आपने कभी यह तो observe जरूर किया ही होगा कि स्पोर्ट्समैन, आपके आसपास के लोग, आपके दोस्त और आप खुद भी खड़े होकर पानी पीते होंगे। और उन स्पोर्ट्समैन या आपको इस आदत की वजह से कोई बहुत बड़ी प्रॉब्लम तो नहीं हुई होगी, अगर आप यंग एज की हो तो… वह बात दूसरी है कि आजकल के जमाने में लोगों को कोई ना कोई प्रॉब्लम तो होती ही है, शरीर से रिलेटेड, कुछ ना कुछ उनका गड़बड़ ही रहता है। क्या उनके इस बीमारी के पीछे उनके खड़े होकर पानी पीने का कारण हो सकता है…खैर इस पर अभी कोई खास रिसर्च तो नहीं हुई है, पर कई लोग आयुर्वेद के आधार पर यह क्लेम करते हैं कि खड़े होकर पानी पीने से शरीर को नुकसान हो सकता है।
अब इस बात को चेक करने के लिए कोई रिसर्च तो हुई नहीं है, इसलिए हमें इस बात को अपने बुद्धि से जानना होगा कि क्या खड़े होकर पानी पीने से कोई नुकसान है, और अगर नुकसान नहीं है, तो खड़े होकर पानी पीने से हमारे शरीर के साथ होता क्या है???
देखिए कई लोगों का यह कहना है कि जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो, पानी बिल्कुल सीधे ट्रैवल करते हुए हमारे स्टमक तक पहुंच जाती है। जो कि बिल्कुल नॉनसेंस बात है, मैं आपको अपने एक वीडियो में यह बात बता चुका हूं कि भोजन कैसे पचता है, पानी कैसे पचता है, उसे मैंने आपको यह बात बताया है कि जब भी कोई फूड या लिक्विड हमारे esophagus से होकर नीचे गुजरता है, तो वह पेरीस्टाल्सिस मूवमेंट के थ्रू पेट में जाता है। जोकि मसल का कॉन्ट्रक्शन की वजह से होता है, इसलिए आप कितना भी तेजी से पानी पिए, पेट में पानी या भोजन तो पेरीस्टाल्सिस मूवमेंट के थ्रू ही जाएगा। फिर वहां से वह छोटी आंत और बड़ी आंत से होते हुए, पानी जब absorb होता है, ब्लड में, वहां से किडनी से फिल्टर होकर शरीर से निकलता है।
इसलिए यह बात तो बिल्कुल इलॉजिकल है कि खड़े होकर पानी पीने से पानी बिल्कुल सीधे ही हमारे पेट से निकल जाता है।
खड़े होकर पानी पीने से और हमारे शरीर से जो संबंध होता है, वह केवल और केवल नर्वस सिस्टम से जोड़ा जा सकता है, वह भी ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम से।
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ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम क्या होता है… ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम वह सिस्टम होता है, जो हमारे शरीर के अंदर जो वाइटल ऑर्गन है, उनके फंक्शंस को रेगुलेट करता है, बिना हमारे इच्छा के जैसे हम सांस लेते हैं, तो हम चाह कर भी उसे रोक नहीं सकते। हमारा जो फूड का डाइजेशन होता है, उस पर हमारा कोई वश नहीं है, वह यह ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम ही कंट्रोल करता है।
ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम तीन प्रकार का होता है सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम, पैरासिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम, और entric नर्वस सिस्टम।
पैरासिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम हमारे भोजन के पाचन में हमारे दिल की धड़कन को रेगुलेट करने के लिए, स्पेशली उसे स्लो डाउन करने के लिए बॉडी को रिलैक्स करने के लिए एक्टिवेट होता है।
सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम हमें उत्तेजित करने के लिए, हमारे sweat gland को एक्टिवेट करने के लिए ब्लड प्रेशर को बढ़ाने जैसे चीजों के लिए एक्टिवेट होता है।
और enteric नर्वस सिस्टम बॉवेल मूवमेंट ब्लड फ्लो और जीआई ट्रक के फंक्शन में मदद करता है.
देखिए एक रिसर्च सामने आई थी, जोकि ऑटोनॉमिक फेलियर पेशेंट पर किया गया था। इसके मुताबिक जब भी कोई व्यक्ति पानी पीता है तो उसका सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है। हमारे स्पाइनल रिफ्लेक्सेस की वजह से जो कि एक unknown मेकैनिज्म है, जिसके बारे में अभी तक कुछ खास जानकारी नहीं मिल पाया है।
इस रिसर्च के मुताबिक पानी पीने से व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है स्वेट ग्लैंड एक्टिवेट जाता है और सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम भी एक्टिवेट हो जाता है।
और मैं आपको बता चुका हूं कि सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट तभी होता है, जब व्यक्ति उत्तेजना में हो, उसका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, व्यक्ति जब फ्लाइट और फाइट का रिस्पांस के situation में हो, बहुत ज्यादा क्रोध आये और व्यक्ति स्टैंडिंग पोजीशन में हो यानी जब व्यक्ति एक unrelax स्टेट में आ जाता है। तब सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट होता है और जब सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट होता है, तो यह हमारे डाइजेशन के प्रोसेस को भी स्लो डाउन कर देता है।
मैंने आपको यह भी बताया है कि पैरा सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम हमारे शरीर में रिलैक्स मोड को ऑन कर देता है, हमारे शरीर में डाइजेशन के प्रोसेस को बढ़ा देता है।
अब देखिए जब आप खड़े होकर पानी पीएंगे तो ये आपके सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम पर इफेक्ट डालना शुरू कर देता है। आपकी दिल की धड़कन में बढ़ोतरी देखने को मिलती है, और डाइजेशन का प्रोसेस स्लो हो जाता है।
जिसकी वजह से आपके शरीर पर थोड़ा बहुत प्रभाव पड़ सकता है। पर generally जैसा कि मैंने आपको बताया कोई खास रिसर्च नहीं हुई है, इस बात पर। इसलिए यह दावा ठोकना की खड़े होकर पानी पीने से आपको बहुत ज्यादा नुकसान ही हो जाएगा, यह बुद्धिमानी नहीं होगी।
पर हां यह बात जरूर सही है कि बैठकर पानी पीने से, अपने पैरा सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम को एक्टिवेट करके पानी पीने से यह आपके शरीर के लिए बेनिफिट रहेगा। यह आपके पानी के ओabsorbption के प्रोसेस को बढ़ा देगा।
इसलिए जब भी कोई आपसे पूछे कि खड़े होकर पानी पीने से क्या होता है, तो आप बता सकते हो कि आपकी नर्वस सिस्टम के कारण से डाइजेशन प्रोसेस मैं थोड़े delay ला सकता है.
लेकिन इससे कोई मेजर नुकसान नहीं है, क्योंकि साइंस ने अब तक तो ऐसा कोई भी स्टडी नहीं पेश किया, जिसमें ऐसा बताया जाता है कि खड़े होकर पानी पीने से बहुत ज्यादा नुकसान होता है.