बैकवर्ड लॉ क्या हैं – backward’s law in hindi

अगर मैं आपसे यह कहूं कि आप उस चीज के बारे में सोचना ही भूल जाइए जो चीज आपको बहुत ज्यादा प्यारी हो, या जिसके बारे में सबसे ज्यादा इच्छा रखते हो तो शायद आप उसके बारे में और भी ज्यादा सोचने लगेंगे। क्योंकि मैं आपको यह कह कर उसके बारे में अटेंशन दे रहा हूं और जब मैं आपसे यह कहूं कि आप उसी चीज के बारे में बार-बार सोचिए तब आपके चित्त में केवल वही बात रहेगी और आप अब जानबूझकर उस चीज के बारे में सोचना शुरु कर दोगे लेकिन एक समय ऐसा आएगा जब आपकी energy पूरी तरीके से ड्रेन हो जाएगी और आप उस चीज के बारे में सोचना भूल जाओगे और किसी दूसरी चीज में संलग्न हो जाओगे जानते हैं यह ऐसा क्यों होता है ऐसा होता है बैकवर्ड लॉक के कारण।

यह फिलॉसफी दिया था ब्रिटेन के फेमस फिलॉस्फर एलन वाट्स ने एलन वाट्स का कहना था कि आप जितना पानी के सरफेस पर आने का प्रयास करोगे आप उतना ही ज्यादा डूबते जाओगे और जितना ज्यादा आप अपने बॉडी को फ्रिली छोड़ दोगे यानी लेट इट गो वाला सोच उतना ही जल्दी आप पानी के ऊपर आ जाओगे।

यानी जिस भी चीज की आप कल्पना या कामना करते हो आपको उस चीज के बारे में बिल्कुल सोचना ही नहीं है आपको केवल और केवल प्रेजेंट सिनेरियो पर ही ध्यान देना है।

और एलन watts क्या कहते हैं कि जो व्यक्ति जितना ज्यादा लव और रिस्पेक्ट चाहता है उसे उतना ही ज्यादा हेट और इंसल्ट मिलता है।

कारण यह बताया जाता है कि किसी भी चीज की कामना करना यह बताता है कि व्यक्ति के पास शुरू से ही उस चीज की कमी है और उस कमी को पूरा करने के लिए व्यक्ति उस चीज की कामना करता है या उसको पाने की कोशिश करता है और एक ऐसा व्यक्ति जो अपने आप में पूरा ना हो जो पूर्ण ना हो उसे psychology की भाषा में एक अधूरा एक लोनली व्यक्ति कहा जाता है जो कि हमेशा दुख ही पाता है।

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एलन वाट्स का कहना है कि एक व्यक्ति को यह पता ही नहीं है कि आखिर वह चाहता क्या है उस की आखिर में डिजायर ही क्या है और ऐसा कैसे हो जाता है कि व्यक्ति को खुद ही नहीं पता होता कि आखिर वह चाहता क्या है।
दो चीजें उन्होंने बताया है उनका कहना है कि एक व्यक्ति जिस चीज की डिजायर करता है शायद उसके पास वह चीज पहले से ही वह व्यर्थ में ही बाहर की चीजों की तरफ भाग रहा है। दूसरा यह कि उसे पता ही नहीं है कि आखिर वह है कौन क्योंकि उसने कभी भी अपने मैक्सिमम potential तक कोई काम किया ही नहीं है इन्हीं दो कारणों की वजह से कोई व्यक्ति यह पता ही नहीं कर पाता कि उसकी ट्रू डिजायर है क्या बल्कि वह दूसरे लोगों से प्रभावित होकर अपने इच्छाओं को निर्धारित करता है।

तो आपको करना क्या है आपको उस चीज के बारे में बिल्कुल कल्पना करना ही नहीं है उसके बारे में दिन भर सोचना ही नहीं जिसके बारे में आप इच्छा रखते हो या कामना करते हो। यह बिल्कुल सिंपल है स्टॉप ट्राई इट एंड यू हैव इट। आपको उस चीज के पीछे बिल्कुल भी भागना ही नहीं है, नहीं तो वह चीज आपको इतना भगाएगी ईतना भगाएगी कि आप कभी भी उस काम की तरफ ध्यान ही नहीं दे पाओगे जिस काम को करके आप उस चीज को या उस इच्छा को पूरा कर सकते हो। तो जो भी इच्छा रखते हो उसके बारे में आपको बिल्कुल सोचना ही नहीं है बल्कि उन चीजों की तरफ ध्यान देना है जिसको करके या जिसको सोच कर आप पूछ इच्छा तक पहुंच जाओ।

Psychology कहती है कि आपके जीवन में जो भी चीज घटना घट रही है वह सभी चीजें कुछ ना कुछ आप को शिक्षा देते हैं। भले से ही वह आपको कितना भी दुख दें लेकिन वह आपके साइकोलॉजि को एक तरीके से upgrade ही करते हैं। इसलिए अगर आप उस नेगेटिव एक्सपीरियंस को भी एक्सेप्ट कर लोगे तो वह आपके लिए एक पॉजिटिव एक्सपीरियंस है और बहुत ज्यादा पॉजिटिव एक्सपीरियंस की तरफ भागना, कि हमारे साथ सब कुछ अच्छा ही अच्छा हो यह एक नेगेटिव एक्सपीरियंस है क्योंकि आप जीवन के कई पहलुओं को कभी भी जान ही नहीं पाओगे जिसके कारण से आपको जीवन में आगे बहुत सारा दुख भी मिल सकता है यही कहना था एक मशहूर author मार्क मेंशन का

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