कभी अपने ध्यान दिया कि हवाई जहाज कैसे उड़ता है आप मे से कई लोग हवाई जाएंगे बैठे होंगे क्या आपके मन में कभी ये जिज्ञासा आया हैं चलो नही आया हैं तब भी आप यह बात जानना चाहते हैं तभी तो आप ये वीडियो देख रहे हैं और इस वीडियो में मैं आपको बता दूंगा की हवाई जहाज आखिर उड़ता कैसे है बहुत ही साधारण शब्दों में और बिना आपका ज्यादा समय लिए।
अब देखिए हवाई जहाज उड़ता है तो उस पर लगता है मुख्यत 4 force, खुद हवाई जहाज का वेट जो कि गुरुत्वाकर्षण के कारण हमेशा से ही प्लेन में नीचे क्यों लगता है दूसरा सबसे इंपॉर्टेंट जो प्लेन को ऊपर ले जाने में मदद करता है जो कि होता है एरोप्लेन कल लिफ्ट, जो कि ऊपर की ओर लगता है।

प्लेन में लगने वाला ड्रैग फ़ोर्स प्लेन में पीछे की ओर लगता है और सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट प्लेन में आगे की ओर लगने वाला thurst फ़ोर्स जो प्लेन को आगे खींचता है जब यही आगे लगने वाला था और लिफ्ट एक साथ काम करने लगते हैं तब प्लेन आगे की ओर बढ़ने लगता है। साथ-साथ लिफ्ट force के कारण ऊपर भी उड़ने लगता है लेकिन आपको यह जानना है कि ये फ़ोर्स लगते हैं तो चलिए आपको बहुत ही साधारण शब्दों में बता देता है कि हवाई जहाज फ़ोर्स कैसे लगते हैं.
जब प्लेन रनवे पर उड़ने वाला ही होता है तभी प्लेन में पीछे की ओर लगे हुए बड़े-बड़े फैन प्लेन में thurst force लगाते है। जोकि प्लेन को आगे की ओर pushकरते हैं और एक बार प्लेन पायलट के दिशा निर्देश पर ऊपर की ओर किया जाता है तभी प्लेन में लगे दोनों ओर wings जिन का डिजाइन एयरोडायनेमिक्स को ध्यान में रखकर बनाया जाता है, जिसके तहत इनका शेप कुछ इस तरह से बनाया जाता है जिससे इनमें हवा के मॉलिक्यूल पंख से टकराने के बाद नीचे की ओर move करने लगते है और पंख में नीचे की ओर हवा के बिल्कुल सीधे निकल जाते हैं जो कि प्लेन को ऊपर उठने के लिए लिफ्ट फोर्स प्रोड्यूस करता है।
लेकिन ऐसा नहीं है जैसा कि आप जानते ही हैं कि हर फोर्ट के ऑपोजिट में एक रिएक्टिव पोस्ट लगता है जो कि न्यूटन थर्ड लॉ है उसी तरह जब प्लेन में ऊपर की ओर लिफ्ट हो सकता है तभी प्लेन में उसके वेट की वजह से एक नीचे की ओर फोर्स भी लगता है हालांकि ए लिफ्ट फोर्स के वजह से बैलेंस हो जाता है जिसके बाद एक बार प्लेन हवा में पहुंच गया उसके बाद हवा में ही उसी एलिवेशन पर प्लेन स्थिर हो जाता है जब तक की उस पर दोबारा से पोस्ट लगाकर उसके ऊंचाई को बदला ना जाए
ठीक उसी तरह जब प्लेन thurst force की वजह से आगे की ओर बढ़ता रहता है। तभी प्लेन में उसी force के विपरीत में एक drag फ़ोर्स लगता है, जो कि हवा के मॉलिक्यूल की वजह से friction होता है। यह thurst force के मुकाबले काफी कम होता है जिसकी वजह से प्लेन आगे की ओर लगातार move करता रहता है और हम अपने गंतव्य को पहुंच जाते हैं और यह thurst force लगता है जब हम पंखे को चलाते हैं तो तो यह फैंस बहुत ही तेजी से इंजन में combustion की वजह से निकलने वाले एयर को पीछे की ओर बहुत ही तेजी से प्रेशर के साथ फेंकता हैं, जिससे प्लेन को आगे की ओर एक फोर्स फील होता है इसी को हम thurst force कहते हैं।