हमेशा सोचते रहने वाले लोग यह जानकर दंग रह जाएंगे

आप किसी शांत जगह पर जाकर बैठो और प्रयास करो कि आपके मन में कोई भी विचार ना आए. आप बस अपने दिमाग को कंट्रोल करो कि आप एक सेकेंड के लिए भी कुछ ना सोच सको. क्या आप ऐसा कर सकोगे? जैसे ही आप ऐसा करना शुरू करोगे, आप ध्यान दोगे कि आप ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर पा रहे हो. हर सेकेंड आप कुछ ना कुछ सोचते ही रह जा रहे हो. हमारे दिमाग में 1 दिन में हजारों विचार आते रहते हैं, मतलब सैकड़ों विचार हर घंटे.

हमारे दिमाग में इन तरह तरह के विचारों का आना कोई बुरी बात तो नहीं. क्योंकि दिमाग तो निरंतर कुछ ना कुछ सोचेगा ही. समस्या उन लोगों के लिए है जो हमेशा सोचते ही रहते हैं और अपने विचारों पर एक्शन नहीं ले पाते हैं. सदियों से वैज्ञानिक यह सोचते चले आ रहे हैं कि हमारा दिमाग एक ऐसा अंग है जो कभी बदलता नहीं है और हमेशा से ही अनचेंज्ड बना रहता है. लेकिन आधुनिक विचारधारा बताती है कि हमारा दिमाग प्लास्टिक की तरह है और हमेशा चेंज होता रहता है और हमारे ब्रेन का साइज और shape का बदलना जानते हैं कैसे होता है हमारे सोचने की शक्ति से.

हमारे सोचने की शक्ति हमारे दिमाग को बदलती रहती हैं

आप जैसा सोचोगे आपका ब्रेन उसी के हिसाब से अपने फिजिकल स्ट्रक्चर और साइज में थोड़ा-बहुत बदलाव लाता रहता है. हमारे दिमाग में किसी चीज के बारे में इमेजिन करने में और उसके ऊपर एक्शन लेने में एक ही सेंसरी और मोटर काम करते हैं यानी अगर आप किसी चीज के बारे में सोचते हो मतलब आपने आधा काम कर लिया है. इमैजिनेशन और एक्शन बिल्कुल एक ही न्यूरो पाथवे इस्तेमाल करते हैं. इन दोनों में से अगर आप कोई एक चीज करते हो तो आप दूसरी चीज को ऑटोमेटिक प्रभावित करते हो. आपका एक्शन आपके विचारों को और आपके विचार आपके एक्शन को प्रभावित करते हैं. और यही ऐक्शन और इमैजिनेशन एक व्यक्ति जब हेल्दी तरीके से  करता है तो हमारा ब्रेन बिल्कुल स्वस्थ रहता है, मतलब उतना ही सोचो जितना जरूरत है.

लेकिन वही जब हमारा दिमाग किसी चीज को व्यर्थ में सोचता ही रहता है, निरंतर बस सोचता ही रहता है, उस पर ऐक्शन नहीं लेता है तो वह हो जाता है ओवरथिंकिंग. जैसे मान लो आप पिछले कई महीनों से यह सोच रहे हो कि आप नया बिजनेस शुरू करोगे और जल्दी ही मेहनत कर अमीर बन जाओगे. लेकिन जैसे ही आप इस पर एक्शन लेने जाते हो आपके मन में नेगेटिव विचार आने लगते हैं. जैसे क्या होगा अगर मेरा बिजनेस असफल हो जाएगा. क्या होगा अगर मेरा सारा पैसा डूब जाएगा, जैसे नकारात्मक विचार आने लगते हैं और यही ओवरथिंकिंग हमें अपने मंजिल तक पहुंचने से रोकता है. 

कैसे असर डालता हैं ओवरथिंकिंग हमारे दिमाग पर

वैज्ञानिक बताते हैं कि ओवरथिंकिंग हमारे दिमाग के फिजिकल शेप और साइज में इस तरह चेंज लाता है, जो ब्रेन के सोचने समझने की शक्ति में कमी लाता हैं, ओवरथिंकिंग तनाव को जन्म देता है और तनाव हमारे दिमाग में ग्लूटामैट नाम के केमिकल को न्यूरोटॉक्सिक में बदल देता है. जो कि ब्रेन में फ्री रेडिकल्स बनाते हैं और ब्रेन सेल को डैमेज कर उन्हें मारने लगते हैं. नतीजतन नींद का ना आना, मेमोरी लॉस हो जाना शुरू हो जाता है.

तनाव हमारे ब्रेन के amygdala मैं एक्टिविटी को बढ़ा देता है, जिससे व्यक्ति को डर लगना और घबराहट जैसी समस्या शुरू हो जाती है. नई ब्रेन सेल के बनने इसका प्रोसेस भी उससे धीमे हो जाता है और व्यक्ति का ब्रेन सिकुड़ना शुरू हो जाता है.  जैसे ही व्यक्ति के ब्रेन में यह सब प्रॉब्लम आना शुरू होती है व्यक्ति एक्शन लेने में सदैव अपने कदम पीछे हट आता जाता है. तो क्या है इसका सलूशन क्या किसी से बस यह कह देना कि भाई ज्यादा मत सोचो यह तुम्हारे लिए हितकारी नहीं है बस इतना कह देने से क्या कोई ओवरथिंकिंग बंद कर देगा या फिर कुछ ठोस कदम उठाने से ओवर ओवरथिंकिंग से निजात पाया जा सकता है.

क्या हैं ओवरथिंकिंग का इलाज

ओवर थिंकिंग सामान्यता पुरानी या भविष्य की घटनाओं को लेकर ही होता है और इससे हमारा भविष्य प्रभावित होता है. तो समाधान भी यही है कि हम निरंतर वर्तमान में अपने दिमाग को बनाए रखें. जिसके लिए कुछ कदम उठाना आपके लिए जरूरी होगा जिसमें से पहला कदम हैं 

  1. यह समझ लो कि आप कोई भगवान नहीं हो जो भविष्य में होने वाली हर घटनाओं को कंट्रोल कर पाओगे दुनिया में बहुत से लोग हैं कुछ लोग बहुत अमीर हैं तो कुछ लोग सीए सरकार भी चला रहे हैं लेकिन वह भविष्य में होने वाली घटनाओं को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं
  2. दूसरा कदम कभी भी खाली मत बैठो कुछ ना कुछ करते रहो फिल्म देखो गाना सुनो कोई इनडोर आउटडोर गेम खेलो कुछ भी करो बस खाली मत बैठो
  3. तीसरा कदम अपने गोल को अचीव करने के लिए छोटे-छोटे टारगेट बनाओ स्टेप बाय स्टेप
  4. चौथा कदम परफेक्ट बनने वाले ख्याली पुलाव से खुद को दूर रखो यह बात आपको सदैव राय याद रखनी है कि आप काम करते करते ही पर्फेक्ट बनोगे ना कि परफेक्ट बनकर ही आप काम करना शुरू करोगे
  5. पांचवा कदम सोशल लोगों के साथ फूलों मिलो मित्र परिवार परिवार जन के साथ रहो प्रयास करो दिन में कम से कम 7 से 8 लोगों से बात करो
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