हमारे ब्लड में हर समय कुछ ऐसे प्रोटीन है, जो हमारे इम्यूनिटी के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है. यह प्रोटीन क्या करते हैं, यह प्रोटीन दरअसल हमारे एक immune system जो जन्म से ही हमारे शरीर में एक्टिव रहता है। उसमें यह यह बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है। न केवल ये हमारे innate immune system में मदद करते हैं बल्कि हमारे advance immune syatem adptive immune system में भी है थोड़ा बहुत अपना रोल प्ले करता हैं। इसलिए ये इतना ज्यादा इंपॉर्टेंट है की अगर आप इसे नहीं जानते तो आप ढंग से इम्यून सिस्टम को जानते ही नहीं…. इसीलिए तो कोविड-19 में यह कहा था कि आप अच्छा खासा प्रोटीन वाली डाइट लीजिए।
देखिये ये प्रोटीन वाला सिस्टम जो हमारे इम्यून सिस्टम में बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट पार्ट है। इसे कंप्लीमेंट्री सिस्टम या कंप्लीमेंट्री cascade के नाम से जाना जाता है और यह बहुत ज्यादा कंपलेक्स है। इसमें लगभग 30 प्रोटीन शामिल होते हैं। लेकिन इसमें शुरुआत के जो 9 प्रोटीन होते हैं, c1 से लेकर c9 तक के प्रोटीन वहीं इसमें इंपॉर्टेंट रोल प्ले करते हैं। और इसमें से अधिकतम प्रोटीन लिवर में सिंथेसाइज होते है।
देखिये मैं आपको यह जो इतना कॉम्प्लिकेटेड प्रोसेस है, इसको बहुत ही डिटेल में तो नहीं बताऊंगा, नहीं तो आप बोर हो जाओगे। आपको समझ में नहीं आएगा, इसको थोड़ा आसान भाषा में, शार्ट में बता देता हूं। इसमें यह होता है कि सबसे पहले इन्हीं प्रोटीन में से, यह प्रोटीन आपस में दो भागों में cleave हो जाते हैं, मतलब टूट जाते हैं, और टूटे हुए भाग में एक भाग इस प्रोसेस में भाग लेता है और इसी तरह c1 से c9 प्रोटीन के ही प्रोटीन आपस में मिलकर, किसी भी pathogen के सरफेस के ऊपर एक hole बना देते हैं, यानी pathogen के मेंब्रेन के ऊपर मेंब्रेन अटैक कंपलेक्स का निर्माण कर देते हैं। जिससे pathogen के अंदर जो भी मटेरियल भरा जाता है वह बाहर निकल जाता है और pathogen की डेथ हो जाती है।
अब देखिए ये जो कंप्लीमेंट सिस्टम है, इसे भी इसके initiation के आधार पर तीन भागों में बांट दिया गया है। एक है क्लासिकल कंप्लीमेंट सिस्टम जो कि मेनली एडाप्टिव immune सिस्टम में काम करता है। उसमें क्या होता है कि जब प्लाज्मा सेल एंटीबॉडी रिलीज करता हैं, और ये antobody pathogen के सरफेस पर आकर bind जाते है, तब यह प्रोटीन आकर pathogen के सरफेस पर कई सारे होल कर देते हैं, इसी एंटीबॉडी की सहायता से pathogen की डेथ हो जाती है।
दूसरा होता है lectin पाथवे, ये इनते immune system का हिस्सा होता है, इसमें क्या होता है कि यह जो कंप्लीमेंट्री प्रोटीन होते हैं, यह किसी वायरस या pathogen के surface पर मौजूद शुगर molecule से जाकर bind हो जाते हैं और फिर इसी pathogen के सरफेस पर एक mac फॉर्मेशन कर देते हैं, यानी एक होल बना देते हैं। जिससे अंदर का सारा मटेरियल बाहर निकल जाता है।
और तीसरा pathway होता है अल्टरनेटिव pathway है, इसमें क्या होता है कि यह भी इनेट इम्यून सिस्टम का ही भाग होता है। वह इसमें खास क्या होता हैं कि इसमें एंटीबॉडी का या pathogen के surface पर शुगर मॉलिक्यूल का कोई रोल नहीं होता है। इसमें तो नए component factor b और factor d जुड़ जाते हैं, various रिएक्शन को इंप्लीमेंट करवाने में, ताकि pathogen के सरफेस को होल बनाया जा सके।