क्या आपको बहुत ज़्यादा बोरियत महसूस होती है

आप ज्यादा से ज्यादा कितना देर तक बोर हो सकते हो. मुझे पता है आप बहुत कम समय के लिए बोर हो पाएंगे और जैसे ही आप बोर होंगे आप तुरंत अपने मोबाइल फोन में फेसबुक यूट्यूब या इंस्टाग्राम जैसे चीजों को खोल कर अपने boredom को तुरंत मिटाने का प्रयास करेंगे. क्योंकि बोर होना ऐसी चीज ही है इसमें शरीर को बहुत ही थकान से महसूस होता है बहुत ही overwhelmed सा महसूस करता है मनुष्य. जैसे मानो उसके पास करने को कुछ है ही नहीं, कोई ऑप्शन ही नहीं बचा है उसके पास कुछ करने का इसलिए ऐसी feeling से कोई क्यों नहीं दूर भागे.

पर ऐसा करके आपको पता है आप कितनी सारी चीजें अपने जीवन से खो रहे हो. आप कितनी महत्वपूर्ण चीज है अपने जीवन से हटा रहे हो. केवल अपने आप को कुछ समय के लिए मनोरंजन देने के लिए. क्योंकि bore होना इतनी ज्यादा महत्वपूर्ण चीज है यह बिल्कुल एकदम सोने की तरह है मतलब गोल्ड जो आपको आपके जीवन में बहुत सारी चीजें देगा। बहुत सारी समस्याओं का समाधान भी कर देगा।

तो सबसे पहले तो यह जान लेते हैं कि मैं यह क्यों कह रहा हूं कि बोर होना हमारे लिए इतना ज्यादा महत्वपूर्ण है। आपको पता है वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च किया, एक ऐसा एक्सपेरिमेंट किया जिसमें कुछ व्यक्तियों को कुछ समय के लिए बोर होने को कहा और कुछ व्यक्तियों का एंटरटेन होने के लिए कहा।उसके कुछ देर बाद जब उन्होंने एक प्लास्टिक cup दिया उन पार्टिसिपेंट को और कहा  इस प्लास्टिक कप के साथ आप कुछ क्रिएटिव कीजिये। तो आपको पता है उसमें से जो लोग बहुत ज्यादा बोर हुए थे किसी भी काम करके वह ज्यादा क्रिएटिव काम कर पाए थे। rather then जो खुद को एंटरटेन कर रहे थे थोड़े समय के लिए भी बोर नहीं हो रहे थे।

एक्सपेरिमेंट का मतलब यह निकला कि व्यक्ति जितना ज्यादा बोर होता है उतना ही ज्यादा क्रिएटिव काम को कर पाता है। पर यह कैसी बात हुई, यह तो बिल्कुल अजीब सी बात है। कोई इस बात पर विश्वास कैसे करेगा। researcher बताते हैं कि व्यक्ति जब बोर होता है तब व्यक्ति का दिमाग बहुत तेजी से कई तरीके के थॉट्स को सोचता है।

व्यक्ति अपने फ्यूचर को लेकर बहुत सारी चीजों को सोच पाता है। जैसे उसे फ्यूचर में क्या करना है, future में कहां उसे ट्रैवल करना है किस तरीके की लड़की से शादी करना है। आप खुद देखिए जब आप स्कूल में थे या अभी भी अब जब आप स्कूल या कॉलेज में होंगे तो जब आपको टीचर पढ़ाता है तब आप बिल्कुल भी बोर होकर कुछ अलग अलग ही प्रकार की कल्पना को कर पाते हैं जैसे क्लास में बैठे बैकबेंचर्स बोर होने पर सीट पर तरह-तरह की की क्रिएटिव चीज़ों को करना शुरू कर देते हैं।

यह सब होता है केवल बोर होने की वजह से जब व्यक्ति बोर होगा तब वह बहुत सारी चीजों को सोच पाएगा और उन सोची हुई चीजों से वह कुछ क्रिएटिव कर पाएगा लेकिन जब व्यक्ति हर समय एंटरटेनमेंट ही करेगा तो वह कभी भी कुछ नया सोच ही नहीं पाएगा कभी भी कुछ नया करने के लिए प्रेरित भी नहीं हो पाएगा।

अगर किसी व्यक्ति के जीवन में वह boredom होगा ही नहीं तो वह व्यक्ति बिल्कुल एक unfullfillment situation में ही चला जाएगा और अपने जीवन में न जाने कितने ही ऐसे इमोशनली सोशली और कॉग्निटिवली चीजों को कभी एक्सपीरियंस ही नहीं कर पाएगा। जो व्यक्ति के बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है और इन चीजों से व्यक्ति को जीवन में एक्सपीरियंस मिलता है।

बोर होना व्यक्ति को दो चीज बताता है जिसमें से पहला है हमारा ब्रेन bore होने पर हमें यह बताना चाहता है कि आप वह काम कर ही नहीं रहे हो जो आपको करना चाहिए या जो काम आप करना चाह रहे हो। और दूसरा यह कि हमें इस बात के लिए मोटिवेट करना कि हमें अपने गोल को प्राप्त करना है हमें हार्ड वर्क करके अपने हर वह चीज को प्राप्त करना है जिसके लिए हम कई समय से इच्छा किए हुए हैं।

एक स्टडी यह भी बताती है कि व्यक्ति जो बोर होता हैं जो aimlessness महसूस होती है वह अगर नहीं होगा तो व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में अपने फ्यूचर के लिए प्लानिंग नहीं कर पाएगा। जैसे आप जानते हैं कि बड़े बड़े psychologist भी यही बताते हैं जब भी आपको अपने जीवन में कुछ प्राप्त करना हो तो सबसे पहले आपको खुद को ही जानना पड़ेगा और मनोवैज्ञानिक यह बताते हैं कि व्यक्ति को स्वयं अकेले में अपने जीवन के बारे में चिंतन करना ही चाहिए जिससे वह खुद के बारे में जान सके। जिसे सेल्फ रिलाइजेशन कहते हैं और boredom होने से आप ऐसा कर पाओगे। और तो और व्यक्ति जितना ज्यादा बोरियत वाले माहौल में रहता है यह जितना ज्यादा अपने दिमाग से काम की बातों को सोच पाता है उतना गहरा परोपकारी भी होता है।

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