पसीना क्यों होता हैं – what cause sweat

आप मुझे यह बताइए कि आपको किन किन परिस्थितियों में बहुत ज्यादा पसीना आता है, जब आप एक्सरसाइज करते हो, जब मौसम बहुत ज्यादा गरम हो और वातावरण में humidity बहुत ज्यादा हो, जब आप बहुत ज्यादा नर्वस होते हो या जब आप मिर्ची वगैरह खाते हो… अब प्रश्न यह है कि इन सभी परिस्थितियों में आपको पसीना क्यों आता है ?? चलिए आपको पूरी बात बताते हैं ढंग से….

देखिये जब हम एक्सरसाइज करते हैं, तब हमारे body के cells में मेटाबॉलिक रेट बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। माइटोकॉन्ड्रिया को ग्लूकोज और ऑक्सीजन लेकर बहुत ज्यादा एनर्जी बनानी पड़ती है। यह एनर्जी हमारे शरीर के टेंपरेचर को बहुत ज्यादा बढ़ा देती है, क्योंकि इस समय बहुत ज्यादा तेजी से सेल के मेटाबॉलिक क्रियाएं काम कर रही होती है। शरीर गर्म हो जाता है, ऐसी परिस्थिति में बहुत ज्यादा जरूरी है कि शरीर अपने इंटरनल बॉडी टेंपरेचर को तुरंत ही मेंटेन करें, नहीं तो हमारा ब्रेन और इंटरनल ऑर्गन बुरी तरीके से डैमेज हो सकता है।

इसके लिए भी प्रकृति ने हमारे शरीर में हमारा अपना कूलिंग सिस्टम हमें दे रखा है। देखिये होता क्या है कि जैसे ही शरीर गर्म हुआ, हमारे स्किन में मौजूद sweat glands हमारे स्किन के ऊपर पसीने के रूप में, जिसमें 99% वाटर होता है और 1% कुछ minerals और fat होते हैं। वह हमारे स्किन पर आते हैं और स्किन पर आकर यह हमारे बॉडी के एक्सेसिव अमाउंट में रिलीज हुए हीट को absorb कर लेते हैं। और जैसे ही ये heat अब्सॉर्ब करते हैं, यह पसीना जिसमें 99% वाटर होता है, वह evaporate हो जाता है, मतलब भाप बनकर वातावरण में ही उड़ जाता है और हमारे शरीर से excessive हिट बाहर निकल जाती है। पर कैसे पसीना हमारे शरीर से बाहर कैसे निकलता है। सबसे पहले ये तो जाने…

देखिये हमारी स्किन 3 लेयर से मिलकर बनी हुई होती है. ऊपर की एपिडर्मिस बीच वाली dermis और सबसे नीचे वाली हाइपोडर्मिस। बीच वाली dermis की layer होती है। इसी में ही हमारा sweat gland होता है, यानी पसीना रिलीज करने वाला ग्लैंड होता क्या है। इसमें जो sweat gland होता है, उसमें sweat gland coiled tube के रूप में dermis layer में रहता हैं, और इनके जो डक्ट होता है वह सीधे जाकर हमारे स्किन पर जाकर खुलते हैं।

अब देखिए ये sweat gland भी हमारे skin में  दो प्रकार के होते हैं। ऐसा नहीं है कि सारे एक जैसे होते हैं। अब ये दो प्रकार के sweat gland कौन-कौन से होते हैं, हमारे स्किन में।

देखिए एक होता है apocrine sweat gland यह हमारे skin में उन जगह पर पाया जाता है, जहां पर हमारे skin में बहुत ज्यादा बाल होते हैं। क्योंकि इन gland के डक्ट जाकर सीधे हमारे हेयर फॉलिकल से होते हुए हेयर के जो pore होते हैं। वहां जाकर खुलते हैं, और इन से निकलने वाला जो पसीना होता है, वह watery ना होकर थोड़ा मिल्की होता है। और यह सेक्सुअल अराउजल में बहुत ज्यादा मेजर रोलप्ले करते हैं। इनका आकार दूसरे sweat gland की तुलना में ज्यादा बड़ा होता है, और यह तभी एक्टिव होते हैं, जब हमारे में जवानी आना शुरू होती है।

