एक समय होता हैं जब घरवाले हम पर अपनी शादी करने का दबाव बनाते (Maa aur patni ke beech kaise banaye balance) हैं और हम चाहते हैं कि हमारी शादी जितनी देर से हो सके उतनी देर से (How to make balance between wife and mother in Hindi) हो ताकि हम जिंदगी के भरपूर मजे उठा सके। लेकिन जब हम शादी के लिए मान जाते हैं तो सोचते हैं कि अब सब समस्या का हल हो गया और अब घरवाले कुछ नही कहेंगे तो आप बिल्कुल गलत हैं।
दरअसल शादी करने के बाद आदमी लोगों की जो सबसे बड़ी समस्या रहती हैं वह यह कि वे अपनी माँ और पत्नी के बीच बैलेंस बनाने के लिए क्या (How to handle mother and wife issues in Hindi) करे ताकि घर सही से चल सके। इसके लिए आज हम आपको इस लेख के माध्यम से माँ और पत्नी के बीच में सामजंस्य बिठाने का एकदम सही तरीका बताएँगे जिससे कि आपकी सहायता हो सके।
माँ और पत्नी के बीच कैसे बनाए बैलेंस (Maa aur patni ke beech kaise banaye balance)
इसके लिए आपको स्मार्ट तरीके से काम करने की आवश्यकता हैं अन्यथा आप खुद ही इसमें उलझ कर रह जाएंगे। इसलिए आप पहले से ही इसके लिए सतर्क रहेंगे और बेहतर तरीके से काम करेंगे तो यह आपके लिए ही सही रहेगा। इसके लिए आपको अपनी माँ व पत्नी दोनों को ही समझने की आवश्यकता हैं ताकि आप उसी के अनुसार कार्य कर सके।
माँ को समझे
हर सास की एक समय के बाद अपनी बहु से अनबन हो ही जाती हैं और वह इसके लिए उसे ताने मारती हैं। ऐसे में यदि बहु अपनी सास की बात को अनदेखा करे या उन्हें पलट कर जवाब दे तो यह नाराज़गी कब झगड़े में बदल जाए पता ही नही चलेगा। इन सभी के बीच फंसेगे आप और आप खुलकर किसी का साथ भी नही दे पाएंगे।
ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि आपके घर को इतने सालों से आपकी माँ संभालती आ रही थी लेकिन अब उसमे एक महिला का और प्रवेश हो चुका हैं। ऐसे में सास की अपेक्षा रहती हैं कि इतने सालों से वह जिस तरीके से घर चलाती आ रही हैं उसकी बहु भी वैसे ही चले। वह चाहती हैं कि बहु उसकी सुने और जब वह कुछ भी उल्टा या गलत करती हैं तो सास को गुस्सा आना स्वाभाविक हैं।
इसके साथ ही जिस बेटे को उसकी माँ अपने लाड प्यार में पालती हैं और बदले में कुछ नही मांगती हैं, वही माँ अब अपने सामने अपने बेटे को किसी और के करीब होते देख थोड़ा असहज या असुरक्षा की भावना से भर जाती हैं। उसे यह आशंका रहती हैं कि अब मेरा बेटा मेरी कम और अपनी पत्नी की ज्यादा सुनेगा। ऐसे में वह अपना गुस्सा अपनी बहु पर ही निकाल सकती हैं जो कि वह करती भी हैं।
पत्नी को समझे
माँ के साथ-साथ आपको अपनी पत्नी को समझना भी आवश्यक हैं। आपकी पत्नी अपना घर, अपना शहर, अपने माता-पिता, अपने भाई-बहन, अपने सभी दोस्त इत्यादि छोड़कर अकेले आपके घर आपके लिए और आपके परिवार के लिए आई हैं। वह भी आपके जैसे नादान हैं और उसके जीवन में भी यह सब पहली बार हो रहा हैं।
ऐसे में वह आपके घर, आपको, आपके रहन-सहन, व्यवहार, आचरण, घर की टाइमिंग, खानपान, आदते इत्यादि को एक बच्ची की भांति देख और समझ रही होती हैं। ऐसे में उसके मन में यह भी सवाल आता हैं कि वह अपने तरीके से चीज़ों को करेगी तो ज्यादा बेहतर होगा और इसके लिए वह कई चीज़े करती भी हैं जो कि स्वाभाविक हैं।
साथ ही हर पत्नी शुरुआत में यही चाहती हैं कि उसका पति अपनी माँ के मुकाबले उसकी ज्यादा सुने और उसको ज्यादा तवज्जो दे ताकि घर में उसकी ज्यादा चले। शुरूआती तौर पर पत्नी अपने पति को अपनी ओर करके रखना चाहती हैं। इसके लिए वह कई तरह के जत्न करती हैं और पति को आकर्षित करने का भी प्रयास करती हैं।
ऐसे में अब आपके मन में सवाल आएगा कि इसके लिए आप क्या करे तो आइए जाने कि आप क्या कर सकते हैं।
माँ के लिए क्या करे
आपकी चाहे शादी हो गयी हो लेकिन अपनी माँ की बात को अनदेखा ना करे। माँ की कही गयी बात का पहले के मुकाबले ज्यादा आदर करे और उनके द्वारा दिया गया हर काम बिना किसी रोकटोक के करे। यदि आपकी माँ आपसे किसी बात की अपेक्षा रखती हैं तो उसे पूरा करे। साथ ही अपनी पत्नी को भी ऐसा ही करने को कहे और उसे समझाए।
एक बार आपकी माँ को यह लगेगा कि आप शादी होने के बाद उनसे दूर नही हुए बल्कि उनके और करीब आ गए हैं तो वह आपकी पत्नी को इसके लिए जिम्मेदार समझेंगी और उसे और ज्यादा प्यार करेंगी। साथ ही आप अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपनी माँ के लिए कुछ ना कुछ करते रहे, जैसे कभी उन्हें अपने पापा के साथ बाहर घूमाने ले गए तो कभी कुछ उपहार लाकर दे दिया तो कभी कुछ और स्पेशल चीज़ कर दी।
पत्नी के लिए क्या करे
अब बात करते हैं आपकी पत्नी की। इस बात का ध्यान रखे कि आपकी पत्नी आपके लिए ही अपना घर छोड़कर आई हैं। उसके कई रिश्ते नए बने हैं जैसे कि बहु का, भाभी का, देवरानी का, चाची का इत्यादि। ऐसे में उसे नए माहौल में ढलने के लिए शुरूआती तौर पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं और उसे कई चीज़ों से या लोगों से शिकायत भी हो सकती हैं।
लेकिन वह इन सभी चीज़ों की शिकायत किसी और से नही बल्कि आपसे ही कर पाएंगी। इसलिए उनकी शिकायते सुनने के लिए अपने मन को पक्का करे और उसका एक हल निकाल कर दे बजाए कि आप उनसे लड़े। लड़ने से किसी समस्या का हल नही निकलेगा बल्कि दूरियां बढ़ जाएगी। ऐसे में यदि आप अपनी पत्नी से उसकी शिकायतों को लेकर झगड़ा करेंगे तो बात सुलझने की बजाए और बढ़ेगी ही।
इसलिए अपनी पत्नी को समझे और उनकी बात को भी अनदेखा ना करे। साथ ही उन्हें भी नए माहौल में ढलने और उसी के अनुसार कार्य करने को कहे लेकिन एकदम से नही बल्कि धीरे-धीरे। ऐसा करने से आप अपनी माँ व पत्नी के बीच अच्छी तरह से सामजंस्य बिठा पाएंगे।