हमारे शरीर का एक ऐसा अंग, जो हमारे शरीर में ब्लड को रिजर्व रखता है, जब हमें जरूरत पड़ती है, जब हमारा बहुत ज्यादा खून loss हो जाता है, तो तुरंत ही इसे नसों में बहा कर, यह हमारे शरीर में खून की पूर्ति करता है। किसी भी तरीके का इंफेक्शन हो, उस से लड़ने के लिए जो हमारे शरीर में t-cell या b-cell की आवश्यकता होती है, उसे एक्टिवेट करने का काम और उन्हें स्टोर करके रखने का काम भी यह स्पेशल अंग ही करता है. जिसका नाम है spleen जिसे हिंदी में प्लीहा कहते हैं.
बिना समय गवाएं आज मैं आपको बताने वाला हूं कि यह प्लीहा यानी spleen काम कैसे करता है. यह बना कैसे हुआ है और यह हमारे शरीर में क्या इंपोर्टेंस रखता है.
देखिए spleen एक Bean shaped ऑर्गन है, जो हमारे डायाफ्राम के नीचे बिल्कुल बाय और पसलियों के अंदर रहता है. यह stomach के पीछे की ओर रहता है और यह लंबाई में 5 इंच चौड़ाई में 4 इंच और 1 इंच थिक होता हैं। spleen गाढ़े purple रंग का होता है, वजन की बात करें तो यह 150 ग्राम तक होता है।
देखिए spleen के अंदर दो ब्लड वेसल्स आयी होती हैं, एक होता है स्प्लेनिक आर्टरी जो स्प्लीन को ऑक्सिजनेटेड ब्लड देता है, और एक होता है स्प्लेनिक वीन जहां से डीऑक्सीजनेटेड ब्लड स्प्लीन से बाहर की ओर निकलता है।
जब आप spleen के अंदर जाकर देखते हो, तो आप देखते हो कि स्प्लीन कई सारे कंपार्टमेंट में बटा हुआ है, बिल्कुल एक फूल की पत्तियों की तरह, जिसे trabaculae कहते हैं, इन trabaculae से spleen में अंदर की ओर आई आर्टरी और वेंस की ब्लड कैपिलरी फैली रहती हैं।
देखिये जब spleen के अंदर यह आर्टरी और विन के पतले पतले ब्लड कैपिलरी में फैल जाती है, तो उनके चारों ओर कुछ स्पेशल lymphoid टिशु होते हैं। जो spleen के वर्किंग में बहुत बड़ा रोल प्ले करते हैं और हमारे शरीर के लिए तो बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है।
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देखिए spleen में ये arterioles के चारों ओर जो lymphoid टिशु घिरा रहता है, उसे white pulp कहते हैं, जो कि शरीर में इम्यून सेल्स जैसे t-lymphocytes और बी लिंफोसाइट्स के एक्टिवेशन और उनके स्टोरेज में बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है। स्प्लीन में कुल tissue का 25% होता हैं।
वही veins के ब्लड कैपिलरी के चारों ओर जो लिंफाइड टिशु घिरे रहते हैं, उसे रेड पल्प कहते हैं। जोकि अनहेल्थी रेड ब्लड सेल्स को phagocyte करके उन्हें dead कर देता है, और उन्हें तोड़कर बिलीरुबिन और आयरन को अलग अलग कर देता हैं, ये spleen में 75% होता हैं।
चलिए आप यह तो समझ गए कि spleen के अंदर दो प्रमुख लिंफाइड टिशु जो है वह है red pulp और white pulp, यही दो चीज spleen में काम करते हैं और इम्यूनिटी और ब्लड के स्टोरेज में मदद करते हैं।
अब देखिए जैसे ही spleen में आर्टरी के थ्रू खून आता है तो इन arterioles के चारों ओर जो white pulp तो गिर ही रहते हैं, वो वाइट पल्प बने होते हैं, टी लिंफोसाइट मैक्रोफेजेस और बी लिंफोसाइट्स से।
देखिए जैसे ही शरीर में जब भी कोई इंफेक्शन आता है, वायरस वगैरह जिसे शरीर की नार्मल सेल्स मार नहीं पाते हैं। तब हमारे ब्लड स्ट्रीम में उस वायरस के प्रति डेंड्रिटिक सेल एंटीजन लेकर आते हैं और वाइट पल्प में मौजूद t-lymphocytes को एक्टिवेट कर देते हैं। और यही t-lymphocytes वाइट पल्प के फॉलिकल में मौजूद बी लिंफोसाइट को एक्टिवेट कर देता है। यह बी लिंफोसाइट्स ब्लड के प्लाज्मा में जाकर उस वायरस के प्रति एंटीबॉडी बना लेता है, जो शरीर में उस वायरस को खत्म कर देता है। साथ ही साथ उस वायरस के प्रति adaptive immunity को memorise भी कर लेता है कि भविष्य में जब भी वह वायरस शरीर मे आये, तो वह b लिंफोसाइट उस वायरस को मार दे।
अब देखिए spleen के अंदर जो viens आती है, उसके चारों ओर red pulp घिरे रहते हैं, यह रेड pulp किस से बने होते हैं, यह रेड pulp mainly मैक्रोफेजेस से बने रहते हैं। देखिए जहां पर आर्टरी और veins आपस में जुड़कर ब्लड सरकुलेशन करते हैं, वहां से जब जब आप इन छोटी-छोटी veins कैपिलरी को देखोगे, तो आप आओगे कि इनके बीच में कुछ slits बना रहता है।
जहाँ से इस स्लिट के अंदर से रेड ब्लड सेल्स पास होकर veins में चली जाती हैं। देखिये जब कोई रेड ब्लड सेल्स अपना पूरा जीवन जी लेता है, 120 दिन, तो वह डैमेज हो जाना शुरू हो जाता है। जब यह डैमेजड रेड ब्लड सेल्स वेनस साइनस slit में से होकर गुजरना चाहती है, तो चुकी वह डैमेज हो चुकी रहती है। इसलिए वह उस slit के अंदर से वीन में नहीं पहुंच पाती है, यह देखकर रेड पल्प के मैक्रोफेजेस इन्हें phagocyte कर देते हैं, और phagocyte करके इन्हें ब्रेकडाउन कर देते हैं। आपको तो एक बात पता ही होगा कि रेड ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन होता है जो कि mainly आयरन से बना रहता है।
तो इन रेड ब्लड सेल्स को फगोसाइट करके spleen आयरन को तो कर लेता है और बाकी के जो प्रोटीन होते हैं और बिलीरुबिन हैं इनको ब्लड स्ट्रीम में पहुंचाकर लीवर के थ्रू बाइल जूस बनाने में यह अपना रोल प्ले करता है। इस तरह से spleen में रेड पल्प रेड ब्लड सेल्स को फगोसाइट करने का काम करता है, उन्हें डिस्ट्रॉय करने का काम करता है जो डैमेज हो चुके रहते हैं।
तो अब आप ये बात समझ गए होंगे कि spleen का रोल शरीर में इम्यूनिटी को बनाए रखना है और दूसरा शरीर में ब्लड को स्टोर कर के रखना है और पुराने अन हेल्थी रेड ब्लड सेल्स को डिस्ट्रॉय करना है