लंबाई कैसे बढ़ती है

मुझे बात पता है कि आप में से अधिकतम लोग यह बात जानना चाहते हैं कि हमारी लंबाई आखिर बढ़ती कैसी है?? वह भी आप यह बात डिटेल में जानना चाहते हो. क्योंकि हम इंडियंस की लंबाई दुनिया में बाकी देशों की तुलना में बहुत ज्यादा कम है और लंबाई हमारे अपीरियंस को ज्यादा अट्रैक्टिव बनाती है. इसीलिए ऐसी चीजों के बारे में जानना तो जाहिर सी बात है सबके लिए आकर्षण का केंद्र है. चलिए बिना समय गवाएं हम यह जानते हैं कि आखिर हमारी लंबाई बढ़ती कैसे है.

देखिये सबसे पहले तो आपको यह जान लेना चाहिए की लंबाई का बढ़ने का मतलब है हमारे हड्डियों की लंबाई का बढ़ना यानी हमारे हड्डियों का ग्रोथ वर्टिकल डायरेक्शन में और हमारी यह जो हड्डियों का ग्रोथ है लंबाई में, यह generally लड़कों में 16 साल तक और लड़कियों में लगभग 14 से 15 साल तक ही देखा जाता है और यह हमारे शरीर में होता कैसे है? यही तो हमें जानना है।

देखिये हमारे शरीर में लंबाई का बढ़ना हमारे दिमाग से शुरू होता है।

देखिए बच्चों में जॉब ग्रोथ एज का टाइम होता है, तब उनके ब्लड में, high अमीनो एसिड का लेवल लो ब्लड ग्लूकोस लेवल, लो फैटी एसिड लेवल या जब बच्चे खेलते कूदते हैं, तब ऐसे टाइम में होता यह है कि हमारे ब्रेन में मौजूद हाइपोथैलेमस जो कि हमारे शरीर में सभी प्रकार के हार्मोन का रिलीज करने वाला कंट्रोलर है। उससे एक हार्मोन रिलीज होने लगता है, जिसे ग्रोथ हार्मोन रिलीजिंग हार्मोन कहते हैं।

यह growth hormone releasing hormone क्या करता है, यह जाकर सीधे पिट्यूटरी ग्लैंड के एंटीरियर पार्ट को stimulet कर देता है, ग्रोथ हार्मोन रिलीज करने के लिए, अब जैसे ही पिट्यूटरी से growth hormone release हुआ। यह ब्लड से ट्रैवल करते करते हमारे शरीर के दो ऑर्गन पर विशेषतया प्रभाव डालता है।

पहला प्रभाव पड़ता है हमारे स्टमक पर और दूसरा प्रभाव पड़ता है हमारे लीवर पर, देखिए जब यही हार्मोन हमारे स्टमक पर पहुंचता है, तो यह स्टिम्युलेट करता है स्टमक को ghrelin हार्मोन रिलीज करने के लिए, जिसे हंगर हार्मोन कहते हैं। इसी की वजह से हमें भूख लगता है, लेकिन इस वीडियो में यह हार्मोन हमारा टॉपिक नहीं है, इसलिए हम इस पर बात नहीं करते हैं।

देखिए जो दूसरा अंग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है इस ग्रोथ हार्मोन से वह है लिवर, और यहीं से हमारी लंबाई बढ़ने की शुरुआत होता है. देखिये जब ब्लड के थ्रू यही ग्रोथ हार्मोन जब लीवर पर पहुंचता है, तो लीवर पर मौजूद एक specific रिसेप्टर से यह हार्मोन bind हो जाता है, उसके बाद क्या होता है, लीवर के अंदर ही एक विशेष प्रकार का एंजाइम एक्टिवेट होता है, जिसे janus kinase कहते हैं, शॉर्ट में jak.

ये jak क्या करता है, यह लीवर में ही एक transcription factors को एक्टिवेट कर देता है, जिसे signal transducer and activator of transcription (STAT) कहते हैं। यह क्या करता है, ये हमारे लिवर के सेल में मौजूद डीएनए के स्पेसिफिक जीन सीक्वेंस पर जाता है, जहां पर डीएनए क्या करता है, mRNA
Produce करके एक बहुत ही विशेष प्रकार के प्रोटीन को ट्रांसलेट करता है, जिसे कहते हैं इन्सुलिन लाइक ग्रोथ फैक्टर 1 यानी igf-1.

