म्यूकस क्या करता है जब भी कोई व्यक्ति पर बैक्टीरिया या वायरस अटैक करता है, नाक के ज़रिए, तो सबसे पहले यह इस mucous के चिपचिपे वातावरण में फंस जाता है। और इम्यून सेल्स आकर इन बैक्टीरिया और वायरस को किल करके, हमारे शरीर से बाहर निकाल देते हैं। कोई भी धूल या फिर जो धुंआ हमारे नाक में प्रवेश करता है। सबसे पहले इसी म्यूकस में trap हो जाता है, और हमारे शरीर को हानि पहुंचाने नहीं देता है।
नाक में मौजूद यही म्यूकस जब सूख जाता है, तो एक dry सा mucus हमे मिलता है, जो अक्सर हमारे नाक में पाया जाता है, और यह म्यूकस तब अपना कलर बदल देता है, जब कोई बैक्टीरिया या वायरस हम पर अटैक करता है, और इम्यून सेल्स बहुत ही तेजी से काम करके, ऐसे enzyme रिलीज कर देते हैं, जिससे इस का कलर ग्रीन या yellowish हो जाता है।
यहां पर यह जो olfactory nerve है, जहां से हम किसी भी चीज को सूंघ पाते हैं, वहां पर bowman gland नाम का या कहिए olfactory gland नाम का भी एक mucous membrain पाया जाता है। जो इस olfactory nerve को प्रोटेक्ट करता है, किसी भी pathogen से, यह बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है हमारे ब्रेन की हेल्थ के लिए।