न्यूरॉन कितने प्रकार के होते हैं

देखिए न्यूरॉन हमारे ब्रेन के बिल्डिंग ब्लॉक है, लेकिन अगर आप यह समझते हैं कि हमारे ब्रेन में केवल न्यूरॉन ही हैं, तो आप बहुत गलत समझते हो, जीतने न्यूरॉन हैं हमारे ब्रेन में, उसके बराबर या उससे भी कहीं ज्यादा हमारे ब्रेन में glial सेल है, वह सेल जो न्यूरॉन को norioush करते हैं, उन्हें ऑक्सीजन प्रोवाइड कराते हैं, उन्हें पोषण देते हैं। याद रखियेगा अगर आपको दिमाग को समझना है, तो केवल न्यूरॉन को पढ़कर आप कभी भी ब्रेन को नहीं समझ सकते हो।

पिछले के वीडियोस में मैंने आपको यह बता रखा है कि हमारे दिन में glial cell का काम क्या होता है, और वह कितने प्रकार के होते हैं, आज चलिए इस वीडियो में यह जान लेते हैं कि हमारे ब्रेन में जो न्यूरॉन है, जो इलेक्ट्रिसिटी को कंडक्ट करते हैं, हमारे ब्रेन में इंपल्सेस को भेजते या sense करते हैं, वह कितने प्रकार के होते हैं।

न्यूरॉन को उस के फंक्शन और उसके structure के आधार पर डिवाइड किया जाता है। चलिए जानते हैं कि स्ट्रक्चर के आधार पर न्यूरॉन कितने प्रकार के होते हैं।

देखिये स्ट्रक्चर आधार पर जो पहला न्यूरॉन होता है, वह होता है यूनीपोलर न्यूरॉन, इसमें एक सेल बॉडी होती है, और एक axon मतलब इसके cell body से केवल एक ही प्रोसेस निकला रहता है। यह मनुष्य में नहीं पाया जाता है।

दूसरा है बाइपोलर न्यूरॉन, जिसमें एक सेल बॉडी से दो प्रोसेसेस निकले रहते हैं, एक axon और एक dendrites, ये सेंसरी न्यूरॉन होते है, और यह हमारे रेटिना पर हमारे एपिथेलियल टिश्यू पर यानी नाक के अंदर और हमारे वेस्टिब्यूलोकोकलियर जाने वाले कान के अंदर पाए जाते हैं, सिग्नल को सेंस करने के लिए…

तीसरे प्रकार का निर्माण होता है, मल्टीपोलर न्यूरॉन. इस न्यूरॉन में न्यूरॉन के cell body से एक axon निकला हुआ होता है, और इसके cell body से ही कई सारे dendrites निकले होते हैं। मतलब न्यूरॉन के cell body से कई सारे प्रोसेसेस निकले रहते हैं। यह neuron मोटर फंक्शन के लिए काम आता है। मतलब हम अपने हाथ पाव को हिलाना डुलाना सहित जो भी काम कर पाते हैं। इन्हीं के सिग्नल से कर पाते हैं, यह हमारे ब्रेन के  cerebral cortex में पाए जाते हैं।

एक चौथे प्रकार का न्यूरॉन है pseudounipolar न्यूरॉन, जिसमें न्यूरॉन की एक ही सेल बॉडी होती है, इसमें केवल एक ही प्रोसेस निकला रहता है, लेकिन यही एक ही प्रोसेस दो डायरेक्शन में stertch हो जाता है। यानी ये axon दो डायरेक्शन में स्प्लिट हो जाता है। हर एक एंड पर dendrite निकले होते हैं। एक पेरीफेरल नर्वस सिस्टम में रहता हैं और और एक dendrite सेंट्रल नर्वस सिस्टम में जाकर involve हो जाता है। यह न्यूरॉन भी सेंसरी न्यूरॉन की तरह काम करता है।

और 5वें प्रकार का neuron होता है, anaxonic न्यूरॉन, जिसमे कोई axon नहीं होते हैं, केवल एक cell बॉडी ही होती है, और इसमें कई सारे dendrites निकले रहते हैं, न्यूरॉन के cell body से, इनका फंक्शन मोटर और सेंसरी न्यूरॉन के बीच में relay स्टेशन की तरह होता है। और यह ब्रेन में, एपिथीलियम ऑफ ऑल फैक्ट्री और रेटिना जैसी जगह में पाए जाते हैं।

यह तो हुआ न्यूरॉन का क्लासिफिकेशन स्ट्रक्चर के आधार पर, अब जान लेते है कि फंक्शन के आधार पर न्यूरॉन का क्लासिफिकेशन कैसे किया गया है, यह बहुत ज्यादा सिंपल है।

इसमें सबसे पहले आते हैं मोटर न्यूरॉन जो हमारे शरीर को movement देते हैं। यह मल्टीपोलर neuron होता है। दूसरा होता है, सेंसरी न्यूरॉन जो हमें किसी भी चीज को सेंस करने में मदद करते हैं, यह बाइपोलर और peusdo यूनीपोलर न्यूरॉन होते हैं, स्ट्रक्चर में, और एक होता है इंटरन्यूरॉन जो सेंसरी न्यूरॉन और मोटर न्यूरॉन के बीच में जंक्शन की तरह काम करते हैं। ये mainly मल्टीपोलर न्यूरॉन होते हैं, और कुछ कुछ जगह पर ये anaxonix भी हो सकते हैं।

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