सांप एक बहुत ही फ्लेक्सिबल रेप्टाइल है, जिसके वजह से कई लोग यह समझते हैं, कि सांप के पास हड्डियां नहीं होती है. क्योंकि किसी बोन वाले जीव में इतना ज्यादा flexbility नहीं हो सकती है, ऐसा कुछ लोगो का सोचना हैं। लेकिन जो लोग यह सोचते हैं वह गलत सोचते हैं, सांप की भी हड्डियां होती हैं, इस इमेज में देखिये की स्नेक्स के स्केलेटन कैसे होते हैं। यह स्केलेटन ही स्नेक को सपोर्ट करते हैं और उन्हें शेप देते हैं। और सांप के movement में स्नेक के यह स्केलेटन बहुत ज्यादा मदद भी करते हैं।
लेकिन एक सांप मूवमेंट कैसे करता है, यानी सांप चलता कैसे हैं। क्योंकि सांप के तो पैर होते नहीं हैं, और इस तरह बिल्कुल एक smooth पेट के साथ आखिर सांप चल कैसे सकता है।
आज इस वीडियो में आज हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि साथ चलता कैसे हैं, तो बिना समय गवाएं हम यह जानना शुरू करते हैं।
आपको शायद जान के आश्चर्य हो लेकिन अगर आप यह समझते हैं कि सांप केवल एक ही तरीके से चल सकता है, तो आप गलत सोचते हैं। अलग अलग सांपों के चलने के अलग अलग अंदाज हो सकते हैं। और सांपों के चलने के कुल 5 प्रकार होते हैं।
serpentine locomotion
Sidewinding
Concertina
Rectilinear
Slide pushing
चलिए अब इनके बारे में जानना शुरू करते हैं…
सरपेंटाइन लोकोमोशन वह कॉमन सांप के चलने का अंदाज होता है, जो हमने फिल्मों में या अपने आसपास सांपों को चलते हुए देखा हैं, बिल्कुल सांप जो english letter S आकार बना कर चलता है, उसे ही सरपेंटाइन लोकोमोशन कहते हैं या इसे lateral undulation भी कहते हैं।
देखिए सांप के इस तरीके के motion में जब सांप चलता है, तब सांप जनरली खुद को या तो सरफेस के मुकाबले या किसी भी ऑब्जेक्ट से खुद को push करता है, देखिए जैसे इस इमेज में सांप पहले अपने इस एस कर्वेचर से यहां पर से खुद को पूछ करता है, फिर उसके बाद इस वाले एंकर पॉइंट से खुद खुद डाउनवार्ड push करता है, जिससे सांप खुद को आगे की ओर propell कर पाता है।

यह सांप के लोकोमोशन का सबसे साधारण तरीका है, इसे हम सब लोग देखे होंगे।
दूसरा है साइड वाइंडिंग लोकोमोशन देखिए जनरली सांप का यह मोशन किसी रेगिस्तान में बहुत ही सूखे जगह में देखा जाता है। क्योंकि ऐसे सूखे जगहों में surface इतना गर्म होता है कि सांप कम से कम अपनी बॉडी को सरफेस से कांटेक्ट में लाना चाहते हैं।
इस तरह की मूवमेंट में सांप आगे चलने के साथ-साथ दाएं और बाएं भी मूवमेंट करता है। बेसिकली इस मूवमेंट में जब सांप चलता है, तो वह अपने शरीर से सरफेस पर कुल 3 एंकर प्वाइंट बनाता है, जिससे उसका अधिकतम बॉडी सरफेस से ऊपर रहे।
सबसे पहले तो यह अपने स्टमक और पूछ पर एक एंकर पॉइंट बनाकर अपने हेड को आगे ले जाता है। फिर अपने हेड और stomach के पास एंकर प्वाइंट बनाकर अपने पीछे वाले पूछ वाले पोर्शन को मोशन में लाता है। देखिए जब यह सांप मोशन करता है, तो यह आगे बढ़ने के साथ साथी अपने इस तीन anchor पॉइंट के बदौलत लेटरल यानी दाएं बाएं भी मूवमेंट करता है।

सांपों के तीसरे प्रकार के motion को कंसर्टिना लोकोमोशन के नाम से जाना जाता है।
इस तरीके के सांप के लोकोमोशन में होता यह है कि सांप सबसे पहले अपने आगे के हिस्से को फॉरवर्ड करके, यहां पर एक एंकर पॉइंट बनाता है, फिर इस एंकर पॉइंट के बदौलत वह अपने पीछे की बॉडी को आगे की ओर को लाता है, बिल्कुल सिकोड़ लेता है, जैसे ये म्यूजिक instrument होता है। फिर उसके बाद वह अपने पीछे पूछ पर एक एंकर प्वाइंट बनाकर अपने पूरी बॉडी को आगे की ओर बढ़ा लेता है।

सांपों के इस तरह की मोशन को तो बहुत कम देखा गया है, खास तौर से भारत में।
सांपों के चलने का जो चौथा तरीका है, वह है rectilinear लोकोमोशन, इस प्रकार की मोशन बहुत ही खास प्रकार के सांप करते हैं, जिनके पेट की मसल्स कुछ खास प्रकार की सेल से बनी हुई होती हैं, और बहुत ही स्मूद होती हैं।
देखिये दरअसल इस प्रकार के सांप का पेट बहुत ही स्मूथ होता है, इसमें सबसे पहले तो सांप अपने पेट के smooth मसल्स वाली स्किन के आगे वाले portion पर एक एंकर पॉइंट बनाता है, फिर अपने बाकी के पीछे की बॉडी को आगे लाता है। फिर… वह अपने आगे वाले पेट पर एक एंकर प्वाइंट बनाता है, फिर पीछे की बॉडी को आगे लाता है। और इस तरह से वह बहुत ही स्लो मोशन करके एक जगह से दूसरी जगह पर जा पाता है।

इस तरीके के साथ बहुत ही भारी होते हैं, जो बहुत ही मोटे मोटे होते हैं, वही इस तरीके के मोशन को करते हैं।
इसी तरह सांप के एक और चलने का मूवमेंट होता है, जिसे slide pushing movement कहते हैं। इसमें सांप अपने पीछे के पूरी की पूरी बॉडी को आगे की ओर लाकर, वहां से एंकर पॉइंट बनाकर अपनी बॉडी को आगे की ओर push करता है।