थायराइड ग्लैंड, जो कि हमारे शरीर के मेटाबॉलिक एक्टिविटी को कंट्रोल करता है, जैसे भोजन का पाचन, सांस का लेना और सेल्स में glucose का ऑक्सीडाइजेशन वगैरह, अपने मेन हार्मोन T3 और t4 को रिलीज करके। इसी तरह यह थायराइड ग्लैंड एक और हारमोंन रिलीज करता है, जो कि हमारे ब्लड में बढ़े हुए ब्लड कैल्शियम को store में स्टोर करवाने में मदद करता है, उस हार्मोन का नाम है कैल्सीटोनिन… पिछले वीडियो में मैं आपको थायराइड के बारे में पूरी जानकारी दे चुका हूं, अगर ये वीडियो आपको अच्छा लगेगा तो लाइक कीजियेगा।
देखिए जब हमारे खून में ब्लड कैल्शियम की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है, तो थायराइड तो इसे हमारे हड्डियों में स्टोर करवा देता है, लेकिन कभी-कभी हमारे शरीर में ऐसी सिचुएशन भी आती है जब हमारे ब्लड में कैल्शियम की मात्रा बहुत ज्यादा घट जाती है। हमारे शरीर को ज्यादा कैल्शियम की जरूरत पड़ती है। और इस store कैल्शियम को ब्लड में बढ़ाने की ज़रूरत पड़ती हैं।
उसके लिए भी हमारे बॉडी में एक बहुत ही जबरदस्त व्यवस्था पहले से ही किया गया है, देखिए हमारे थायराइड gland के पीछे एक और gland होता है जिसे पैरा थायराइड ग्लैंड कहते हैं। यह संख्या में चार होते हैं, यह बिल्कुल चावल के दाने के बराबर होता है, और वजन में यह मात्र 40 मिलीग्राम तक होता है। एक बार इमेज में इन चारों पैरा थायराइड ग्लैंड के लोकेशन का आप देख लीजिए।

अब चुकी ये एक एंडोक्राइन ग्लैंड है, इसलिए इससे ब्लड कैपिलरी से जुड़ी रहती हैं, देखिए होता क्या है, जैसे ही हमारे खून में कैल्शियम की मात्रा घट जाती है, वैसे ही हमारा पैरा थायराइड ग्लैंड इसे डिटेक्ट कर लेता है और एक्टिव होकर अपने सबसे मेन हार्मोन पैरा थायराइड हार्मोन जिसे पीटीएच भी कहते हैं, उसे रिलीज करता है। पैरा थायराइड ग्लैंड में मौजूद चीफ सेल्स इस पीटीएच हार्मोन को सीक्रेट करते हैं।
देखिए जैसे ही खून में यह पैरा थायराइड हार्मोन आते हैं, यह सबसे पहले जाकर हमारे इंटेस्टाइन को यह सिग्नल देते हैं कि हमारे खून में कैल्शियम की कमी हो गई है। जितना ज्यादा हो सके कैल्शियम को absorb करो, क्योंकि जो भी हम भोजन करते हैं, वहीं से तो हमें nutrition मिलता है, इसलिए सबसे पहले यह इंटेस्टाइन को सिंगल देते हैं कि कैल्शियम को ज्यादा से ज्यादा absorb करो।
फिर ये किडनी को स्टिम्युलेट करके किडनी को सिग्नल देते हैं कि कम से कम कैल्शियम को यूरिन के थ्रू शरीर से बाहर की ओर उत्सर्जित करो, जिससे शरीर में कैल्शियम की मात्रा बनी रहे।
उसके बाद यह हमारे हड्डियों में जाते हैं जहां पर हमारे हड्डियों के अंदर एक बहुत ही महत्वपूर्ण cell ओस्टियोक्लास्ट को स्टिम्युलेट कर देते हैं, जिनका काम यह होता है कि हमारे बोन को destruct करके कैल्शियम को हमारे ब्लड स्ट्रीम में भेजना शुरू करते हैं। जिससे यह खून में कैल्शियम की मात्रा को बैलेंस में बनाए रख सकें।
आपको बता दें कि हमारे हड्डियों में दो इंपॉर्टेंट सेल होते हैं, एक होता है ओस्टियोब्लास्ट सेल और एक होता है ओस्टियोक्लास्ट। ओस्टियोब्लास्ट हड्डियों के निर्माण में बहुत ही आवश्यक होते हैं, और ओस्टियोक्लास्ट हड्डियों को destruct करके उस के थ्रू कैल्शियम को ब्लड में ले जाते हैं।
और इस तरह ये पैरा थायराइड ग्लैंड खून में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाता हैं।
देखिए कभी-कभी ऐसा होता है कि इसी पैरा थायराइड ग्लैंड में कभी कुछ डिसऑर्डर सा जाता है, कभी ऐसा होता है कि यही पैरा थायराइड ग्लैंड बहुत ज्यादा पीटीएच हारमोंस रिलीज करने लगते हैं, जिससे होता यह है कि हमारी हड्डियों से कैल्शियम का क्षरण बहुत ज्यादा होने लगता है, जिससे हड्डियां खोखली होने लगती है, और व्यक्तियों को ओस्टियोपोरोसिस की बीमारी होने लगती है। किडनी में किडनी स्टोन भी बनने लगता है। इस तरीके के बीमारी को हाइपर कैल्सीमियां कहते हैं।
और कभी कभी ऐसा होता है कि यही पैरा थायराइड ग्लैंड बहुत कम पीटीएच हार्मोन सीक्रेट करते हैं, जिससे शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। और हमारे मसल्स को कंट्रक्शन के लिए कैल्शियम की जरूरत पड़ती है। इसलिए जब कैल्शियम की कमी होगी तो हमारे मसल्स में stiffness आने लगती है। इस तरह पैरा थायराइड gland के कम पीटीएच हार्मोन सीक्रेट करने को हाइपोकैल्सीमिया कहते हैं।