भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान रिएक्टर – भारत एक ऐसा देश है जहां पर बहुत ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता है.
भारत ने अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई सारे डैम बनाए हैं.
कई सारे कोल पावर प्लांट लगाए गए हैं. भारत में और अब तो भारत सौर ऊर्जा से भी बिजली बनाने क्षेत्र में बहुत ज्यादा आगे बढ़ रहा है.
लेकिन किसी भी राष्ट्र के लिए जरूरी है कि अपनी बिजली की आपूर्ति को पूरा करने के लिए वह नाभिकीय ऊर्जा का भी इस्तेमाल करें।
और भारत भी इस प्रयास में लगा हुआ है. डॉक्टर होमी भाभा के प्रयासों का ही यह फल है कि
भारत भी परमाणु ऊर्जा में नियत तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है.
लेकिन क्या आपको पता है कि भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान रिएक्टर कौन सा है.
अगर नहीं पता है तो आज आप ही आर्टिकल पढ़ लीजिए आपको पता चल जाएगा…
bharat ka sabse bada anusandhan reactor –
सायरस बार्क मुंबई में स्थित एक रिएक्टर है. जो भारत द्वारा बनाया गया है. 10 जुलाई 1960 को इसे कनाडा के सहयोग से बनाया गया था.
इंधन के रूप में इसमें यूरेनियम का प्रयोग किया जाता है और मंदक के रूप में भारी जल का जाता हैं.
यह भारत का सबसे पुराना अनुसन्धान रिएक्टर हैं. और यह भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान रिएक्टर भी हैं.
लेकिन अगर आप बात कर रहे हैं भारत का सबसे बड़ा न्युक्लियर पावर प्लांट की तो वो हैं तमिलनाडु में मौजूद कुडनकुलम न्युक्लियर पावर प्लांट।
कुडनकुलम पावर प्लांट का निर्माण 2002 से शुरू हुआ. जोकि 2013 में पूरा हुआ. और क्रांतिक रूप से चालू हुआ.
इसमें 1000 मेगावाट की दो इकाइयां लगी हुयी हैं. दूसरी इकाई 2016 में शुरू हुयी।
यानि कुल 2000 मेगावाट का पावर प्लांट हैं ये.
इसके बाद तारापुर का 1400 MW का न्युक्लियर पावर प्लांट आता हैं.
तो अब आप जान ही गए होंगे, कि भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान रिएक्टर कौन सा हैं.
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