अगर हिचकी आए तो यह काम करो

हिचकी जब आती है तो व्यक्ति बुरी तरीके से परेशान हो जाता है, बहुत ही अजीब तरीके से आवाज निकलती है गले में, से जो शायद अपने आसपास के लोगों को बहुत ही ज्यादा विचित्र भी लगती है. हिचकी जब आती है तो व्यक्ति ऐसा सोचता है कि कोई खास परिजन उसे याद कर रहा है. पर यह सब समाज के द्वारा बनाए हुए कुछ नियम है जिसका शायद अपना कुछ महत्व हो. पर विज्ञान इस पर अलग ही मत रखता है और इसे तर्क की दृष्टि से देखता है ना कि भावनाओं की दृष्टि से और आज हम यही जानेंगे कि हिचकी आने के पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या हैं…

क्या है हिचकी आने के पीछे का कारण

हिचकी तब आती है जब मनुष्य के फेफड़े के नीचे डायाफ्राम जो कि एक मांस पेशी अंग होता है जब वह सिकुड़ जाता है तब हमें हिचकी आती है. डायाफ्राम वह अंग है जो हमारे छाती और पेट को अलग करता है और जब यह डायफ्राम सिकुड़ता है तभी हमारे फेफड़ों में हवा भरती है. दरअसल हिचकी के वक्त डायाफ्राम को नियंत्रित करने वाली नसों में कुछ उत्तेजना होती है जिसकी वजह से डायाफ्राम बार-बार सिकुड़ता है और फेफड़ों में बहुत ही तेजी से हवा को अपने अंदर खींचने लगता है. ऐसा होता है जब व्यक्ति बहुत तेजी से खाना खाता है ,बहुत ही तीखा भोजन करता है या फिर जब जोर जोर से हंसता है. इन सब कारणों से शरीर के अंदर से कुछ हवा बाहर नहीं निकल पाती हैं और यही वह मूल कारण है जो डायाफ्राम को सिकोड़ता भी है .जिसकी वजह से हमें हिचकी आती है

कैसे रोके हिचकी को

  • अपनी सांसो को रोक कर आप हिचकी को रोक सकते हैं दरअसल सांस को रोकने से हमारे शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और डायाफ्राम इस कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है और एक बार डायाफ्राम एक्टिव हो जाए इसके बाद हिचकी आना बंद हो जाएगा.
  • हिचकी रोकने के लिए एक और कारगर उपाय है कि आप धीरे-धीरे करके पानी पिए यह डायाफ्राम को एक्टिव करता है.
  • हिचकी रोकने के लिए यह भी एक कारगर उपाय है कि आप चीनी खाएं जैसे ही इसकी आए एक चम्मच चीनी खा ले।
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