देखिए कहां कहां होते हैं। यह होते हैं हमारे आर्मपिट पर, हमारे ग्रोइंन वाले इलाके पर, हमारे निपल्स के around और मर्दों में चेस्ट पर भी होता है।

दूसरे प्रकार का sweat gland होता है, skin पर, eccrine sweat gland, इसमें क्या होता है कि इनके ducts apocrine gland की तरह हेयर फॉलिकल्स के pore पर नहीं खुलते हैं। बल्कि इन के pore skin पर अलग से ही खुलते है, और इन का जो secretion होता है, यानी इन से निकलने वाला जो पसीना होता है, वह वॉटरी होता है, यानी इसमें पानी की तरह द्रव बाहर निकलता है।

अब हमारे शरीर में ये eccrine gland कहां कहां पाए जाते हैं, देखिये यह हमारे शरीर में उस जगह पर ज्यादा पाए जाते हैं, जहां पर हमारे स्किन में बाल बहुत कम होता है, जैसे सबसे ज्यादा यह हमारे काम में मतलब हथेली में और पैरों के sole में, हमारे माथे पर सबसे ज्यादा पाए जाते हैं। पर यह हमारे जो torso होता है, जहां पर हमारा chest पेट वगैरह होता है, वहां पर उस जगह पर पाए जाते हैं, जहां पर बाल नहीं होते हैं। अगर बाल होंगे तो वहां पर अपोक्राइन ग्लैंड ज्यादा होंगे।

और यह जो eccrine gland है, यह हमारे शरीर में जन्म से ही एक्टिव रहता है। इसके लिए ऐसा नहीं है कि adult होने पर ये एक्टिव होंगे। हमें ये watery पसीना हमेशा ही आता रहता है जब जब शरीर गर्म होता है।

Eccrine काम कैसे करता है, जब हमारी पर्टिकुलर टिशू बहुत ज्यादा गर्म हो जाती है, मेटाबॉलिक रेट की वजह से या फिर किसी एक्सटर्नल हीट की वजह से, होता यह है कि तब हाइपोथैलेमस हमारे पूरे शरीर को अच्छा सिग्नल देने लगता है कि यह स्वेट ग्लैंड एक्टिव हो जाए। हमारी ब्लड वेसल्स dilate हो जाती हैं, और ब्लड वेसल्स के सेल्स के बीच थोड़ी दूरी बन जाती है, जिससे वहां से वाटर लीक होकर हमारे sweat gland में आने लगता है। जाहिर सी बात है जब इसमें वॉटर आएगा तो इसमें सोडियम और क्लोराइड आयन भी आएंगे क्योंकि इसी सोडियम क्लोराइड आयन के ग्रेडियंट के वजह से वाटर sweat gland में आता है। और duct के थ्रू बाहर स्किन पर आता है, और heat absorb करके evaporate हो जाता है।

जब हम मिर्च खाते हैं या जब हम बहुत ही नर्वस होते हैं, तब हमारा मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है, हमारी मसल बहुत तेजी से काम करने लगती है। इसीलिए तब भी हाइपोथैलेमस हमारे शरीर को पसीना रिलीज करने का सिग्नल देने लगता है।

वही जो अपोक्राइन स्वेट ग्लैंड होता है यह तब एक्टिवेट होता है, जब हमारे शरीर में सेक्सुअल हार्मोन डिवेलप होते हैं, और हमारे स्किन में हमारे ग्रोइंग वगैरह में हेयर फॉलिकल grow होना शुरू हो जाता है, तो उसी से लगा हुआ यह अपोक्राइन gland भी एक्टिव हो जाता है। इनसे जो secret होता है, वह थोड़ा प्रोटीन रिच मिल्की पसीना होता है, और यही मिल्की पसीना जब बैक्टीरिया के समपर्क में आता है तो हमें बदबू देता है। इसके बारे में वीडियो बनाऊंगा।

फिलहाल आप यह जानिए कि जो वाटरी पसीना होता है, जो हमारे बॉडी में हर जगह होता है, जहां जहां हेयर फॉलिकल कम होते हैं, उसका काम हमारे शरीर के टेंपरेचर को cool down करना होता है, वाटर के evaporation के थ्रू, वाटर heat को absorb करके evaporate होता है।

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