भारत का सबसे ऊंचा पर्वत – भारत पर्वतों का देश है. भारत में कई उचे उचे पर्वत है. भारत में ही दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत श्रृंखला हिमालय है.
भारत में विंध्य है, भारत में पश्चिमी घाट के पर्वत है, भारत में पूर्वी घाट के पर्वत और इन सब पर्वतों को भारत में काफी पूजा भी जाता है.
क्योंकि यह पर्वत प्रकृति के लिए और भारत के संस्कृति के लिए भी बहुत ही ज्यादा अमूल्य है.
एक आर्टिकल में हमने आपको यह बताया था कि दक्षिण भारत की सबसे ऊंचा पर्वत अनाईमुडी है.
वही उत्तर भारत का सबसे ऊंचा पर्वत कंचनजंघा है. जो कि सिक्किम में मौजूद है.
लेकिन क्या आपको पता है भारत के कुल 5 सबसे ऊंचे पर्वत कौन से हैं.
और क्या उसमें दक्षिण भारत के पश्चिम भारत का कोई क्षेत्र आता है. चलिए आज आपको इस आर्टिकल में पूरी बात बताते हैं…
PoK में हैं भारत का सबसे ऊँचा पर्वत –
वैसे तो K2 यानी गॉडविन ऑस्टिन पाकिस्तान द्वारा अधिकृत कश्मीर में मौजूद है. लेकिन यह भाग भारत का ही है.
इस हिसाब से देखें तो भारत का सबसे ऊंचा पर्वत K2 यानी गॉडविन ऑस्टिन ही है.
के2 पर्वत की ऊंचाई 8,611 मीटर तक है. जो कि दुनिया में दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है.
K2 पर्वत आज के समय में पाकिस्तान द्वारा अधिकृत कश्मीर और चीन बॉर्डर के पास है.
और इसे छोगोरी के नाम से भी जाना जाता है काराकोरम पर्वत श्रृंखला का सबसे ऊंचा पर्वत है जो कि हिमालय की ही एक उपशाखा है.
bharat ka sabse uncha parvat –
1. कंचनजंगा –
अगर तत्काल में भारत के पास जितनी भूमि है उसके हिसाब से बात करें तो कंचनजंगा भारत का सबसे ऊंचा पर्वत श्रृंखला है.
जोकि 8,598 मीटर तक ऊंचा है. कंचनजंगा भारत ही नहीं विश्व का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत भी है.
यह भारत के सिक्किम राज्य में मौजूद है. सिक्किम और नेपाल बॉर्डर पर कंचनजंगा पर्वत ही भारत और नेपाल का विभाजन कराता है.
इसके साथ ही कंचनजंघा भारत के लिए विश्व में ऊंचे पर्वत के स्थान को जगह देने वाला भी है.
हिमालय पर्वत की भी तीसरी सबसे ऊंची चोटी है. 1852 तक कंचनजंघा को ही दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता था.
लेकिन 1849 में हुए द ग्रेट ट्रिगोनोमैट्रिकल सर्वे ऑफ इंडिया के मुताबिक माउंट एवरेस्ट विश्व का सबसे ऊंचा पर्वत माना गया.
और 1856 में मुझे अनाउंस कर दिया गया कि कंचनजंगा विश्व का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत श्रृंखला है.
कंचनजंघा को नेपाली भाषा में कुंभकरण लंगूर के नाम से भी जाना जाता है. वहीं कंचनजंगा शब्द एक तिब्बती शब्द है.
2. नंदादेवी –
भारत का दूसरा सबसे बड़ा पर्वत नंदादेवी है. जो कि 7,818 मीटर तक ऊंचा है. और यह पर्वत भारत में पूरी तरीके से मौजूद है.
क्योंकि कंचनजंगा का कुछ भाग नेपाल में भी मौजूद है. 1975 तक तो नंदादेवी पर्वत भारत का सबसे ऊँचा पर्वत था.
लेकिन 1975 में सिक्किम का भारत में विलय हो जाने के बाद कंचनजंगा भारत का सबसे ऊंचा पर्वत हो गया.
1808 तक ब्रिटिश पीपल के द्वारा यह माना जाता था कि उत्तराखंड का नंदा देवी ही विश्व का सबसे ऊंचा पर्वत है.
लेकिन जब पूरी तरीके से गणना किया गया तो पाया गया कि नेपाल में मौजूद धौलागिरी नंदादेवी से भी ज्यादा ऊंचा है.
