मुंह में लार कैसे बनता है – how saliva formed in mouth

जब हम अपने फूड को चबाते हैं, तो हमारे फूड में हमारा सलाइवा मिल जाता है, सलाइवा मतलब लार… सलाइवा के मिलने से हमारा food बिल्कुल सॉफ्ट मुलायम हो जाता है, और हमारा फूड सलाइवा के मिलने से हमारे गले में slippery एनवायरनमेंट पाकर बहुत ही आसानी से हमारे food pipe में चला जाता है। जब भोजन सलाइवा के साथ मिल जाता है, तो इसे बोलस कहा जाता है, वेस्ट के लोगों ने ऐसा नाम दिया है…

सलाइवा का हमारे मुंह में बहुत सारा फंक्शन है, ये हमारे मुंह को lubricate करता है, फूड को लुब्रिकेट करता है, कई सारे फूड के लिए सॉल्वेंट की तरह काम करता है। बहुत सारे फंक्शन है इसका, इसीलिए आज हमें यह जानना है कि इतना जरूरी सलाइवा हमारे मुंह में बनता कैसे है। चलिए बिना समय गवाएं जाना शुरु करते हैं, वीडियो अच्छा लगेगा तो लाइक जरूर करना…

देखिये सलाइवा बनाने वाले gland असल में exocrine gland होते हैं, एग्जॉक्रिन ग्लैंड वह जो अपने प्रोडक्ट को या जो भी वह बनाते हैं, उसे duct के थ्रू रिलीज करते हैं, एक पाइप जैसी संरचना…

देखिए हमारे मुंह में जो भी सलाइवेरी ग्लैंड होती है उसे 3 भाग में क्लासिफाइड क्या गया है, एक वह जो सलाइवा प्रोड्यूस करता है Amylase एंजाइम के साथ जिसे serous salivary gland कहते हैं। एक gland वो जो सलाइवा बनाती है, म्यूकस के साथ, उसे mucous salivary gland कहते हैं और एक gland वह जो mucous और Amylase एंजाइम दोनों ही तरीके का saliva बनता है, उसे कहते हैं seromucous salivary glands

देखिए हमारे मुंह में सलाइवा को प्रोड्यूस करने के लिए मेन्ली तीन मेजर सलाइवेरी ग्रैंड होते हैं, हर एक ग्लैंड pair में होता है यानी जोड़े में…

सबसे पहला gland है parotid salivary gland, यह बिल्कुल हमारे गाल के पीछे की तरफ, कान के आस पास होता हैं, जहां मैं एरो से पॉइंट कर रहा हूं। इमेज में आप इसका लोकेशन ढंग से देख सकते हैं। यह दोनों तरफ होता है गाल के और इसका जो डक्ट होता है, वह हमारे ऊपर वाले दांत में आकर खुलता है, इसलिए जो भी सलाइवा ये बनाते हैं, यह हमारे ऊपर वाले दांत में ही आकर मिलता है।

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वहां से हमारे पूरे मुंह भर में फैल जाता है, भले ही इसका साइज हमारे सभी सलाइवेरी ग्लैंड में सबसे बड़ा होता है। लेकिन फिर भी इसका कंट्रीब्यूशन हमारे मुंह में सलाइवा बनाने में मात्र 25% ही होता है, और यह एक serous सलाइवेरी ग्लैंड है यानी यह amylase enzyme बनाता है।

हमारे मुंह में पाए जाने वाला जो दूसरा सबसे मेजर सलाइवेरी ग्लैंड होता है, वह होता है submandibular सलाइवेरी ग्लैंड, इसका लोकेशन अभी मैं जहां arrow से पॉइंट कर रहा हूं, बिल्कुल हमारे मंडीबुलर बोन जो हमारा जबड़ा होता है, उससे लगा हुआ होता है। यह ग्लैंड दोनों तरफ होते हैं, इसलिए इनकी संख्या भी मुंह में दो होती है। हमारे मुंह में जितना भी सलाइवा बनता है, उसका 60 से 70% इसी सलाइवेरी ग्लैंड में बनता है और यह म्यूकस और serous दोनों ही प्रकार के सलाइवा को बनाता है। क्योंकि इसमें म्यूकस और serous दोनों ही प्रकार के cell पाए जाते हैं। इसीलिए इसे seromucous सलाइवेरी ग्लैंड होता है। इसका जो डक्ट होता है, यानी जिस के थ्रू यह अपने सलाइवा को मुंह भर में फैला देता है, वह यहां हमारे जीभ के नीचे आकर खुलता है।

हमारे मुंह में जो तीसरा सबसे मेजर सलाइवेरी ग्लैंड पाया जाता है, वह sublingual सलाइवेरी ग्लैंड है जो कि हमारे मुंह में जितना भी सलाइवा बनता है, उसमें 3 से 5 परसेंट कंट्रीब्यूट करता है। यह सेरोमुकुस सलाइवेरी ग्लैंड है यानी यह म्यूकस और सिरस दोनों ही प्रकार के सलाइवा को बनाता है। इसका लोकेशन हमारे बिल्कुल जीभ के नीचे होता है, और यहीं पर इसका डक्ट भी खुलता है, ये भी संख्या में 2 होता हैं।

देखिये इन gland को जब हम ज़ूम करके देखेंगे तो पाएंगे किए कई सारे सेल के गुच्छे से बने रहते हैं, इन सेल को acini कहते हैं, और यह acini की सारे duct के थ्रू जुड़े रहते हैं, जहां पर यह अपने सलाइवा को डक्ट में बहा देते हैं।

पर लेकिन आपको यह भी जानना चाहिए कि हमारे मुंह में यह 3 मेजर सलाइवेरी ग्लैंड तो होते हैं, लेकिन बहुत ज्यादा संख्या में माइनर सलाइवेरी ग्लैंड भी हमारे बक्कल कैविटी में पाए जाते हैं। जोकि बहुत थोड़ा सा सलाइवा हमारे मुंह बनाते हैं, पर इनकी संख्या बहुत ज्यादा होती है, इस इमेज में देखिए माइनर सलाइवेरी ग्लैंड हमारे बक्कल कैविटी में कहां कहां पाई जाती है।

अब जब हमारे मुंह में यह सलाइवा सीक्रेट हो जाता है, तो इस सलाइवा में आखिर होता क्या क्या है, इस सलाइवा में होता है h2o यानी पानी, म्यूकस, कुछ enzyme जैसे amylase जोकि कार्बोहाइड्रेट को सिंपल शुगर फॉर्म में कन्वर्ट कर देता है, ligual lipase जोकि ट्राइग्लिसराइड को फैटी एसिड और डाईग्लिसराइड में तोड़ देता है।

सलाइवा हमारे मुंह और foodpipe को लुब्रिकेट करता है, हमारे फूट को लुब्रिकेट करता है, जिससे भोजन बहुत ही आसानी से फूड पाइप में जा सके। हमारे मुंह को pathogen से बचाता है, यानी बैक्टीरिया और वायरस से बचाता है। बोलने में हमें मदद करता है। और कई सारे फूड के पार्ट को अपने अंदर ही घुलनशील बना देता है।

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