अब देखिए क्या होता है यही igf-1 blood के through हमारे शरीर में हमारे मसल्स, हमारे बोन और हमारे कार्टिलेज जैसे टिशूज पर जाकर काम करना शुरू करता है। और इसी की वजह से हमारी bones हमारे मसल्स जैसी चीजों में ग्रोथ होता है। जब ये मसल्स में पहुंचता है, तो मसल पर एक receptor से bind होकर एक बहुत ही कंपलेक्स process के थ्रू अमीनो एसिड को प्रोटीन बनाकर मसल बिल्ड करने में मदद करता है। पर इस वीडियो में यह हमारा टॉपिक नहीं है कि मसल ग्रोथ कैसे होता है। हमे तो यह जानना है कि हमारी लंबाई कैसे बढ़ती है, यानी हड्डियों की लंबाई कैसे बढ़ती है।

देखिए जब यह bone पर पहुंचता है, यह igf1… तो यह क्या करता है, यह bone के दो सेल के एक्टिविटी को काफी बढ़ा देता है। एक ओस्टियोब्लास्ट जो bone के नए सेल को बनाता है, साथ ही साथ ओस्टियोक्लास्ट जोकि पुराने बोन सेल को reabsorb करता है।

ध्यान रहे जब तक एक व्यक्ति अपने ग्रोथ fase में होता है, लगभग 16 साल तक तो उसके लोंग बोंस के एंड पर एक कार्टिलेज की प्लेट होती है, जिसे epiphyseal कहते हैं। यह बात आपको हमेशा हमेशा याद रखना है।

देखिए यही igf-1 प्रोटीन जब बोन के एंड पर इस कार्टिलेज प्लेट पर पहुंचता है, तो यह क्या करता है, इस epiphyseal plate cartilage के मुख्य सेल chondrocyte को स्टिम्युलेट कर देता है। proliferation, differentiation और इनके साइज में बढ़ोतरी को, जिससे होता यह है कि यही chondrocyte बहुत सारे सेल में differentiate हो कर नए cartilage टिशु का निर्माण करने लगते हैं।

जिससे होता यह है कि धीरे-धीरे ओस्टियोब्लास्ट इन नए बने कार्टिलेज को धीरे-धीरे बोन में कन्वर्ट करता जाता है। जिससे हमारी लंबाई धीरे-धीरे बढ़ती जाती है, यानी हमारी हड्डियों की लंबाई में बढ़ोतरी होती जाती है। जब तक यह epiphyseal plate जो कि कार्टिलेज होता है, क्लोज नहीं हुआ होता है, तब तक व्यक्ति की हाइट बढ़ती रहती है.

देखिये जैसे ही लड़कियों की age लगभग 14 से 15 साल तक पहुंचती है, और लड़कों की 16 साल तक की, तभी teenagers में सेक्सुअल ग्रोथ होना भी शुरू हो जाता है, जिससे उनके अंदर एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टरॉन की वृद्धि होने लगती है। यह दोनों हार्मोन क्या करते हैं, यह दोनों हार्मोन दरअसल हमारे ग्रोथ plate को पूरी तरीके से फ्यूज करके, उन्हें bone में कन्वर्ट कर देते हैं। जिससे प्यूबर्टी आने तक ग्रोथ प्लेट ऐसा रह ही नहीं जाता है, जिससे कभी व्यक्ति की लंबाई बढ़ सके। अब देखिए इससे यह बात सिद्ध होती है की ग्रोथ age में टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन का बढ़ना हमारे लंबाई को दबाने का काम करता है।

अगर आपको यह बात जानना है कि मेरा ग्रोथ प्लेट क्लोज हुआ है या नहीं तो आप डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन से अपने हाथ या अपने पैर का एक्सरे करवाकर यह पता कर सकते हैं कि आप की ग्रोथ प्लेट अभी ओपन है या नहीं.. ओपन है तो लंबाई बढ़ सकती है नहीं है, तो आप कुछ भी कर लीजिए आप की लंबाई कभी नहीं बढ़ेगी।

देखिए यह igf 1 और क्या करता है। दरअसल यह हमारे adipose tissue पर जाकर एक्ट करता है। और उन्हें lipolysis करके इसी ट्राइग्लिसराइड को glycerol और फैटी एसिड में तोड़कर glycerol से ग्लूकोस बनाने का काम भी करता है।

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