दुनियाभर में एक ऐसा समुद्र है जो ‘डेड सी’ के नाम से फेमस है. यह समुद्र जॉर्डन और इजरायल के बीच में है. इस समुद्र की खासयित ये है कि इसमें कोई भी व्यक्ति चाहकर भी डूब नहीं सकता.इस समुद्र को ‘सॉल्ट सी’ भी कहा जाता है. समुद्र के पानी में नमक की मात्रा इतनी ज्यादा है कि इसमें कोई व्यक्ति डूबता नहीं है. इसका पानी बाकी समुद्रों के मुताबिक काफी खारा है.
मृत सागर का पूर्वी तट जॉर्डन है तो दक्षिण पश्चिम तट इजराइल है। समुद्र तल से 400 मीटर नीचे स्थित ये सागर दुनिया का सबसे निचला सागर है और इसका पानी खारा होने के कारण इसे खारे पानी की सबसे निचली झील भी कहा जाता है। ये सागर 65 किलोमीटर लम्बा और 18 किलोमीटर चौड़ा है।
इसका पानी न सिर्फ बहुत खारा है, बल्कि पोटाश, ब्रोमाइड, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक, सल्फर जैसे खनिज लवण भी काफी मात्रा में होने के कारण न तो इसका पानी और न इससे बनने वाला नमक हम खानपान में इस्तेमाल कर सकते हैं। नमक ज्यादा होने के कारण इसमें मछली या दूसरे जलीय जीव जीवित नहीं रह सकते। यदि गलती से कोई जीव मृत सागर में आ जाता है तो वह तुरंत मर जाता है। इसके अलावा यहां जलीय पौधे भी नहीं पनप पाते, केवल कुछ बैक्टीरिया और शैवाल ही मिलते हैं। यही कारण है कि इसे मृत सागर का दर्जा दिया गया है। इसे यह नाम प्राचीन ग्रीक लेखक ने दिया था। इब्रियो यू इसे नमक समुद्र और अरब लेखक बदबूदार समुद्र कहते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार इस सागर में मिलने वाला नमक और खनिज लवण हमारे लिए बहुत कीमती और उपयोगी साबित हो सकते हैं। इसमें मौजूद औषधीय गुणों के चलते कई लाइलाज रोगों के इलाज के लिए मृत सागर के पानी का इस्तेमाल किया जाता है जिनमें सोराइसिस, गठिया, एग्जिमा, चकत्ते पड़ने जैसे त्वचा रोग और पुराने घावों के उपचार शामिल हैं। इसके पानी में मौजूद नमक और खनिज मिलकर ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करके तनी हुयी नसों को राहत पहुंचाते हैं।
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