क्या आपको पता है कि हमारे शरीर में जो बोन होती है, शुरुआत में वह एक कार्टिलेज या कनेक्टिव टिशु के रूप में होती है. गर्भ के आठवें हफ्ते में इन caetilages और कनेक्टिव टिशु का bone में परिवर्तन शुरू होता है.
अब मां के गर्भ में यह हड्डियों का निर्माण होता कैसे है ? आज इस वीडियो में हमें यही जानना है…
शुरुआत करने से पहले मैं आपको बता दूं कि 1 बच्चे में जब हड्डी का निर्माण होना शुरू होता है, तो हड्डी मुख्यता दो टिशू से बनना शुरू होती है। एक है hyaline cartilage और दूसरा है। कनेक्टिव टिशु जो कि एक मेंब्रेन की लेयर की तरह होती है।
जब गर्भ में bone का डेवलपमेंट होता है। hyaline cartilase से तो इस तरीके से बोन के बनने की क्रिया को Endochondral ossification कहते हैं. Endo का मतलब बीच में chondral मतलब कार्टिलेज, chondrocyte कार्टिलेज की प्रमुख सेल होती है। इसी के नाम पर chondral जोड़ा गया है और ओसिफिकेशन का मतलब बोन का निर्माण होना।
देखिए गर्भ में ही bone developement का दूसरा तरीका है, intramembranous ossification, intra मतलब within और मेंब्रेन मतलब कनेक्टिव टिशु से जिसमें मेनली mesenchymal cell होता है, और ओसिफिकेशन मतलब bone का निर्माण। मतलब इसमें पतली सी एक मेंब्रेन की लेयर शरीर में बोन का निर्माण करती है। 1 भ्रूण में गर्भ में ही।
चलिये सबसे पहले इस intramembraneous ossification को ही समझते है कि कैसे इस प्रोसेस से bone बनता है। लेकिन भ्रूण के अवस्था में ही हमारे शरीर में जब फ्लैट bone का निर्माण होना होता है। flat bone जैसे हमारे कपाल की हड्डियां, हमारे चेहरे की हड्डियां, और ribs की हड्डियां, यह सब फ्लैट bone होती हैं।
जिनकी आउटर सरफेस बहुत ही हार्ड होता है और बीच में इनके spongy बोन होते हैं, जिनके अंदर रेड बोन मैरो भरा रहता है। लेकिन शुरुआत में क्या होता है कि यह सब एक मेंब्रेन layer की तरह होती हैं, जिसमें primarily mesenchymal cell होती है जो एक stem cell होती है। क्या होता है समय के साथ जब बोन का निर्माण होना होता है। तो यह centre में आकर एक बहुत ही इंपॉर्टेंट cell में differentiate हो जाती है, जिसे ओस्टियोब्लास्ट कहते हैं। इसको आप हमेशा याद रखियेगा, यही ओस्टियोब्लास्ट बोन के निर्माण में सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है।
देखिये जैसे ही ओस्टियोब्लास्ट सेल के सेंटर में आकर ossification सेंटर बनाते हैं, यह osteoid नाम के एक लिक्विड को रिलीज करने लगते हैं। जो कि मिनरल को ऐड करके हमारे bone को hard बनाते हैं, यानी calcification के वजह से हमारी bone को hardness मिलती है और बीच मे ही एक हड्डियों की जाल की तरह संरचना बन जाती है जिसे trabaculae या spongy bone कहते हैं। जो mesenchymal cell इस सेंटर के चारों ओर रहते हैं।
वह दरअसल बाहर की ओर विस्थापित होते होते इस flat bones के बाउंड्री बनाते हैं, जो कि एक बहुत ही कंपैक्ट बोन होती है। यह फाइबर्स टिशु से ही बनी रहती है और इसे पेरिऑस्टम कहते हैं। देखिये osteoid के वजह से यह ओस्टियोब्लास्ट बीच में ही trap हो जाते हैं। और trap होकर ये ओस्टियोब्लास्ट और osteocyte बना लेते हैं जो कि एक स्थिर सेल होती है जो bone को मेंटेन करती है। और कुछ mesenchymal cell जो ओस्टियोब्लास्ट में डिफरेंस नहीं हुई थी वह बीच में ब्लड कैपिलरी बनाती है, जिसके वजह से इन्हीं spongy bone के बीच में रेड बोन मैरो भरा रहता है।
यह तो हुआ इंट्रामेंबरानस ओसिफिकेशन अब जान लेते हैं एंडोकांड्राल ओसिफिकेशन से हड्डी कैसे बनती है। आपको बता दे कि endochondral ossifaction से long bone और skull की बेस की हड्डियां develope होती हैं।
इस तरीके से जो bone का फॉरमेशन होता है, गर्भ में ही इसमें होता यह है कि hyaline cartilage गर्भ के आठवें हफ्ते में जब फॉर्म होता है, अपने main सेल chondrocytes की वजह से, तो यह बिल्कुल अपने सेंटर से ही develope होना शुरू होते हैं, मतलब chondrocytes इस कार्टिलेज के सेंटर से develope होकर वहीं पर mature होते हैं। और समय के साथ ही ये वही पर dead हो जाते हैं।
डेड होने के बाद यह सेंटर से बाहर की ओर एंड पर move हो जाते हैं, और बीच में क्या होता है, यानी सेंटर में… ब्लड वेसल्स invade करती हैं और अंदर तक जाने पर यह जो बीच में कैविटी फॉर्म हुई है. वहां पर एक नए प्रकार के सेल को लाते हैं, जिसे ओस्टियोक्लास्ट कहते हैं, ध्यान रखियेगा इस सेल का नाम ओस्टियोक्लास्ट… ये क्या करता है यह बोन का क्षरण करता है यानी है उनको डिग्रेड करते हैं।
और जब बोन को डिग्रेड करते हैं, तो बीच में एक बहुत ही बड़ी medullary cavity का निर्माण हो जाता है, और इतना ही नहीं यह जो ओस्टियोक्लास्ट सेल होती है, यह बोन के एंड पर spongy bone का निर्माण कर देती है, मतलब एक cancelous bone जोकि हड्डियों की जाल की तरह होती है। और आपको बता दें कि इसी बोनके एंड पर एक कार्टिलेज एडल्टहुड तक बना रहता है, जिसे epiphyseal plate कहते हैं। इस कार्टिलेज से व्यक्ति की हाइट हमेशा बढ़ती रहती है
जब तक वह अपने मैक्सिमम पोटेंशियल पर नहीं पहुंच जाता, लगभग 16 से 18 साल की उम्र तक…