दुनिया का सबसे बड़ा पुल– पुल एक स्थान से दूसरे स्थान को जोड़ने का काम करता हैं।
बड़े बड़े पुल अक्सर लोगों में कौतूहल पैदा करता है। ये आम जनजीवन को तो आसान बनाता ही है,
साथ ही पर्यटन स्थल के तौर पर भी मशहूर हो जाता है। सीमावर्ती इलाकों में इनका सामरिक महत्व भी होता है।
यही वजह है कि एशिया सहित दुनियाभर में इन दिनों सबसे लंबा पुल बनाने की होड़ मची हुई है।
खास तौर पर विकसित देशों के बीच। पिछले साल ही भारत ने एशिया का सबसे बड़ा पुल शुरू किया है।
अब चीन जल्द ही दुनिया का सबसे लंबा पुल शुरू करने जा रहा है।
आइये जानते हैं इसके बारे मे…
दुनिया का सबसे बड़ा पुल –
चिंगदाओ-हाइवान सेतु –
समुद्र पर संसार का सबसे बड़ पुल चीन में बनकर तैयार हो गया है।
इसे पिछले दिनो से आवाजाही के लिए खोल दिया गया।
चीन का यह किंगडाओ हाइवान सड़क पुल पूर्वी चीन के शैनडांग प्रांत के किंगडाओ शहर को जियाओझू की खाड़ी पर स्थित हुआंगडाओ जोड़ता है।
इस पुल की कुल लंबाई लगभग 42.50 किलोमीटर है ।
इसे बनाने में करीब 381 अरब भारतीय रुपए के बराबर की लागत आई है।
इस पुल का निर्माण 2006 में शुरू हुआ था। यह पुल तीन तरफा है।
किंगडाओ शहर और किंगडाओ आइसलैंड एयरपोर्ट से दो अलग-अलग सड़क पुल शुरू होते हैं।
दोनों सड़क पुल बीच में आकर मिलते हैं। यहाँ से दोनों समानांतर हुआंगडाओ शहर तक जाते हैं।
गौरतलब है कि चीन के इस पुल से पहले अमेरिका के लुइसियाना प्रांत में बना लेक पोंचारट्रेन कॉजवे दुनिया में सबसे लंबा था।
इस पर भी दो समानांतर पुल हैं।
दानयांग-कुनशान ग्रांड सेतु –
ये पुल पूर्वी चीन के जियांगसु प्रांत में हैं। ये शंघाई और नानजिंग के बीच के रेलवे लाइन पर बना हैं।
ये पुल यांगत्जी नदी के डेल्टा वाला इलाका में बना हैं।
जहाँ कि एकदम से निचाई वाली जमीन हैं। इस पुल की कुल लंबाई 16.5 km हैं।
शांघुआ – काऊशुंग सेतु –
ये ताइवान मे रेल्वे पल हैं जो 15 km से भी ज्यादा लंबा हैं।
2012 मे तो इस ट्रैक पल से 20 करोड़ लोग सफर कर चुके हैं।
ये पुल 2007 मे बनाकर तैयार हो चुका हैं. ये ताइवान के शांघुआ – काऊशुंग शहर को जोड़ता हैं।
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