शरीर में सूजन कैसे होती है

अगर आपने कभी ध्यान दिया होगा कि जब भी आप को चोट लगती है, जब भी आपको कोई इंफेक्शन हो जाता है। तो आपके उस इंफेक्शन वाली जगह पर या जिस जगह पर आपको चोट लगी हुई है। वह जगह फूल जाती है, वहां पर सूजन हो जाता है। रेडनेस हो जाती है, वहां दर्द होने लगता है, ऐसा क्यों होता है?? मेडिकल की भाषा में इसे inflammation कहते हैं। और आज इस वीडियो जानेंगे कि हमें जो inflammation होता है, सूजन, जलन, दर्द होना, रेडनेस यह सब क्यों होता है ???

सबसे पहले यह जानते है कि जब किसी को इन्फ्लेमेशन होता है तो असल में उसके साथ होता क्या है। देखिए inflammation में loss of function, heat, swelling यानी सूजन, pain और रेडनेस जैसी चीजें देखी जाती है।

अब यह पांचों सिम्टम्स जो inflammation में देखी जाती हैं, वह होता कैसे है?? अब मान लीजिए आपको आपके स्किन पर कहीं पर भी एक कांटा चुभ गया है। उस कांटा चुभने की वजह से आपकी स्किन फट गई है। और कांटा अंदर तक पहुँच गया है। आसपास के टिशु डैमेज हो गए हैं। और उसी कांटे पर लगे बैक्टीरिया आपके शरीर के अंदर घुस चुके हैं। देखिए इन परिस्थितियों में आपके साथ अब दो चीजें होगी क्योंकि कांटा चुभ जाने की वजह से आसपास की tissue डैमेज हो चुके हैं।

इसलिए इस टिशु की डैमेज सेल अब डैमेज एसोसिएटेड मॉलिक्यूलर पैटर्न यानी damp रिलीज करना शुरू कर देंगे और चुकी बैक्टीरिया भी इस टिश्यू में पहुंचकर यहां पर cells को डैमेज पहुँचा रहा है। इसलिए ये cells पैथोजन एसोसिएटेड मौलिकूलर पैटर्न pamp भी अब रिलीज करने लगेंगे। आसान भाषा में बताएं तो सेल्स कुछ ऐसे सब्सटेंस रिलीज करने लगेंगे जिससे हमारे इम्यून सेल को यह पता लगना शुरू हो जाएगा कि यहां पर कुछ गड़बड़ हो चुका है। टिशू या तो डैमेज हो चुकी है या pathogen ने यहां पर अटैक कर दिया है।

सबसे पहले इस डैमेज जगह पर mast सेल और macrophage जाकर इन बैक्टीरिया को मारना शुरू करते हैं और टिशु रिपेयर का काम भी शुरू हो जाता है। देखिए यह mast cell क्या होता है कि हर एक टिशू में यह mast cell होता है, वहां पर किसी भी प्रकार के pathogen को kill करने के लिए यह mast cell क्या करता है, यह हिस्टामिन नाम के एक केमिकल को रिलीज करना शुरू कर देता है। जो उस पर्टिकुलर इन्फेक्शन और चोट वाली जगह पर जलन यानी heat जैसा महसूस करवाने लगता है।

साथ ही साथ वहां पर यह ब्लड वेसल को dialate कर देता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा ब्लड फ्लो होकर उस जगह पर वाइट ब्लड सेल्स और काम के प्रोटीन ला सके। और जैसे ही यहां पर ब्लड फ्लो बड़ा वह जगह लाल हो जाती है, मतलब रेडनेस हो जाता है। वहां पर जलन होना शुरू हो जाती है, histamine की वजह से और वह जगह swell भी हो जाती है यानी वहां पर सूजन हो जाती है। बहुत सारे वाइट ब्लड सेल्स के इकट्ठा हो जाने की वजह से….

देखिये चुकी वहां पर बैक्टीरिया भी पहुंच चुका है। इसलिए macrophage भी वहां पर अब इन बैक्टीरिया को किल करना शुरू कर देगा। साथ ही साथ pathogen को किल करते-करते ये cytokines को भी रिलीज करने लगेगा, जिन साइटोकींस को वाइट ब्लड सेल्स जैसे न्यूट्रोफिल्स वगैरह डिटेक्ट कर लेंगे। और वहां पर यह जो डैमेज सेल है, damaged टिशू इन्हें वहां से हटाकर वहां पर हीलिंग का काम भी शुरू कर देंगे। अब इतने बड़े catastophic इवेंट्स होने के कारण इस जगह पर दर्द भी होने लगेगा।

और ऐसा नहीं है कि इसमें केवल एक cell का इंवॉल्वमेंट होता हैं। इसमें बहुत सारे इम्यून सेल्स वाइट ब्लड सेल्स प्रोटींस यहां पर आकर काम करने लगते है । और ऐसे ऐसे cytokines और केमिकल रिलीज करना शुरू कर देंगे, जिससे यहां पर सेल के मेटाबॉलिक रेट को भी बढ़ा देंगे एक सेल दूसरे सेल को एक्टिवेट करता जाएगा, इसीलिए इसे इन्फ्लेमेटरी रिस्पांस के नाम से जाना जाता है। जिससे यहां पर बहुत तेज जलन भी महसूस होता है।

जब भी आप किसी ऐसी बीमारी के नाम सुने जिसके अंत में itis लगा हो जैसे टॉन्सिलाइटिस, जिंजिवाइटिस कोलाइटिस यह सभी इन्फ्लेमेटरी रिस्पांस की ही बीमारियां होती हैं।

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