आपको अगर ऐसा लगता है कि धरती पर मनुष्य एक मात्र ऐसी जाति है, जो धरती पर राज कर रही है और इससे पहले और कोई भी ऐसा जीव नहीं था जो धरती पर राज कर चुका है। भले ही इतने इंटेलिजेंट लेवल पर नहीं, लेकिन इस धरती पर कई प्रकार के जीवों ने अलग-अलग तरीके से इस धरती पर राज किया है और उन जीवो का अब लोप यानी extinction भी हो चुका है कहने का मतलब अब वो खत्म हो चुके हैं। लेकिन कैसे??
कुछ ऐसी त्रासदीया हुई, जिसकी वजह से वह जीव अब खत्म हो चुके हैं और ऐसा एक बार नहीं दो बार नहीं पूरे 5 बार हो चुका है। चलिए आज आपको बताते हैं पृथ्वी पर हुए वह 5 त्रासदियां जिसके वजह से पृथ्वी पर से कुछ जीवो का तो नाश ही हो गया है।
देखिए सबसे पहले आपको एक ओवरव्यू दे देते हैं कि किन-किन सालों में धरती पर से जीवो का बिल्कुल विलोप ही हो गया था।
देखिये सबसे पहला विलोप जीवो का जो धरती पर हुआ था, वह हुआ था आज से लगभग 45 करोड साल पहले, उसके बाद 9 करोड़ साल बाद यानी आज से 36 साल पहले दूसरा धरती पर जीवो का विरोप हुआ था। तीसरा बड़ा धरती पर जीवों का जो विलोप हुआ था, वह हुआ था, आज से 25 करोड़ साल पहले, फिर धरती पर से जीवो का जो चौथा विनाश हुआ, वह हुआ था, आज से 20 करोड़ साल पहले, मतलब तीसरे 3xtinction event से 5 करोड़ साल बाद, फिर पांचवा जो धरती पर से महाविनाश हुआ है, वह हुआ है डायनासोर का वह हुआ है, आज से 6.5 करोड़ साल पहले…
चलिए अब आपको एक-एक करके सब के बारे में बताते हैं…
आज से लगभग 45 करोड़ साल पहले, जिस समय धरती पर केवल समुद्री जीवो का ही अस्तित्व था, जो इस धरती पर रूल किया करते थे, उसमें जमीन का केवल एक ही टुकड़ा हुआ करता था, कोई ऑस्ट्रेलिया, कोई यूरोप, कोई एशिया अस्तित्व में नहीं था। उस समय समुद्र में बिना रीढ़ की हड्डी वाले जीव रहते थे, जो शायद आज के जमाने में हमें कभी न देखने को मिले।
जब वैज्ञानिकों को इन जीवो का अवशेष मिला तो, अध्ययन करने पर उन्हें यह बात पता चली और वैज्ञानिक चौक के रह गए, उन्होंने इस पर रिसर्च करना शुरू किया कि आखिर यह जीव अब क्यों नहीं मिलते, बहुत रिसर्च करने पर वैज्ञानिकों ने बिल्कुल सही नहीं, पर एक परिकल्पना को प्रस्तुत किया कि उस समय एक बहुत बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ, जो पूरे धरती भर में, जिसकी वजह से पूरी दुनिया भर में धूल और राख के बादल छा गए थे।
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सूर्य की रोशनी धरती पर पहुंच ही नहीं पा रही थी और इसके वजह से धरती पर इन बिना रीढ़ की हड्डी वाले समुद्री जीवो में से 60% जीवो का नाश हो गया था। यह धरती पर किसी भी प्रकार के जीवो के विलुप्तता का पहला घटना था और यह कोई छोटी मोटी घटना नहीं थी। यह बहुत बड़ी घटना थी जिसमें बहुत लार्ज स्केल पर लगभग सभी जीवो का है विलोप हो गया था। गौरतलब है कि एक्सटिंक्शन कि यह घटना 40 लाख साल के अंतराल पर दो बार में हुई थी।
