मल का रंग पीला और भूरा ही क्यों होता है

क्या आपने कभी यह सोचा है कि हमारा जो मल है यानी potty, उसका कलर usually येलोविश ब्राउन ही क्यों होता है, और यह yellowing brown stool दरअसल हमारे शरीर में जो मेटाबॉलिक क्रियाएं होती हैं, जो bile यानी पित्त उससे इसका क्या सम्बन्ध है, उसके बारे में यह क्या बताता है. सीधा सीधा बताऊं तो बहुत कुछ बताता है और आज हम इस वीडियो में यही जानेंगे कि हमारे मल के कलर का कारण क्या होता हैं।

देखिये पिछली वीडियो में मैंने आपको यह बताया है कि हमारे लीवर के अंदर आखिर पित्त का निर्माण होता कैसे है, और आपको बता दें कि हमारा जो मल का रंग है, इसमें भी इसी पित्त का ही रोल होता है। मैंने आपको पिछले वीडियो में बात बताया है कि हमारे पित्त यानी bile juice में दरअसल हमारे मृत रेड ब्लड सेल्स के अंश होते हैं। जिन्हें बिलीरुबिन कहते हैं।

देखिए बिलीरुबिन क्या होता है, एक बार हमारा यह जो रेड ब्लड सेल है, यह अपनी 120 दिन की लाइफ पूरी तरीके से जी लेता है। उसके बाद spleen में जाने के बाद यह dead रेड ब्लड सेल दरअसल इसके अंदर मौजूद हीमोग्लोबिन heme और globin में टूट हो जाता है। globin blood में ही recirculate हो जाता है। और यह heme कुछ एंजाइम की क्रिया के कारण से बिलीरुबिन नाम के एक पदार्थ में कन्वर्ट हो जाता है। जोकि सीधे ट्रांसफर हो जाता है हमारे लीवर के अंदर एल्बुमिन प्रोटीन के साथ bind होकर।

अब आपको बता दें कि जो बिलीरुबिन है, यह भी दो प्रकार का होता है, एक conjugated बिलीरुबिन जोकि glycoronic acid के साथ bind होकर वॉटर सॉल्युबल हो जाता है। और एक होता है unconjugated बिलीरुबिन जो कि glycoronic acid के साथ bind ना होकर, फ्री फॉर्म में रहता है। इसलिए ये lipid soluble है ना कि water soluble, जो कि excretion के लिए एक उचित form में नहीं रहता है। इसलिए जो बिलीरुबिन आगे बढ़ता है, डाइजेशन में वह conjugated bilirubin ही होता है, क्योंकि यह पानी में घुल सकता है।

देखिये जब हम भोजन करते हैं, तब जब भोजन हमारे स्टमक से जब स्मॉल इंटेस्टाइन की duodenum में आता है। तब हमारे भोजन में जो fat होते हैं, उनको पचाने के लिए हमारे गॉलब्लैडर से जो बाईलजूस भी सीक्रेट होता है। जिसके अंदर यह बिलीरुबिन भी होता है, जोकि dead rbc से बना हुआ होता है। दरअसल यह बिलीरुबिन हमारे bile को कलर भी देता है। हल्का लाल या orange कलर में।

देखिए जैसे ही यह bile हमारे स्मॉल इंटेस्टाइन में आता है। इसमें मौजूद यह बिलीरुबिन हमारे स्मॉल इंटेस्टाइन में मौजूद बैक्टीरिया के कारण यह बिलीरुबिन तुरंत ही urobilinogen में बदल जाता है। ये urobilinogen लगभग 10 से 15% blood में reabsorb हो जाता है।

और 90% यह urobilinogen हमारे स्मॉल इंटेस्टाइन में ही रहता है. जहां पर हमारे इंटेस्टाइन में ही मौजूद कई सारी bacteria इसको तुरंत ही ऑक्सिडाइज करके इसे stercobilin में बदल देते हैं. जो क्या करता है जो भोजन पच जाने के बाद जो मटेरियल बचता है, जो feces होता है, उसी के साथ मिलकर यह हमारे मल को थोड़ा yellowish brown रंग का कलर दे देता है। क्योंकि यह जो stercobilin बना है, यह कई सारे एंजाइम और बैक्टीरिया के क्रिया के कारण इसके कलर में थोड़ा चेंज हो जाता है। और यही हमारे मल को ऐसा रंग देता है।

और देखिए जो urobilinogen जो ब्लड में absorb हुआ था. 10 से 15 पर्सेंट उसमें से कुछ urobilinogen लिवर में चला जाता है, और कुछ किडनी के थ्रू हमारे यूरिन से एक्सक्रीट हो जाता है. लेकिन किडनी में जाते ही यह urobilinogen urobilin में convert हो जाता हैं। जिसके वजह से हमारा जो यूरिन का कलर होता है, वह पीले रंग का हो जाता है।

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