भोजन नली कैसे काम करती हैं – esophagus working hindi

हमने अपने भोजन को चबाया और अपने पेट में अंदर की ओर निकल लिया। हमारा भोजन इस एपिग्लोटिस की मदद से फेफड़ों में ना जाकर, हमारे इस भोजन नली जिसे फूड पाइप या esophagus कहते हैं, वहां पर गया। इसोफागस ने सांस के रास्ते विंड पाइप को ढक लिया और वजन सीधे कि यहां पर आया। और इस वीडियो में देखिए यह जो भोजन हमारे स्टमक में जा रहा है, इस भोजन नली से एक पतली सी ट्यूब जैसी संरचना, इसमें हमारा भोजन नली एक wave like पैटर्न बना रहा है।

जिस wave like pattern के कारण हमारा esophagus यानी भोजन नली हमारे भोजन को नीचे stomach की तरफ propell कर रहा है। जानते हैं यह कैसे हो रहा है??? हमारा भोजन नली इस तरीके से भोजन को क्यों पेट में ले जा रहा है। सीधे ही क्यों नहीं ले जा रहा है???

भोजननली की संरचना

चलिए यह जानने के लिए सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि हमारे इसोफागस की संरचना कैसे होती है. किन किन लेयर से मिलकर हमारा यह esophagus यानी भोजन नली बना हुआ होता है। देखिए हमारे इसोफागस का सबसे अंदरूनी लेयर म्यूकोसा का होता है। जिसमें कुछ म्यूकस मेंब्रेन होता है, यह कांस्टेंट mucus release करते हैं, जिससे होता यह है जब भी हम भोजन निगलते हैं, तो यह एक लुब्रिकेशन बनाते हैं हमारे इस esophagus के अंदरूनी दीवार पर।

जिससे भोजन आसानी से सरकते हुए हमारे पेट में चला जाता है। फिर जब हम अपने भोजन नली के अंदरूनी दीवार से अंदर की ओर जाएंगे तो हम पाएंगे अपने esophagus में एक सर्कुलर मसल की layer होती है। जो क्या करता है कि हमारे food को आगे propel करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट होता है। ठीक इसी सर्कुलर muscle की layer के नीचे एक और लोंगिट्यूडनल स्मूथ मसल की layer होती है, जो कि कॉन्ट्रैक्ट होकर ही food को आगे propel करने में मदद करता है। और ठीक सबसे बाहरी लेयर हमारे esophagus की serosa की होती हैं, जो हमारे इसोफागस को friction से बचाता है, जिससे हमारे esophagus को कभी भी नुकसान नहीं पहुंचाता है।

upper esophageal sphinchter

और देखिए हमारा यह जो इसोफागस है ठीक इसके ऊपरी हिस्से पर 1 sphincter होता है, एक रिंग लाइक मसल जो रेस्टिंग पोजीशन पर क्लोज रहता है और फूड के पास इसके लिए ओपन हो जाता है। जब एपिग्लोटिस एक ब्रिज बना लेता है, इसके ऊपर फूड को esophagus में पहुंचाने के लिए…. जिसे कहते हैं upper esophageal sphinchter.

lower esophageal sphincter

ठीक इसी तरह जब हमारा इसोफागस हमारे स्टमक पर आकर मिलता है, तो यहां पर भी 1 lower esophageal sphincter होता है, जो क्या करता है कि जब भी हमारे स्टमक में भोजन चला जाता है, तो वह दोबारा से हमारे स्टमक से निकलकर हमारे इसोफागस में नहीं आ पाता है.

यह sphincter भी रेस्टिंग पोजीशन पर क्लोज होता है और फूड के आने पर ही ओपन होकर स्टमक पर खुलता है. और दरअसल यह जो lower esophageal sphincter होता है, यह हमारे डायाफ्राम पर ही होता है, लगभग डायाफ्राम का muscle इस पर एक प्रेशर भी बनाता है।

आप को ये बात पता ही होगा कि डायाफ्राम के ऊपर ही esophagus का पूरा portion आता है। और डायाफ्राम के नीचे टोटल हमारा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट आता है, यानी हमारे भोजन के पाचन का तंत्र, केवल इसोफागस ही डायाफ्राम के ऊपर आता है। और हमारे esophagus का length लगभग 25 सेंटीमीटर तक होता है।

भोजन नली कैसे काम करता है

देखिए जैसे ही भोजन हमारे esophagus में आता है, होता यह है कि हमारे ब्रेन में मौजूद medulla oblpngata सिग्नल भेजता है, हमारे इसोफागस के सर्कुलर स्मूथ मसल को कॉन्ट्रैक्ट होने के लिए यहां पर… ठीक यहां पर जहां पर हमारा भोजन का टुकड़ा जिसमें सलाइवा मिला हुआ है, जिससे बोलस कहते हैं। यहां पर यह सर्कुलर मसल यहां पर कॉन्ट्रैक्ट हो जाता है और इसके ऊपर जो लोंगिट्यूडनल स्मूथ मसल है, वह रिलैक्स रहता है।

आमाशय कैसे काम करता हैं – working of stomach

ठीक यहां पर जहां पर फूड है, वहां पर सर्कुलर स्मूथ मसल रिलैक्स रहता है और लोंगिट्यूड नल स्मूथ मसल कॉन्ट्रैक्ट हो जाता है। जिससे होता यह है कि हमारा फूड हमेशा आगे की ओर propel होता है, एक wave लाइक पैटर्न में और ये कंटीन्यूअसली होता रहता है। जब तक फूड हमारे स्टमक में न पहुंच जाए। स्टमक में फूड के पहुंचते ही यह जो स्पिंटर है, lower esophageal sphincter वह अपने रस्टिंग पोजीशन में आ जाता है यानी क्लोज हो जाता है। जिससे फूड दोबारा से हमारे स्टमक से बाहर नहीं निकल पाता और पेट में मौजूद एसिड भोजन को छोटे-छोटे बिल्कुल बारीक टुकड़ों में तोड़ना शुरू कर देता है।

और यहां से भोजन के पाचन की प्रक्रिया शुरू होती है.

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