और 1852 तक तो यह भी पता चल गया कि माउंट एवरेस्ट ही दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है.
नंदादेवी का भारत में बहुत ही ज्यादा महत्व है. यह उत्तराखंड के चमोली जिला में आता है.
3. कामेट पर्वत –
कामेट पर्वत उत्तराखंड का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है और भारत का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत है.
यह गढ़वाल रीजन में मौजूद है और यह विश्व की 29 सबसे ऊंचा पर्वत है. कामेट पर्वत की ऊंचाई 7,755 मीटर है.
कामेट पर्वत का नाम मुख्यत तिब्बती शब्द कांग्मेद से आया है.
कामेट पर्वत के पूर्व में पूर्व का कामे ग्लेशियर और पश्चिम में पश्चिम का कामेट मौजूद है.
और मुख्यतः तीन शिखरों से घिरा हुआ है. अबी गामिन पर्वत, माना पर्वत और मुकुट पर्वत
उत्तराखंड और तिब्बत बॉर्डर पर मौजूद कामेट पर्वत हिमालय के ज़ास्कर पर्वत श्रृंखला का ही एक हिस्सा है.
और यह ज़ास्कर पर्वत श्रृंखला का सबसे ऊंचा पर्वत हैं.
4. साल्टोरो कांगड़ी –
साल्टोरो कांगड़ी भारत का चौथा सबसे ऊंचा पर्वत है. जिसे की K10 के नाम से भी जाना जाता है.
इस पर्वत की ऊंचाई 7,742 मीटर है. जो कि सियाचिन के पास मौजूद है. यह भारत के लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में मौजूद है.
और यह काराकोरम पर्वत श्रृंखला का ही एक हिस्सा है. यह बहुत ही रिमोट स्थान पर मौजूद है.
इसलिए यहां पर जाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है. साल्टोरो कांगड़ी विश्व का 31वां सबसे ऊंचा पर्वत शिखर है.
साल्टोरो पर्वत काराकोरम की एक उपशाखा साल्टोरो पर्वत श्रृंखला का ही एक हिस्सा है.
और एक काराकोरम पर्वत श्रृंखला के बिल्कुल मध्य में मौजूद है.
5. सासेर कांगड़ी –
सासेर कांगड़ी भारत का पांचवा सबसे ऊंचा पर्वत है और यह विश्व का 35 वां सबसे ऊंचा पर्वत है.
यह भारत के लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में मौजूद है जो कि 7,652 मीटर तक पहुंचा है.
यह बहुत ही अकेले से स्थान पर मौजूद है. इसलिए यहां पर बहुत ही कम लोग आते जाते हैं.
सासेर कांगड़ी दरअसल एक लद्दाखी नाम है शेर कांगड़ी का प्रॉमिनेंस 2342 मीटर तक फैला हुआ है.
6. ममोस्तोंग कांगड़ी –
ममोस्तोंग कांगड़ी भारत का छठवां सबसे ऊंचा पर्वत श्रृंखला है और विश्व में 48 का सबसे ऊंचा पर्वत है.
पर्वत की ऊंचाई 7,516 मीटर है और इस पर्वत का प्रॉमिनेंस 1,803 मीटर तक है.
इसे भारत सहित विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत सुचियन में रखा गया है. इस पर्वत की मातृ श्रेणी रिमो मुस्तांग है.
जो कि काराकोरम का ही एक हिस्सा है यह पर्वत काराकोरम पर्वत श्रृंखला का ही एक भाग है.
इस पर्वत पर सर्वप्रथम 13 सितंबर 1984 को प्रथम आरोहण किया गया था.
7. सासेर कांगड़ी 2 –
सासेर कांगड़ी 2 भारत का सातवां सबसे ऊंचा पर्वत है. जो कि लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में मौजूद है.
सासेर कांगड़ी 2 की ऊंचाई 7,513 मीटर तक है. सासेर कांगड़ी 2 काराकोरम पर्वत श्रृंखला का ही एक हिस्सा है.
सासेर कांगड़ी 2 का प्रॉमिनेंस 1450 मीटर तक है. सासेर कांगड़ी 2 को सासेर कांगड़ी 2E के नाम से भी जाना जाता है.
और यह विश्व का 49 वा सबसे ऊंचा पर्वत है.
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