हमारी पृथ्वी जो कि साढ़े चार अरब साल से भी ज्यादा पुरानी है. उसकी संरचना इतनी ज्यादा जटिल है कि वैज्ञानिक भी इसे जानकर निश्चित ही आश्चर्य हो गए होंगे. पृथ्वी का अंदरूनी कोर वह एलिमेंट है जो मैग्नेटिक फील्ड बनाता है पृ जो कि पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाता है. इसी तरह पृथ्वी के और भी कई सारे लेयर है जिसके बारे में जानकर आपको पृथ्वी के अंदरूनी संरचना के बारे में जानकारी हो जाएगी तो चलिए जानते हैं पृथ्वी के अंदरूनी संरचना के बारे में
1. crust (सबसे बाहरी लेयर)
ये पृथ्वी की सबसे बाहरी लेयर होती है जो कि 5 से 70 किलोमीटर तक चौड़ी होती है. इसी पर सब कुछ होता है इसी पर समुद्र है इसी पर हमारा जीवन है इसी पर पेड़ पौधे हैं इसी पर सारे जीव जंतु भर भी रहते हैं. जमीन के नीचे जो हम पानी बोरिंग करके इस्तेमाल करते हैं वह भी इसी में ही होता है.
2. mantle (जहाँ से अंदरूनी पृथ्वी शुरू होती हैं)
ये क्रस्ट के बाद पृथ्वी की सबसे मोटी लेयर होती हैं. इसकी मोटाई 2890 km होती हैं. इसमें मटेरियल सेमी लिक्विड फॉर्म रहता हैं और बहुत ही गर्म भी रहता हैं. इस लेयर में तापमान 200 °C से लेकर 4,000 °C तक होता हैं. हमारे पृथ्वी पर जितने भी भूकंप वगैरह आते हैं और टेक्टोनिक प्लेट्स का जो भी मूवमेंट होता है वह इसी मेंटल के मूवमेंट और इसलिए में हलचल होने के कारण से ही होता है इसे कन्वैक्शन करंट कहते हैं.
3. outer core (liquid लेयर)
मैंटल के लेयर के बाद आता है आउटर कोर का लेयर जो कि एक लिक्विड लेयर होती है इसमें लिक्विड फॉर्म में गले हुए खनिज पदार्थ जैसे निकिल और लोहा जैसे पदार्थ लावा के फॉर्म में रहते हैं. यह 12 से 20 किलोमीटर जितना चौड़ा लेयर होता है इसलिए लेयर में तापमान 4400 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा पर रहता है. यह लेयर एक स्पेसिफिक रफ्तार से west-ward डायरेक्शन में घूम रही है.
4. inner core (सबसे अंदरूनी लेयर)
यह पृथ्वी की सबसे अंदरूनी लेयर है और सबसे कठोर लेयर भी है यह बहुत ज्यादा गर्म है इतनी ज्यादा गर्म जितना सूरज की बाहरी सतह होती है इसलिए लेयर का तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा रहता है और यह परत निकील और लोहा जैसे पदार्थों से बना रहता है यह बहुत ही तेजी से ईस्ट डायरेक्शन की तरफ घूमती रहती है और मदद करती है पृथ्वी के मैग्नेटिक फील्ड को बनाने में इसका महत्व इतना ज्यादा है कि आज हम पृथ्वी पर जो जीवन जी रहे हैं उसमें अधिकतम हिस्सा तो यही देता है।
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