मांस पेशियां कितने प्रकार की होती हैं

देखिए हमारे शरीर में कुल 650 muscles है और यह 650 मसल्स हमारे शरीर के posture डाइजेशन, बॉडी मूवमेंट, रेस्पिरेशन, चाइल्डबर्थ जैसे बहुत सारी चीज में मदद करते हैं। और यह जो 650 muscles है, इन्हें तीन अलग-अलग कैटेगरी में हमारे शरीर में बांट दिया गया है। एक होता है हमारे शरीर में स्केलेटल मसल्स जो कि हमारे हड्डियों से जुड़ा रहता है, और हमारे शरीर के movement में मदद करता है, कॉन्ट्रैक्ट होकर… यह हमारे शरीर में कुल 639 होता है।

ठीक उसी तरह हमारे शरीर में एक होता है स्मूथ मसल, यह हमारे शरीर के जितने भी ऑर्गन है, जो कि अंदर से hollow होते हैं, अंदर से खाली होते हैं, जैसे यूरिनरी ब्लैडर, युटेरस, स्टमक वगैरह इसमें यह स्मूथ मसल पाया जाता है।

तीसरा मसल होता है, हमारे शरीर में cardiac muscle यह केवल और केवल हमारे शरीर के हृदय में पाया जाता है। जो कि एक बहुत ही स्पेशल प्रकार की मसल होती है। और इस मसल में स्पेशल बात यह है कि इसका कंडक्शन सिस्टम हमारे नर्वस सिस्टम से ऑपरेट नहीं होता है। बल्कि इसका खुद का अपना एक कंडक्शन सिस्टम है, इसी के आधार पर है 1 दिन में 100000 बार धड़कता है।

चलिये सबसे पहले बात कर लेते हैं, स्केलेटल मसल्स की, देखिए स्केलेटल कि जो मुख्य सेल है, इसे समझना बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि इस muscle की जो सेल होती है, वो बहुत ही स्पेशल किस्म की होती हैं, आकार में लंबे-लंबे फाइबर की तरह, इसीलिए generally इसे मसल सेल ना कहकर मसल्स फाइबर कहा जाता है। देखिये यह जो मसल्स फाइबर होता है, यह दरअसल आपस में इकट्ठा होकर एक बंडल बना लेते हैं। बंडल के ऊपर कनेक्टिव टिशु होती है, फिर यह जो बंडल बना है, यह भी आपस में एक बंडल बनाकर कनेक्टिव टिशु से wrap होकर एक बहुत बड़ी मसल का निर्माण करते हैं।

देखिये समझने के लिए ऐसे समझिए जैसे आप अपने स्क्रीन पर एक मसल को पा रहे हैं। आप देख रहे हैं कि इस मसल के ऊपर एक कनेक्टिव टिशु की layer है, जिसे epimysium कहते है। जिसके अंदर कई सारे bundle है, इन bundles को fascicle कहते हैं। इन के उपर भी perimysium की लेयर हैं connective tissue, जो इन्हें packed किया रहता हैं।

अब देखिए इन फेसिकल्स के अंदर हमारे मसल के असली मसल सेल होते हैं, जिसे मसल फाइबर कहते हैं। इसके ऊपर भी endomysium कि एक की लेयर होती है, कनेक्टिव टिशु की जो कि इस बंडल को आपस में इकट्ठा किया जाता है। इसमें यह होता है कि यह जो मसल्स फाइबर है, इसके अंदर तीन प्रोटीन होते हैं, जो आपस में इस तरीके से arranged रहते हैं कि nerve इंपल्स आने पर यह कॉन्ट्रैक्ट होकर या रिलैक्स होकर हमारे शरीर में मूवमेंट करा सके। इन प्रोटीन को myofibril कहते हैं। इसके अंदर मायोग्लोबिन नाम के एक और element होता हैं, जो ऑक्सीजन को स्टोर करने का काम करते हैं। ये जो तीन प्रोटीन होते हैं, filament, ये muscle fiber में इस तरीके से अरेंज होते हैं कि अगर इसके आप muscle फाइबर को देखोगे तो आपको कहीं कहीं डार्क बैंड तो कहीं-कहीं लाइट बैंड अल्टरनेशन में मिलेगा। जिसके कारण से इस टाइप के मुसल को striated muscle कहते हैं।

देखिये इसके अंदर जो तीन प्रोटीन है, वह कौन से होते हैं, और कैसे काम करते हैं, इसके बारे में हम अलग से वीडियो में जानेंगे कि यह मसल काम कैसे करते हैं। फिलहाल अभी हम जानते हैं अगली मसल स्मूथ मसल के बारे में…

देखिये smooth मसल एक non striated मसल है, मतलब इसमें स्केलेटल की तरह band नहीं होता है, और इसकी जो सेल होती है, वह इतनी कॉम्प्लिकेटेड नहीं होती है, जितना skeletal muscle की होती है। इसके सेल के अंदर ही माइक्रोफिलामेंट पाए जाते हैं, जो कॉन्ट्रैक्ट होकर इस स्मूथ मसल को कॉन्ट्रैक्ट होने में मदद करते हैं। जैसे छोटी आत के अंदर बड़ी आत के अंदर और ब्लड वेसल्स के अंदर। यह दो प्रकार का होता है मल्टी यूनिट स्मूथ मसल, जिसके हर एक सेल पर nerve ending होता है, finer control के लिए जैसे आंख के अंदर ciliary muscle और एक होता है सिंगल यूनिट smooth muscle जिसके tissue पर एक सिंगल nerve ending होता है।

और तीसरे प्रकार का muscle होता है, कार्डियक मसल्स, जिसमें इस muscle की जो सेल होती है, वह लंबी-लंबी फाइबर की तरह ही होती है, पर यह आपस में एक intercalated disc के थ्रू आपस में जुड़ी होती हैं। साथ ही साथ यह ब्रांच होती है। मतलब इनमें एक शाखा की तरह एक ब्रांच निकली होती है, जो दूसरे सेल से जाकर जुड़ी रहती है, हर एक से एक दूसरे से ब्रांच के थ्रू से जुड़ी रहती है। साथ ही साथ बेहतर कंडक्शन के लिए यानी इंपल्सेस को जल्दी से जल्दी transmit करने के लिए इनके बीच में एक intercalated डिस्क भी होता है।

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