आप अक्सर यह बात सुने होंगे, खास तौर से खिलाड़ियों के बारे में, कि इस खिलाड़ी के घुटने की लिगामेंट टूट गई है, और खिलाड़ी को सर्जरी करवानी पड़ रही है, अपने लिगामेंट को रिपेयर कराने के लिए…. आपने कभी यह सोचा है कि लिगामेंट होता क्या है??? और इसका काम क्या होता है??? भारत तो वैसे ही क्रिकेट का बहुत बड़ा दीवाना है और क्रिकेट खिलाड़ियों को लिगामेंट इंजरी बहुत ही कॉमन है, चलिए आज अपनी जिज्ञासा को शांत कर ही लेते हैं।
लेकिन मैंने आपको पिछले वीडियो में, यह बात बताया है कि हमारी हड्डियां आपस में कैसे जुड़ी होता है, मतलब कैसे जॉइंट बनाती है और कौन-कौन सा बोन ज्वाइंट सबसे ज्यादा move कर सकता है। देखिये मैंने आपको यह तो बताया था कि हड्डियां आपस में कैसे जॉइंट बनाती हैं। लेकिन यह हड्डियां आपस में firmly जुड़ी कैसी रहती हैं, ताकि कभी डिस्प्लेस ना हो।
यह बात मैंने आपको नहीं बताया था, इसलिए आज इस वीडियो में मैं आपको एक ऐसे बैंड लाइक कनेक्टिव टिशु के बारे में बताने जा रहा हूं, जो 1 बोन को दूसरे बोन से आपस में जोड़ने का काम करता है। जिसके वजह से वह एक स्थिर ज्वाइंट बना पाते हैं और अपने स्थान से हिल नहीं पाते हैं।
देखिए वह कनेक्टिव टिशु जो एक Bone को दूसरे bone से जोड़ता है, बोन के ज्वाइंट को स्थिरता देने के लिए, वह होता है लिगामेंट, लिगामेंट क्या होता है, लिगामेंट एक कनेक्टिव टिशु होता है, जोकि mainly एक प्रोटीन collagen fiber से बना रहता है, और यह collagen fiber secret करने का काम करता है, सबसे इंपोर्टेंट सेल जो कि हर एक connective tissue में होता है, fibroblast…
Ligament एक dense fibrous connective tissue होता है, जो कि collagen प्रोटीन से बना रहता है, साथ ही साथ उसमें कुछ मात्रा में इलास्टिन प्रोटीन भी होता है, जो इसको थोड़ा elastic बनाता है। यह elastin प्रोटीन भी फाइब्रोब्लास्ट ही रिलीज करता है।
देखिए लिगामेंट क्या करता है, यह लिगामेंट क्या करता है कि जो दो bones आपस में जुड़ी हुई होती हैं, वह दो बोंस आपस में बहुत ज्यादा twist ना हो जाए, अपने लिमिट के बाहर… इसके लिए यह दोनों बोंस को आपस में firmly होल्ड किये रहता है। साथ ही साथ दोनों bones की जो जॉइंट है, वह आपस में डिसलोकेट ना हो जाए, जोड़ बहुत ज्यादा दूर ना हो जाए, इसकी भी व्यवस्था यह लिगामेंट करता है।
आब देखिये हमारे घुटने के बीच जो जॉइंट होती है, उसके बीच में 4 ligaments आपस में दोनों bones को होल्ड करके रखते हैं, इनमें से घुटने की anterior cruciate ligament जब वह डैमेज हो जाता है, तब व्यक्ति को बहुत ज्यादा पेन होता है, और व्यक्ति चलने फिरने में भी असमर्थ हो जाता है, केवल एक ही रास्ता होता है, इस लिगामेंट डैमेज से बचने का इस की सर्जरी करवानी पड़ती है। और अधिकतम आप यह खिलाड़ियों में सुने होंगे।
देखिए जब ये कनेक्टिव टिशु का बैंड है, जिसे लिगामेंट कहते हैं, इसके टूटने पर इतना दर्द इसलिए होता है, क्योंकि इसमें बहुत rich nerve सप्लाई होती है। लेकिन जब ब्लड सप्लाई की बात आती है लिगामेंट में… तो इसमें ब्लड सप्लाई बहुत ही poor होती है। इसीलिए इसको हील होने में बहुत टाइम लगता है। इसीलिए अगर ये थोड़ा सा डैमेज हो जाए तो heal में टाइम लेता हैं। बहुत ज्यादा डैमेज होने पर तो उसकी सर्जरी ही करवानी पड़ती है।
लिगामेंट का काम केवल दो बोंस को आपस में जोड़ने का ही नहीं होता है। बल्कि यह दो organs को भी आपस में जोड़ने का काम करते हैं। जैसे हमारे स्टमक को हमारे duodenum से जोड़ने का काम एक ligament ही करता है। ताकि यह दोनों ऑर्गन स्थिर रहें। यह काम लिगामेंट ही करता है। महिलाओं में उनके गर्भाशय से उनके ओवरीज को जोड़ने के लिए ताकि उनकी ओवरी में स्टेबिलिटी आए, यह काम भी broad लिगामेंट ही करता है। मतलब लिगामेंट का काम दो bones को आपस में जोड़ने का भी है, प्लस इंटरनल ऑर्गन स्कोर स्टेबलाइज करने के लिए भी यह उन्हें आपस में जोड़ते हैं।