NRC क्या हैं – एनआरसी भारत में क्यों जरुरी है ?

कई बार ऐसा भी होता है कि हमलोग कुछ चीजों जो जानना नहीं चाहते है,दूसरे लोग के बताने पर सिर्फ उसी का बात को हमलोग मान लिया करते है लेकिन ऐसा करना हम सभी के लिए नुकसानदेह  हो सकता है.और अगर हम इन् चीजो को अच्छे से जाने तो कितना बेहतर होगा और हमारा देश कितना आगे बढ़ जायेगा।

इससे हमलोग खुद से जान जाते है की क्या सही है और क्या गलत और ऐसे ही चीजों के बारे में अवगत होते रहने से ही हमारा देश आगे जाता है और अगर उसी चीज को अगर हम नहीं समझते है तो सरकार हमें समझाती है जिससे सरकार का समय ख़राब होता है.

एनआरसी भारत में क्यों जरुरी है ?

पहले हमारा देश बहुत ही बड़ा था लेकिन कुछ कारणों के चलते हमारा देश अलग हो गया है.हिंदुस्तान और पाकिस्तान में बट गया  लेकिन जब ऐसा हुआ तो कुछ लोग भारत में ही रह गए और कुछ लोग पाकिस्तान चले गए थे लेकिन जो लोग पाकिस्तान गए उनकी कुछ सम्पति भारत में ही रह गई जिसके कारण से कुछ लोग भारत भी आने लगे थे.

इस कारण से लोगों में ये फरक नहीं पड़ने लगा की कौन भारतीय है और कौन लोग दुसरे देश का तो उसी में हमारे देश को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ने लगा और इससे तो बहुत कुछ प्रभाव पड़ता था.हमारे देश में क्यूंकि बहुत सारे आतंकवादी भी हमारे देश आ जाते थे.देश का नुकसान पहुंचाया करते थे तो इसी को जानने के लिए की कौन भारत देश का है और कौन इंसान दूसरे देश का है.

क्यूंकि अगर ये पहचान हो गयी तो दूसरे देश के लोगों पर ध्यान रखा जायेगा की कितने लोग दूसरे देश का भारत में है जिससे हमारा देश बहुत सिक्योर हो जाता है और फिर किसी भी तरह का ट्रैरिस्ट अटैक नहीं हो सकता है.

हमारे भारत देश में १९५१ में पहली बार National Register of Citizens को बनाया गया था

देश का बटवारा होने के वक़्त में लोग अपनी अपनी सम्पति को पाने के लिए भारत देश में आये थे.
जब भारत और पाकिस्तान से युद्ध हुआ था,तब कई सारे लोग हमारे देश में आ गए थे.

एनआरसी का फुल फॉर्म क्या होता है ?

NRC का फुल फॉर्म National Register of Citizens होता है, तथा हिंदी में इसे “भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर” कहा जाता है 

एन आर सी आखिर क्या हैं ?

भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ये और एक भारतीय नागरिक की पहचान के लिए होता है इसमें भारत सरकार लोगों को रजिस्टर करती है जिससे ये पता चल जाता है की ये लोग हमारे देश के नागरिक है और जो लोग इसमें रजिस्टर नहीं करवा पाए है वो लोग दूसरे देश का लोग कहलाने लगते है जिससे हमारे देश की सरकार को मालूम चल जायेगा की ये लोग दूसरे देश के रहने वाले है और उनपे किसी भी तरह का एक्शन ले पाते है.उनलोगों को उनके देश भेज पाते है तो सोचिए की इससे देश को कितना फायदा होता है अगर में आपको असम का एक  उदाहरण देता हू NRC अभी तक असम में ही हुआ है क्यूंकि वहां पर ज्यादा संख्या में दूसरे देश के लोग रहते थे।

भारत सरकार ने इस प्रक्रिया को १९८६ में सिटीजनशिप एक्ट में संशोधन कर असम के लिए विशेष प्रावधान किया जिससे उन्ही लोग को इस रजिस्टर में शामिल होंगे जो लोग असम में 12 साल से रह रहे है मतलब की जो लोग १७१७ के पहले से असम में रह रहे है यानी की उनके पूर्वजों से लेकर २५ साल तक असम में होना ही चाहिए.

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