बदलते परिवेश और जीवनशैली ने लोगों के जीवन में बहुत कुछ बदलाव लाया (EMI Kya Hai) है। अब इस बदलाव में जिस एक चीज़ का नाम हमारे साथ जुड़ गया हैं वह है ईएमआई (EMI kya hota hai)। आजकल हमारे लिए ईएमआई शब्द मानो बहुत सामान्य सा हो गया हैं। हमारे आसपास हर कोई किसी ना किसी चीज़ के लिए ईएमआई भरता रहता हैं।
ऐसे में आपके मन में यह प्रश्न उठता होगा कि आखिरकार यह ईएमआई क्या है और यह कैसे काम करती हैं। यदि आप भी ईएमआई के बारे में जानना चाहते (EMI kya hoti hai) हैं तो आज हम आपके साथ ईएमआई के बारे में सबकुछ साँझा करेंगे ताकि आगे से आप इसके बारे में बाकियों को भी बता सके।
ईएमआई क्या है (EMI Kya Hai)
ईएमआई एक तरह से किसी भी चीज़ के लिए आपने जो लोन या ऋण लिया हैं, उसका भुगतान करने की किश्ते होती है। आज की बदलती जीवनशैली ने हमें बहुत सी चीज़े समय से पहले खरीदने पर मजबूर कर दिया हैं जैसे कि परिवार के लिए कार खरीदना हो या अपने बच्चे के लिए मोटर साइकिल या कुछ और।
ऐसे में यदि उस समय आपके पास वह चीज़ खरीदने के लिए पैसे पर्याप्त नही हैं तो आप वह चीज़ लोन पर ले सकते हैं और अपने लिए ईएमआई बंधवा सकते हैं। फिर आपको हर माह में कुछ राशि ईएमआई के तौर पर उक्त बैंक या व्यक्ति को चुकानी होगी।
ईएमआई का फुल फॉर्म (EMI full form in Hindi)
यदि बात ईएमआई के फुल फॉर्म की की जाए तो इसका मतलब होता है Equated Monthly Installment. हिंदी में इसका अर्थ हुआ समान मासिक किश्ते। अब इसके नाम से ही यह स्पष्ट हो जाता हैं कि ईएमआई में आपको हर माह समान रूप से एक राशि का भुगतान करना होगा। जैसे कि यदि आपकी ईएमआई 10 हज़ार हैं तो आपको हर महीने 10 हज़ार रुपए का भुगतान करना होगा।
ईएमआई कैसे काम करती हैं (EMI kya hoti hai)
ईएमआई के लिए आपको पहले किसी बैंक या संस्था या किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क करना होता है जो दूसरों को लोन देते हैं। यह कोई सरकारी या निजी बैंक, ऑनलाइन वेबसाइट, संस्था, व्यापारी, फर्म, ऐप्स इत्यादि कोई भी हो सकते हैं। आपको जो भी सामान खरीदना है या जिस चीज़ के लिए भी लोन लेना चाहते हैं जैसे कि बच्चों की पढ़ाई के लिए, घर खरीदने के लिए, कोई वाहन खरीदने के लिए या कही पैसा लगाने के लिए इत्यादि।
पैसा बचाने के उपाय जिन्हें आपको फॉलो करना चाहिए
इसके लिए संबंधित व्यक्ति या कंपनी में आपको लोन के लिए आवेदन करना होगा। आपको बताना होगा कि आप उस पैसो से क्या करने जा रहे हैं और जरुरी दस्तावेज उन्हें सौंपने होगे। उसके बाद वह बैंक या व्यक्ति आपके सामने कई ईएमआई के विकल्प रखेगा जो पैसो और उसे चुकाने की अवधि के अनुसार कई तरह की होगी।
यह आप पर निर्भर करता हैं कि आप किस तरह की ईएमआई लेना चाहते हैं। जितने कम समय में आप ईएमआई चुकायेंगे उतना ही कम ब्याज लगेगा। उदाहरण के तौर पर आपने 5 लाख का लोन लिया। अब संबंधित बैंक आपको इसके लिए तीन विकल्प दे सकता हैं जिसमे इस लोन को 3 साल में चुकाने पर 8 प्रतिशत ब्याज लगेगा, 5 साल में चुकाने पर 10 प्रतिशत लगेगा तो 7 साल में चुकाने पर 13 प्रतिशत ब्याज लगेगा।
ऐसे में यह आप पर ही निर्भर करेगा कि आप कौन सा विकल्प चुनते हैं। ध्यान रखिए ईएमआई के समय के अनुसार ही उसकी किश्तों का निर्धारण किया जाता हैं। इसके बारे में हम आपको आगे बताएँगे।
ईएमआई कैसे कैलकुलेट की जाती हैं (EMI kaise calculate karen)
इसे हम एक उदाहरण से समझेंगे। मान लीजिए आपने किसी काम के लिए एक बैंक से 1 लाख 20 हज़ार का लोन लिया। आपने उसे चुकाने के लिए एक साल का समय माँगा। बैंक ने आपको एक लाख 20 हज़ार का लोन एक साल के लिए 10 प्रतिशत के ब्याज के तौर पर दे दिया। अब आपको हर महीने उस लोन को ईएमआई के तौर पर चुकाना होगा।
जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया हैं कि ईएमआई में आपको हर महीने एक समान किश्त भरनी होगी। अर्थात यदि आपकी ईएमआई की किश्त 10 हज़ार है तो हर महीने आपको 10 हज़ार ही भरने होगे। इस हिसाब से आपको मिले 1 लाख बीस हज़ार रुपए के लोन को 1 साल के हिसाब से 12 किश्तों में तोड़े तो यह रकम 10 हज़ार होती हैं।
साथ ही उस पर 10 प्रतिशत के हिसाब से लगने वाले ब्याज को देखा जाए तो यह 12 हज़ार होता है। इस तरह से यह 12 हज़ार का ब्याज भी ईएमआई की किश्तों के हिसाब से 12 भागों में विभाजित कर दिया जाएगा जो होगा एक-एक हज़ार। अब इस एक-एक हज़ार के ब्याज को भी हर ईएमआई के किश्त में जोड़ दिया जाएगा। तो इस तरह 10 हज़ार मूल व एक हज़ार ब्याज को मिलाकर आपकी एक माह की किश्त 11 हज़ार बन जाएगी।
अब आपको अगले बारह महीनो तक हर महीने 11 हज़ार की किश्त भरनी होगी। इस तरह से आप एक साल के अंदर अपने लोन को ब्याज सहित उक्त बैंक को चुका देंगे।
ईएमआई कैसे चेक करे (EMI kaise check kare)
आप जहाँ से भी ईएमआई लेंगे वे आपको ईएमआई की किश्त चेक करने के लिए एक सुविधा देंगे। जैसे कि आप किसी बैंक से ईएमआई पर लोन लेते हैं तो आप उनकी बैंक की वेबसाइट पर जाकर अपना स्टेटस या ईएमआई चेक कर सकते हैं। यदि आप किसी फर्म या व्यक्ति से लोन लेते हैं तो वे आपको संबंधित दस्तावेज इत्यादि देंगे ताकि आप अपनी ईएमआई की किश्त, उस पर लगने वाला ब्याज, उसका कुल समय इत्यादि के बारे में पता चल सके।