इस पृथ्वी पर जीवन के विलुप्तता कि दूसरी जो सबसे बड़ी घटना रही थी, वह आज से 36 करोड़ साल पहले की रही। जब पृथ्वी पर से 19% जीवो की जातियां और 50% समान प्रकार के जीन वाले जीवो का पूर्णरूपेण नाश हो गया था। वैज्ञानिकों ने इसका कारण अलग-अलग बताया है, जिस पर अभी किसी पर भी मुहर नहीं लगी है। कुछ का कहना है कि मौसम परिवर्तन की वजह से, कुछ का कहना है ज्वालामुखी एक्टिविटी की वजह से, तो कुछ का कहना है कि कोई बाहरी asteroid के टकराने की वजह से पृथ्वी पर से छत्तीस करोड़ साल पहले जीवो का नाश हो चुका था।
पृथ्वी पर जो तीसरी जीवोँ के महाविनाश कि घटना हुई, वह शायद पृथ्वी के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीवो की विलुप्तता की घटना थी, यह सबसे ज्यादा भयानक घटना थी, जो पृथ्वी पर घटित हुई थी। इसमें पृथ्वी पर मौजूद समुद्र में रहने वाले 96% जीवों का हमेशा हमेशा के लिए नाश हो गया था। 70% जीव जो कि जमीन पर रहते थे, रीड की हड्डी के वाले जीव, उनका हमेशा हमेशा के लिए नाश हो गया था, इतना ही नहीं जमीन पर रहने वाले कुछ कीड़े मकोड़े, उनका हमेशा हमेशा के लिए ही नाश हो गया था।
यह इतनी भयानक घटना थी कि इसे इतिहास में पहली बार देखा गया कि जब कीड़ों का भी इस दुनिया से नाश चुका था, तो समझ सकते हैं कि 25 करोड़ साल पहले वाली घटना कितनी ज्यादा खतरनाक रही होगी। अब यह घटना हुई? कैसे इतनी बड़ी एक्सटेंशन की घटना हुई, इसके बारे में वैज्ञानिक पूरी तरीके से नहीं जानते हैं। जाहिर सी बात है इतने करोड़ साल पहले आखिर क्या हुआ किसी को भी पता नहीं है।
लेकिन जो सजेस्टेड थ्योरी है, जिस पर वैज्ञानिक सबसे ज्यादा जोर देते हैं, उसके अनुसार कोई बहुत बड़ा अस्टेरॉयड ही पृथ्वी से आकर टकराया होगा।
अभी 5 करोड़ साल बिता ही था कि धरती पर जीवो के महाविनाश का चौथा घटना घटित हो गया। ऐसी घटना है जिसमें पृथ्वी पर रह रहे 50% जीवो का नाश हो गया। अब वह नहीं रह गए, लेकिन इस घटना के बाद कुछ ऐसी परिस्थितियां बन गई की धरती पर अब धरती के सबसे भयानक जीवो का रूल होने वाला था, अब धरती पर डायनासोर का राज हो गया था। 10 हज़ार साल तक चली इस महाविनाश की घटना के बाद धरती पर डायनासोर आ चुके थे। कुछ ऐसी परिस्थितियां बन गई जो इनके एवोल्यूशन के लिए सबसे ज्यादा मददगार रही। यह घटना कैसे घटी किसी को भी मालूम नहीं है, बस सभी अपने अपने अनुसार थ्योरी देते हैं।
और पृथ्वी पर घटी पांचवी extinction की घटना तो आप सभी लोग जानते हैं, ये आज से 6.5 करोड़ साल पहले हुई थी। वहीं घटना जिस घटना के बाद डायनासोर का पूरी तरीके से अंत हो गया था। यह घटना तो मैं आपको अपने वीडियो में कई बार बता चुका हूं। इसमें यह हुआ था कि एक एस्टेरोइड के इंपैक्ट की वजह से धरती पर से डायनासोर का पूरी तरह से अंत हो गया था। पर केवल डायनासोर का इस घटना में अंत नहीं हुआ था। बल्कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले 75% जीवो और वनस्पतियों का भी अंत हो गया था और इसी घटना के बाद से ही धरती पर हम जैसे स्तनधारियों का राज होना शुरू हो गया था।
अब बस उम्मीद करते हैं अब ऐसी कोई घटना ना हो, कम से कम हमारे जीवन काल में तो ऐसी घटना ना हो कि हम अपनी आंख से ही इतनी भयानक घटना को देख सकें।