रक्त वाहिकाएं कैसे काम करती हैं – blood vessel in hindi

आप सब को यह तो पता ही है कि हमारा heart धड़कता है, तो अपने हर एक धड़कन के साथ ही है ब्लड को पंप भी करता है. शरीर के हर एक ऑर्गन तक पर. आप में से हर कोई यह जानना चाहेगा कि जब दिल धड़क कर खून पहुंचाता है शरीर के हर एक अंग तक तोज़ शरीर के हर एक अंग तक खून को पहुंचाने वाला माध्यम क्या होता है। वह कैसे काम करता है और उसकी संरचना क्या होती है। और इस वीडियो में हम यही जानने का प्रयास करेंगे।

देखें हमारे हृदय से जुड़े रहती हैं हृदय से रक्त को शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचाने के लिए रक्त वाहिकाएं और यही रक्त वाहिका है शरीर से डीऑक्सीजनेटेड ब्लड को हृदय में वापस लाते हैं। फिर deoxyginated ब्लड को blood vessel वापस फेफड़ों की तरफ ले जाता है, फेफड़ों से ये blood ऑक्सीजन लेते है और दोबारा से यह खून भेज देते हृदय की तरफ और ह्रदय दोबारा से पंप करके इस ऑक्सिजनेटेड ब्लड को शरीर के हर एक अंग तक पहुंचाता है। इसीलिए तो heart बहुत ज्यादा इंपॉर्टेंट हमारे शरीर के लिए।

देखिये शरीर में फैली हुई यह रक्त वाहिकाये तीन प्रकार की होती हैं, मतलब इन्हें हम 3 तरीके से पढ़ सकते हैं समझने के लिए एक होता है, आर्टरी जिसे हिंदी में धमनी कहते हैं, दूसरा होता है कैपिलरी और तीसरा होता है वेंस जिसे हिंदी में शिरा कहते है।

देखिए सबसे पहले जान लेते हैं किस heart से खून को शरीर के बाकी अंगों तक ले जाने वाले आर्टरी का विस्तार कैसे हुआ होता है।

देखिए हृदय से लगा हुआ ऊपर की ओर यह जो बड़ी सी पाइप आप देख रहे हैं, इसे कहते हैं aorta यह हमारे शरीर में ब्लड को पहुंचाने के लिए सबसे बड़ी रक्त वाहिका है। इसे आप नेशनल हाईवे की तरह समझिए, यह सबसे मोटी रक्त वाहिका होती है जो कि ऊपर की ओर लगभग 3 सेंटीमीटर तक डायमीटर में होती है और नीचे आते आते abdomen में यह 1.8 सेंटीमीटर तक हो जाती है।

देखिये जब हृदय से ब्लड पंप होता है तो शुरुआत में ये बहुत ही हाई प्रेशर से aorta में आता है। इसलिए जो aorta होता है जो की सबसे बड़ी आर्टरी होती है, उसकी दीवार कंपेरटिवली ज्यादा मोटी होती है, जो ब्लड के तेजी से आ रहे प्रेशर को झेल सके।

और जैसा कि आप देख पा रहे होंगे इसी aorta से किडनी भी जुड़ा हुआ है, और यह aorta से दो आर्टरी निकल रही है,दो पैरों की तरफ और दो हाथों की तरफ और यही हाथों से जुड़ी हुई आर्टरी ब्रेन को चली जा रही है। aorta से जुड़ी हुई ब्रांच को आर्टिरीज कहते हैं, और यही artery further और ब्रांचेस में बढ़ते हुए अब arterioles बन जाती है, जो की पतली पतली होती हैं। यह arterioles जब ऑर्गन्स के पास पहुंचती हैं यानी tissue के पास तो ये एक कांप्लेक्स जाल बना लेती हैं।

जहां पर इसे कैपिलरी इस कहा जाता है। यह कैपिलरी बहुत ही पतली पतली होती है और यही कैपिलरी टिशू को ऑक्सीजन प्रोवाइड कराती है। जो ऑक्सीजन रेड ब्लड सेल से bind हो गया था। अब टिशू पर जाकर वहां पर tissue को एनर्जी देता है, और इसी कैपिलरी से जुड़ी रहते हैं यानी इसी कैपिलरी के जाल से जुड़ा रहता है, एक इससे थोड़ी मोटी रक्त वाहिका जिसे कहते है venules, venules जाकर जुड़ जाती है एक बड़े vein से और यही वेन अब सीधा हृदय के इनफीरियर और सुपीरियर वेना केवा से जाकर जुड़ जाता है,

जहां पर यह अब जो डीऑक्सीजनेटेड ब्लड हो गया था, जो ब्लड टिशु को ऑक्सीजन पहुंचा दिया था, और जिस में अब ऑक्सीजन की कमी थी, वह दोबारा से हृदय पर पहुंच जाता है, हृदय से दोबारा फेफड़े पर ऑक्सीजन लेता है, फिर हृदय पर आता है, और फिर हृदय पंप करके दोबारा से ऑक्सीजनेटेड ब्लड शरीर तक पहुंचता है।

चलिए आप इतना तो समझ गए अब आपको थोड़ा इसलिए anatomy पढ़ा देते हैं, यह बता देते हैं कि इसकी संरचना कैसे होती है। देखिए ब्लड वेसल्स mainly 3 लेयर से मिलकर बनी हुई होती हैं।

ब्लड वेसल की बाहरी वाली layer को कहा जाता है, tunica externa जोकि कनेक्टिव टिशु और elastic टिशू से मिलकर बनी हुई होती है। इसके बीच वाले लेयर को tunica media कहते हैं, जोकि स्मूथ मसल और इलास्टिक फाइबर से बना होता है। इसी की वजह से ब्लड वेसल्स dilate और constrict होती हैं। और इसके सबसे अंदरूनी वाले लेयर को tunica intima कहते हैं। जो कि epithelial cell से मिलकर बनी हुई होती है।

पर ध्यान रहे कैपिलरी केवल एक लेयर से मिलकर बनी हुई होती है, जोकि ट्यूनिका एंटीमा होती है। जो कि एपिथेलियल सेल्स से मिलकर बना हुआ होता है। वही जो वेंस होते हैं उसमें एक स्पेशल फीचर और जुड़ जाता है कि इनमें ब्लड वेसल्स के अंदरूनी वॉल पर ही कुछ वाल्स होते हैं, जोकि ब्लड के बैकवर्ड फ्लो को रोकने का काम करता है। और veins का डायमीटर थोड़ा ज्यादा होता है। और उनकी wall थोड़ी पतली होती है, arteries के मुकाबले।

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