ह्यूमन ब्रेस्ट के ऊपर फूल की पंखुड़ियों की तरह संरचना होती हैं. इसे ब्रेस्ट का lobe कहते हैं, और हर एक ब्रेस्ट में लगभग 15 से 20 lobe पाए जाते हैं. इन्हीं breast lobe में ही दूध का निर्माण होता है। जो कि इन्फेंट्स के न्यूट्रिशन के लिए बहुत जरूरी होता है। पर ध्यान रहे एक महिला के अंदर यह lobes तब तक पूर्ण रूप से विकसित नहीं हुए रहते हैं, जब तक वह एक बार pregnant नही हो जाती है।
एक बार एक लड़की प्रेग्नेंट हुई, प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते में एक फीमेल के breast में यह जो lobes हैं, इस में पाए जाने वाले स्टेम सेल proliferate होकर बहुत सारे alveolie का निर्माण करने लगते हैं, बहुत सारे डक्ट का निर्माण करने लगते हैं। जिससे मिल्क produce करने वाले tissue की संख्या बढ़ जाती हैं, pregnancy के बाद। जो मिल्क के प्रोडक्शन में बहुत ज्यादा मदद करता है, और यह सब कैसे होता है, दरअसल प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला के अंदर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जो इन टिशु से बढ़ोतरी में मदद करता है।
प्रेगनेंसी के 16 हफ्ते तक यह tissues इतने योग्य हो जाते हैं कि ये एक महिला के अंदर दूध का निर्माण कर सकें। पर चुकी प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल इतना ज्यादा हो जाता है, जो मिल्क प्रोडक्शन के लिए सबसे ज्यादा important hormone प्रोलेक्टिन उनको ये प्रोजेस्टेरोन हार्मोन ब्लॉक करने लगता है। इसलिए प्रेगनेंसी तक तो महिला के अंदर दूध का निर्माण नहीं होता है, पर कुछ महिलाओं के अंदर जब उनमें डिलीवरी का टाइम आने वाला होता है, तब से ही उनमें दूध का निर्माण शुरू हो जाता है। पर जैसे ही एक महिला बच्चे को जन्म देती है, उसमें तुरंत ही प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल कम हो जाता है, और imortant hormone जो दूध के निर्माण में सबसे ज्यादा जरूरी है, प्रोलेक्टिन उनका secretion बहुत ही तेजी से होने लगता है।
देखिए क्या होता है कि डिलीवरी के बाद जैसे ही बेबी अपने मां का दूध पीने के लिए निप्पल को शक करता है, तो सकिंग रिफ्लेक्स के वजह से निप्पल में मौजूद जो नर एंडिंग के रिसेप्टर है, वह जाकर सीधे trigg देते हैं हाइपोथैलेमस को और हाइपोथैलेमस स्टिम्युलेट करता है, पिट्यूटरी ग्लैंड के anterior रीजन को प्रोलैक्टिन हार्मोन रिलीज करने के लिए। यह प्रोलैक्टिन हार्मोन जैसे ही ब्रेस्ट के इन alveoli ऊपर अपना काम करता है, यह tissue मां के स्तन में दूध का निर्माण करने लगते हैं, यानी milk का सिंथेसिस होता है।
Mainly fat globule के रूप में जिसमें कार्बोहाइड्रेट इलेक्ट्रोलाइट protein वगैरह जैसी चीजें भी होती है। अब देखिए बेबी के निप्पल को शक करने की वजह से ऐसा नहीं है कि केवल प्रोलेक्टिन ही रिलीज होता है, बल्कि पिट्यूटरी ग्लैंड के posterior रीजन में ऑक्सीटॉसिन नाम का hormone भी रिलीज होने लगता है। जो इन्हीं alveoli के ऊपर जो मायो एपिथेलियल सेल्स उन्हें trigg करते हैं। trigg होने के लिए, जिससे इन्हीं ducts मौजूद milk push होकर धीरे-धीरे निप्पल के थ्रू बाहर निकलने लगता है, और बेबी tongue के मूवमेंट से दूध को पी पाता है।
देखिए एक मां के स्तन में जो पहला दूध आता है, बच्चे के जन्म के समय या delivery से कुछ दिन पहले उसे कोलोस्ट्रम कहते हैं। यह बहुत ही स्पेशल किस्म का दूध होता है, जिसमें बहुत सारे immunoglobin होते हैं, जो मां से बच्चे में ट्रांसफर होते हैं, जो बच्चे को किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से बचाता है। यह बहुत इंपोर्टेंट होता है, बच्चे के लिए… colostrum के बाद से mature मिल्क बनना शुरू होता है, मां के अंदर generally बच्चे की डिलीवरी के बाद से शुरू होता है और यह ऑक्सीटोसिन हार्मोन मां के गर्भ को इंवॉल्यूट करने में मदद करता है। यानी मां के गर्भ को दोबारा से सिकुड़ने में उसको दोबारा से अपने पुराने वाले पोजीशन में लाने में यह मदद भी करता है।