आपने कभी यह सोचा है कि जब हम सांस लेते हैं, तो सांस लेने की वजह से हमारा फेफड़ा ज्यादा से ज्यादा कितना फूल सकता है, हमारे फेफड़े की कैपेसिटी कितनी है?? क्या औरतों के फेफड़ों में और आदमियों में अंतर होता है, और अगर है भी तो कितना और क्या यह औरतों के शरीर पर प्रभाव डालता है?? चलिए जानते हैं….
देखिए नाक के द्वारा सांस को अंदर लेने की क्रिया को इनहेलेशन या इंस्पिरेशन कहते हैं। जिसे हिंदी में अंतःश्वसन कहते हैं, और नाक के द्वारा सांस को बाहर निकालने को एक exhalation या expiration कहते हैं, जिसे हिंदी में उच्छवसन कहते हैं।
normal inhalation & exhalation –
देखिए जब हम normaly सांस लेते हैं, तो हम नाक के जरिए नॉर्मल 500ml एयर अपने अंदर इन्हेल कर पाते हैं. और इस 500ml air में से 350ml हमारे फेफड़ों तक जाती है और 150ml हमारे विंड पाइप में जो turning होते हैं, bronchi और bronchioles में वहीं पर trap हो जाते हैं। normaly 500ml एयर को inhale और exhale करने वाली क्रिया को tidal volume कहते हैं।
देखिये अब normal inhalation के बाद जो एयर हम फोर्सफुली इन्हेल कर सकते हैं, मतलब टाइडल वॉल्यूम जो 500ml एयर है, उसके बाद जो हम एयर forcefully खुद से जो inhale कर सकते हैं। वह है 2000ml से 3000ml तक air हम और ज्यादा अपने अंदर inhale कर सकते हैं। इसे inspiratory reserve volume कहते हैं।
maximum air inhalation –
अब देखिए जो मैक्सिमम एयर हम इन्हेल कर सकते हैं, मतलब हमारे lungs की मैक्सिमम कैपेसिटी इनहेलेशन के लिए, वह होता है यह टाइडल वॉल्यूम और इंस्पिरेट्री रिजर्व वॉल्यूम का जोड़। मतलब 500ml जो हम नॉर्मल करते हैं और 2000 से 3000ml air जो हम फोर्सफुली अपने अंदर खींच सकते हैं, तो ज्यादा से ज्यादा जो एयर हम अपने अंदर ले सकते हैं, वह हो गया 2500ml से 3500ml एयर जिसे कहते हैं हमारे lungs की inspiratory capacity.
यह तो बात हो गया इनहेलेशन का बिल ज्यादा से ज्यादा कितने एयर हम इन्हेल कर सकते हैं अब जान लेते हैं एक्सप्रेशन के बारे में या नींद बाहर हम कितना ज्यादा सांस छोड़ सकते हैं
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देखिए जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि हम normally 500ml air अपने अंदर इन्हेल करते हैं और दरअसल इतना ही एयर हम अपने रेस्पिरेशन में बाहर exhale भी करते हैं। यह टाइडल वॉल्यूम ही नॉर्मल पैरामीटर है expiration का, देखिये जो इस टाइटल वॉल्यूम के बाद भी हम जो air फोर्सफुली अपने फेफड़े से exhale कर सकते हैं, उसका अमाउंट होता है लगभग 1100ml, 500ml air exhale करने के बाद ,इसे हमारे फेफड़े का expiratory reserve volume कहते हैं।
अब देखिए जितना हम फोर्सफुली एयर अपने अंदर इन्हेल कर सकते हैं, उसके बाद जो हम फोर्सफुली एयर अपने फेफड़े से exhale करेंगे मतलब बाहर क्यों छोड़ेंगे, उसका जो वॉल्यूम होता है, वह होता है दरअसल 500ml air जो हमने normaly inhale किया, उसके बाद जो हमने फोर्सफुली 2000 ml से 3000ml air जो अपने अंदर शहर अपने अंदर इन्हेल किया, और expirqtory reserve volume जो 1100ml air जो हम बाहर छोड़ सकते हैं। उसके मुताबिक ज्यादा से ज्यादा हम एयर जो अपने फेफड़े से बाहर निकाल सकते हैं, यह होता है लगभग 3500 से 4500 ml तक मतलब 3.5 लीटर से 4.5 लीटर तक, इसे ही कहते हैं हमारे फेफड़े की vital capacity. पर ध्यान रहे हम चाहे कितना भी air बाहर निकाल ले, forcefully.. हमारे फेफड़े के अंदर 1500ml air रहेगा ही रहेगा, नहीं तो हमारा फेफड़ा collapse हो जाएगा।
अब देखिए हमारे फेफड़े की टोटल कैपेसिटी कितनी होती है कि ज्यादा से ज्यादा वह फूल सके, या ज्यादा से ज्यादा वह एयर को exhale कर सके। यह होता है दरअसल हमारा जो vital capacity है जो 3.5 से 4.5 लीटर एयर है, जो हमारा lungs बाहर forcefully exhale कर सकता है, प्लस जो 150ml एयर जो हमारे फेफड़ों के अंदर हमेशा बनी रहती है। अगर हम उसको जोड़ दें, तो हमारे फेफड़े की जो total lung capacity आएगी वो आएगी लगभग 5 से 6 लीटर।
मतलब हमारे lungs की Maximum कैपेसिटी है, 5 से 6 लीटर और इनमें से भी जो औरतों का टोटल एंड कैपेसिटी है, वह इस मानक से लगभग 25 से 30% कम होता है। एथलीट और लंबे लोगों में यह लंच कैपेसिटी अपने मैक्सिमम peak पर होता है।