हमें स्पर्श का अनुभव कैसे होता है

हमारे स्किन के अंदर तीन प्रकार के sensory रिसेप्टर पाए जाते हैं, जो हमें स्पर्श का अनुभव करवाते हैं, इन्हीं रिसेप्टर के कारण से ही ठंडी गर्मी को sense कर पाते है। और जब भी कोई हमें दर्द होता है, हमारे skin में तो वह भी skin में ही मौजूद यह विशेष प्रकार के रिसेप्टर ही हमें महसूस करवाते हैं।

अब देखिए ये विशेष प्रकार के रिसेप्टर जो हमारे स्कीम में पाए जाते हैं। यह तीन प्रकार के होते हैं। एक है mechanoceptors जो हमें प्रेशर और टच की फीलिंग करवाता है। दूसरा है थर्मोरिसेप्टर्स इसके वजह से हमें ठंडी या गर्मी का एहसास होता है, और तीसरा होता है nociceptors जिसके वजह से हमें दर्द होता महसूस होता है। जब भी हमें कोई चोट लग जाती है, या हमें सुई वगैरह चुभ जाती है।

फिलहाल इस वीडियो में हम mechanoceptors की बात कर लेते हैं कि कैसे यह हमें स्पर्श या जब भी कोई हमें sexualy तरीके से abuse करने के इरादे से टच करता है, या जब भी कोई हम पर प्रेशर डालता हमारे skin पर, तब हमें यह कैसे एहसास होता है, चलिए इसके बारे में जानते हैं।

देखिये ये mechanoceptors भी हमारे स्किन में चार प्रकार के पाए जाते हैं, पहला है pacinian corpuscles…

हमारी स्किन 3 लेयर से मिलकर बनी हुई होती है, जिसमें से इन बीच वाली लेयर और नीचे वाली लेयर में ही यह रिसेप्टर पाए जाते हैं। pacinian corpuscles का लोकेशन स्किन में ये है। इसमें खास बातें होता है इसका जो end है वह कनेक्टिव टिशु के layer से एनकैप्सूलेटेड होता है। और इसी कैप्सूलेटेड लेयर में जब डैमेज होता है, deep प्रेशर की वजह से या वाइब्रेशन की वजह से तो यह pacinian corpuscles इन्हें डिटेक्ट कर लेता है।

और सीधे nerve के थ्रू के सिग्नल भेजता है, हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम को हमारे ब्रेन को जो इस टच या प्रेशर को या कह सकते हो वाइब्रेशन को sense कर लेता है। इसका रिसेप्टिव फील्ड बाकी रिसेप्टर से ज्यादा होता है। और यह rapidly ही टच को चेंज कर पाता है। optimaly यह 250 hertz के vibration को ढंग से डिटेक्ट कर पाता है। यह पूरे शरीर में पाया जाता है।

अब देखिए अगर आपको कोई sexualy तरीके से टच कर रहा है। आपको discriminate करने के लिए तो हमारे स्किन में डर्मिस लेयर में ही होता है, meissner corpuscles receptor. अगर आपको कोई discriminative तरीके से टच कर रहा है, fine touch तो यह तुरंत ही डिटेक्ट कर लेता है। क्योंकि यह 10 से 50 hertz के vibration को भी हमारे skin में डिटेक्ट कर लेता है। इसके अलावा टच करने वाली वस्तु का शेप कैसा है, उसे भी ये detect कर लेता है, कैसे ?? जैसे ही कोई हमें टच करता है तो यह रिसेप्टर के corpuscles हल्का सा डिफॉर्म हो जाते हैं, और डिफॉर्म होते ही यह nerve ending के थ्रू एक्शन पोटेंशियल के थ्रू सेंट्रल नर्वस सिस्टम से हमारे brain के जरिए इसे डिटेक्ट कर लेते हैं। यह है दूसरा रिसेप्टर जो टच को sense करता है, skin में…

तीसरा रिसेप्टर होता है ruffini कॉरपसल्स यह क्या करता है, यह हमारे स्किन में टचिंग को sense करता है। यह हमारे फिंगर्टिप पर बहुत ही ज्यादा density में पाए जाते हैं, जो क्या करते हैं हमारे उंगलियों को स्लिपेज मॉनिटरिंग के योग्य बना देते हैं। जिससे उंगलियों का grip किसी भी वस्तु पर बहुत अच्छा तरीके से बन जाए। यह finger के मूवमेंट और उसके लोकेशन को भी detect करता है। साथ ही साथ यह थर्मोरिसेप्टर्स की तरह भी काम करता है। गर्माहट को sense करने के लिए, लेकिन यह बहुत ही स्लो तरीके से काम करता है, ना कि शुरुआत के 2 receptor की तरह rapidly.

चौथा रिसेप्टर है हमारे स्किन में merkel’s disc यह क्या करता है, यह हमारे skin में जो फाइन टच होता है, उसे डिटेक्ट करता है, स्पेशली हमारे उंगलियों के अराउंड पर इसका काम यह होता है, कि यह टच करने वाले उन वस्तु है या चीजों का shape और texture को भी डिटेक्ट कर लेता है। और डिस्क्रिमिनेटिव टच को भी टिकट कर लेता है। यह हमारे एपिडर्मिस प्लेयर में पाया जाता है।

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