देखिये हमारी स्किन 3 लेयर से मिलकर बनी हुई है, एपिडर्मिस, डर्मिस और हाइपोडर्मिस, बिल्कुल dermis और हाइपोडर्मिस की जंक्शन पर हमारे बाल की जो जड़ होती है, जिसे हम जनरली हेयर फॉलिकल के नाम से जानते हैं, वह प्रजेंट होती है। इसी में से ही हमारे बाल grow होते हैं, और यहीं पर बाल को grow करने वाले स्टेम सेल भी होते है, चलिए ढंग से जानते हैं…
लेकिन जैसा कि आप देख पा रहे हैं कि स्किन के ऊपर बालों के शाफ़्ट निकले हुए हैं, जिन्हें हम देख सकते हैं और जैसे ही हम स्किन के अंदर जाते हैं। तो बाल का कुछ भाग हमारे स्किन के अंदर होता है, जहां से उसे nutrition वगैरह मिलता है, जैसे पौधों की जड़ होती है, वैसे….
देखिये skin के अंदर जिस भाग में हमारा बाल धंसा हुआ रहता है, बिल्कुल पौधों की जड़ की तरह, उसे फॉलिकल कहते हैं। जो कि एक sheath होती है, यानी ये बालों को अंदर से कवर किया हुआ एक आवरण होता है। यह जो सबसे नीचे वाला इलाका है जहां पर एक हल्का सा notch बना हुआ है, उसे dermal papilla कहते हैं। जिसमें ब्लड वेसल्स होते हैं, और ये कनेक्टिव टिशु से बना होता है, यहीं से खून बालों को पोषण देता है, और बाल grow करते हैं। इसके ऊपर बालों का जो फूला हुआ इलाका है, थोड़ा सा मोटा सा भाग है, इसे बाल का रूट या hair bulb कहते हैं।
इसके अंदर ही हमारे बाल को बनाने वाले सेल्स केराटीनोसाइट और मेलानोसाइट्स होते हैं, क्योंकि इसी हेयर बल्ब के नीचे ही हमारे एपिडर्मिस की सबसे नीचे वाली लेयर basale layer होती है, जिसमें हमारे स्किन और बालों को बनाने वाली स्टेम सेल, epidermal stem cell होती है, एक प्रकार का mesenchymal cell जो कि डिफरेंटशिएट होकर केराटीनोसाइट और मेलानोसाइट बना लेती है।
और इसी बाल के चारों ओर यह जो रूट और shaft है बाल का, इसके चारों ओर internal root sheath और outer root sheath की 2 लेयर होती है, जो बालों को सपोर्ट करते हैं, और यहां पर यह वाला जो एरिया देख रहे हैं, यहां पर बालों को ग्लो करने के लिए निरंतर नई-नई सेल्स को प्रोवाइड करा करने के लिए, यहां पर बालों के लिए स्टेम सेल्स का एक गुच्छा पाया जाता है, जिसमें बहुत सारे स्टेम सेल होते हैं।
चलिए इतना जान गए हैं आप, अब ये जानते हैं कि बाल grow कैसे होते हैं। देखिये यह बाल का जो रूट है यहीं से बाल ग्रो करता है, यहाँ, नीचे से ब्लड फ्लो के जरिए इन्हें न्यूट्रिशन मिलता है और न्यूट्रीशन मिलने के साथ ही यहां पर जो stem cell है, वह डिफरेंटशिएट होकर केराटीनोसाइट और मेलानोसाइट के ज़रिए, बाल को grow करवाना शुरू करते हैं। देखिये केराटीनोसाइट क्या होता है, यही धीरे-धीरे बहुत ज्यादा proliferqte होकर ऊपर push होता है और केराटिन नाम का प्रोटीन रिलीज करने लगता है।
95% जो बाल होता है वह इसी keratin प्रोटीन से बना होता है, जो ये केराटीनोसाइट ही रिलीज करता है, और बाल को काला रंग या भूरा रंग देना मेलानोसाइट का काम है, जो pigment रिलीज करती है, काले लोगों में eumelanin और गोरे लोगों में pheomelnin जिससे बालों को रंग मिल जाता है। और पोषण मिलने के साथ ही साथ यह बाल grow करते-करते अपने साथ स्किन के बाहर निकल जाते हैं, और 1 साल में लगभग 6 इंच तक बड़े हो जाते हैं।
अब देखिये जो बाल है यह कैसे बने होते हैं, बाल 3 लेयर से मिलकर बना हुआ होता है। बाहर का cutical layer जिसमें डेट केराटीनोसाइट होता है। यह बालों को रंग नहीं देता है, इसके अंदर होता है कॉर्टेक्स का लेयर जोकि केराटिन प्रोटीन और melanin के कॉन्बिनेशन से बना होता है। और सबसे अंदरूनी लेयर medulla का होता है, जिसमें सबसे ज्यादा पिगमेंट मेलेनिन और केराटिन प्रोटीन पाया जाता है। इन्हीं 2 लेयर से बालों को रंग मिलता है।
अब देखिए बालों का जो grow होना है, वह भी इतना सीधा सीधा भी घटित नहीं होता है, बल्कि इसमें growth के 3 phase होते हैं, देखें हेयर ग्रोथ का जो पहला साइकिल होता है, उसमें हेयर अपने फॉलिकल से ग्रो करता है, और हमारे skin के बाहर तक निकल जाता है, इस फेस को anagen कहते हैं, यह लगभग 3 से 5 साल तक चलता है।
उसके बाद आता है हमारे हेयर ग्रो के साइकिल का दूसरा फेज, जिसमें हमारा यह जो बाल है, यह अपने रूट से detached जाता है। और इसमें बाल को अपने root से detached होने में 2 से 3 हफ्ते का टाइम लगता है, इस phase को catagen कहते हैं।
तीसरा phase telogen होता है, जिसे रेस्टिंग स्टेज भी कहते हैं। इसमें जो hair रूट से बाहर डिटैच हो गया था, वह अब हेयर फॉलिकल से बाहर निकल जाता है, जिसे हेयर फॉलिकल से बाहर निकलने में टोटल 100 दिन का टाइम लगता है।
उसके बाद जैसे ही हेयर बाहर निकला दोबारा से फिर से यही cycle चालू हो जाती है। anagen में फेस दोबारा हेयर ग्रो करता है, detached होता है और फॉलिकल से बाहर निकल जाता है।