पित्ताशय काम कैसे करता है

देखिए मैंने आपको एक article में यह बात बता रखा है कि हमारा लीवर काम कैसे करता है. आपको मैंने यह बता रखा है कि लिवर क्या करता है, हमारे शरीर से ब्लड के जरिए वह बाईलजूस का निर्माण करता है, और जब वह बाईल का निर्माण कर लेता है, तो यह जो हरे रंग का एक पाउच जैसा सकते आप देख रहे हैं, इसे गॉलब्लैडर कहते हैं, इसी गॉलब्लैडर में यह बाइल जूस आकर इकट्ठा हो जाता है। और सबसे बड़ी बात आप आयुर्वेद में एक शब्द बहुत सुने होंगे पित्त और पित्ताशय।

ये पित्त आखिर होता क्या है, देखिए यह पित्त यही वो bile juice होता है, और यह पित्ताशय ये गॉलब्लेडर ही होता है, जो पित्त को स्टोर करता है, उसको ग्रहण करता है, तो मेरे हिसाब से इतना ही जानकर आप यह जानने के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित हो गए होंगे कि यह पित्ताशय काम कैसे करता है और उसके काम का क्या है।

चलिये जानते है…

पित्ताशय की संरचना

देखिए हमारा पित्ताशय gallbladder किन किन layers से मिलकर बना हुआ होता है। बाहर का लेयर हमारे पित्ताशय का serosa का layer होता है, जोकि पेरीटोनियम से जुड़ा रहता है, और इसके अंदर oblique muscle की layer होती है, अंदर इसकी म्यूकोसा की layer है, जो वाटर को absorb कर सकती है, जब यह gallbladder खाली रहता है, तो इसके इनरलाइनिंग पर कुछ फोल्ड्स बन जाते हैं, यानी सिकुड़ जाता है और जब गॉलब्लैडर पित्त से भर जाता है तो यह फोल्डिंग फैल हो जाती हैं और यही gallbladder बैलून की तरफ फूल जाता है।

कार्बोहाइड्रेट का पाचन कैसे होता हैं -carbohydrate digestion in hindi

अब देखिए यही liver से यह कुछ पतले पतले नलियां निकलती हैं जिन्हें डक्ट्स कहते हैं। जो कि जुड़ जाते हैं आकर हमारे गाल ब्लैडर से और यह डट आकर जुड़ जाते हैं हमारे इस common bile duct से… gallblladder cystic duct के थ्रू इस कॉमन बाइल डक्ट जुड़ता है। अब देखिए जो बाइल जूस बना था, हमारे भोजन को पचाने के लिए,जो गॉलब्लैडर में जाकर इकट्ठा हुआ था, वह इस कॉमन बाइल डक्ट के थ्रू होते हुए, हमारे भोजन को पचाने के लिए duodenum में जाता है। लेकिन अब वह कैसे होता है चलिये यह जानते हैं…

छोटी आंत में पित्त का स्राव

अब देखिए होता यह है कि जब यह कॉमन बाइल डक्ट हमारे duodenum से जाकर जुड़ता है, तो हमारे pancreas से आने वाली पेनक्रिएटिक डक्ट भी आकर इसी बाइल डक्ट से जुड़ जाती है। और जब यह दोनों आपस में जुड़ जाते हैं, तो इन्हें कहा जाता है common hepatopancreatic duct

देखिए दरअसल जब duodenum में यह bile juice जाता है, तो इसमें यह पेनक्रिएटिक जूस मिला रहता है। जो अल्कलाइन नेचर में होता है। और इसमें बहुत सारे एंजाइम होते हैं, जो fat protein और कार्बोहाइड्रेट को ब्रेकडाउन करने के लिए मदद करते हैं, इस pancreatic जूस में…

देखी होता यह है कि duodenum में एक एंटरोएंडोक्राइन सेल cholecystokinin हार्मोन को रिलीज करता है, जो इस गालब्लैडर को stimulate करता है, bile juice release करने को,

पित्त का कार्य

लेकिन जब यह बाईलजूस हमारे भोजन के साथ मिलता है, जो chyme होता है, हमारे स्टमक से duodenum में आता है। उसमें यह बाइल जूस fat को फैटी एसिड में तोड़ने का काम करता है। बाईलजूस में मौजूद bile salt fat का emulsification करने में मदद करता है, और इसमें पाए जाने वाले बाइल पिगमेंट्स के वजह से हमारा जो stool है, जो हम मल त्याग करते हैं, वह पीले रंग का होता है, यह बाइल पिगमेंट red blood cell के breakdown से बनता है, इसे बिलीरुबिन के नाम से भी जानते हैं।

और आपको यह बात जानकर आश्चर्य होगा कि लिवर में जो बाईल बनता है, वह gallbladder में आते-आते gallbladder की दीवारें इस बाइल जूस से वाटर को absorb कर देता है। जिससे गॉलब्लैडर में bile का कंसंट्रेशन ज्यादा हो जाता है और पानी की मात्रा कम हो जाती है।

Previous articleकार्बोहाइड्रेट का पाचन कैसे होता हैं -carbohydrate digestion in hindi
Next articleबड़ी आंत कैसे काम करती हैं – working of large intestine