क्या आपको पता है कि जो हमारी मसल है यह हमारे मूवमेंट पर बहुत ज्यादा मदद करता है. लेकिन तभी संभव है जब यह मसल कॉन्ट्रैक्ट होकर मैकेनिकल फोर्स को बोन में transmit कर सके। और इसके लिए जरूरी है कि यह मसल बोन से जाकर चिपकी रहे, ताकि आसानी से force को को transmit कर सके। क्या आपको पता है कि मसल bone से भी जुड़ी रहती है, मसल से भी जुड़ी रहती है, और हमारी यह ऑर्गन से भी जाकर चिपकी रहती है। क्या आपको पता है कि वह कौन सा गोंद हैं यानी glue जो मसल को मसल से, बोन से और आर्गन से चिपकाया रहता है। यह वीडियो देख लिए सब कुछ पता चल जाएगा…
देखिये सबसे पहले आपको बताते हैं कि हमारी जो मसल है, वह हमारे हड्डियों से कैसे जुड़ रहती है। यानी उससे चिपकी कैसी रहती है, एक tissue है tendon, यह tendon एक कनेक्टिव टिशु है, जो मसल को बोन से जाकर जोड़ती है, क्या होता है कि जब भी मसल कॉन्ट्रैक्ट होता है, तब ये tendon क्या करता है, कॉन्ट्रैक्ट होने से जो mechanical फोर्स जनरेट हुआ है, जो मैकेनिकल फोर्स उसे bone में transmit कर देता है।
तभी हम हमारा शरीर हिलडुल पाता है, हम चल पाते हैं या कोई भी काम कर पाते हैं। यह tendon दअरसल मसल फाइबर का एक्सटेंशन होता है, जो जाकर मसल को हड्डियों से जाकर जोड़ देता है। यह mainly कॉलेजन फाइबर से बना रहता है। इसमें थोड़ा बहुत इलास्टिन फाइबर भी रहता है। पर चुकी बहुत ही मजबूत होता है, और उसका काम भी बहुत ही इंपॉर्टेंट है, हमारे शरीर में इसीलिए mainly मजबूत कॉलेज इन फाइबर से मिलकर बना हुआ होता है, ये rope लाइक स्ट्रक्चर होता है इसलिए बहुत मजबूत होता है।
इसमें की जो मुख्य सेल है, जो यह फाइबर secret करती है और ग्राउंड सब्सटेंसस को रिलीज करती है, वह सेल है फाइब्रोब्लास्ट जिसे tenocyte कहते हैं। इसमें नर्व सप्लाई भी होता है, इसलिए इसके डैमेज होने पर बहुत दर्द भी होता है, और इसमें ब्लड सप्लाई भी है, लेकिन बहुत ही नाम मात्र का, इसलिए इसकी हीलिंग बहुत ही लंबे समय तक चलता है, अगर यह डैमेज हो जाए तो।
अभी मैंने आपको बताया है कि मसल को bone से जोड़ने के लिए tendon नाम पर कनेक्टिव टिशु है। लेकिन अभी मैं आपको एक और connective tissue के बारे में बताने जा रहा हूं, जो मसल को bone से कनेक्ट करता है, पर वह tendon से थोड़ा डिफरेंट होता है, इसका नाम है aponeurosis, aponeurosis tendon से डिफरेंट क्यों है, यह mainly अपने फंक्शन के लिए थोड़ा डिफरेंट है।
जहां tendon मैकेनिकल force को transmit करने के लिए होता है, वही अपॉन्यूरोसिस मैकेनिकल फोर्स जैसे प्रेशर, mechanical shock वगैरह को absorb करने के लिए होता है। यह बॉडी को मजबूत बनाए रखने में बहुत ज्यादा मदद करता हैं। देखिये हमारे शरीर में जो स्केलेटल मसल्स है, वह दो प्रकार का होता है, एक parallel और एक pennet muscle, pennet muscle में जो मसल्स फाइबर है, वह obliquely arraged रहते हैं। और यह जो अपॉन्यूरोसिस है दरअसल यह pennet मसल को ही bone से जोड़ने का काम करता है ना कि parallel muscle को। अपॉन्यूरोसिस एक पतला सा सीट के आकार में होता है, जोकि tendon के मुकाबले बहुत ज्यादा मजबूत नहीं होता है, यह भी कॉलेजन फाइबर्स ही बना रहता है, और इसका भी मुख्य सेल वह फाइब्रोब्लास्ट भी हैं, जो हर एक कनेक्टिव टिशु में होता है.
अब थोड़ा जान लेते हैं कि वह कौन से कनेक्टिव टिशु होता है, जो मसल को मसल से या मसल को आर्गन से जोड़ने का काम करता है। देखिये एक बहुत ही इंपॉर्टेंट कनेक्टिव टिशु है, जिसके बारे में रीसेंट स्टडी बताते हैं कि यह शरीर में बहुत सारा फंक्शन प्ले करता है। यह बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट है, इस कनेक्टिव टिशु का नाम है fascia. यह मसल को मसल से कनेक्ट करता है, और मसल को organ से भी कनेक्ट करता है। और इस सेटिंग तो यह भी बताती है कि यह जो कनेक्टिव टिशु है हमारे बॉडी के अलग-अलग एनवायरनमेंट कंडीशन के अनुसार जेल लाइक और लिक्विफाई भी हो जाता है।
Fascia भी तीन प्रकार का होता है, सुपरफिशियल fascia जोकि स्किन के नीचे होता है. स्किन को मसल से जोड़ता है. Deep fascia जो मसल को मसल से जोड़ता है. और visceral fascia जो मसल को हमारे ऑर्गन से जोड़ता, जैसे लिवर स्टमक peritoneum वगैरा, fascia क्या करता है, मसल को friction से बचाता है. साथ ही साथ muscle को सपोर्ट भी प्रोवाइड कर आता है। यह भी fibers ही मिलकर बना होता है। जो इसकी प्रमुख सेल फाइब्रोप्लास्ट ही रिलीज करता है।