nucleic acid का पाचन / nucleic acid digestion in hindi

आपने कभी न्यूक्लिक एसिड का नाम सुना है, हमारे शरीर में यह न्यूक्लिक एसिड दो प्रकार के होते हैं, डीऑक्सीराइबोज़ न्यूक्लिक एसिड यानी डीएनए और दूसरा राइबोज़न्यूक्लिक एसिड यानी rna, यह डीएनए और आरएनए क्या करते हैं, यह हमारे शरीर में प्रोटीन के सिंथेसिस में मदद करते हैं। और हमारे शरीर में हमारे परिवार का अनुवांशिक गुण अपने अंदर समेटे रहते है। पर आपको पता है कि यह nucliec acid भी हमारे शरीर में चार एसेंशियल बायो मॉलिक्यूल में से गिने जाते हैं। यह न्यूट्रिएंट्स नहीं होते हैं, यानी यह पोषक तत्व में से नहीं गिने जाते। क्योंकि ये हमारे शरीर को bulk एनर्जी नहीं प्रोवाइड करवाते हैं, पर इनका भी डाइजेशन हमारे स्टमक के अंदर होता है। आज आपको लिए एक बहुत ही नई टॉपिक का artice मिलने वाला है।

हर एक cell में होता nucliec acid

देखिए हर एक लिविंग ऑर्गेनाइज्म चाहे वह कोई एनिमल हो, चाहे वह प्लांट हो। सबके अंदर ये nucliec acid यह डीएनए होता ही होता है। जो फूड हम खाते हैं, उसमे भी। अगर आप नॉनवेज खाते हैं, तो मांस वगैरा में भी है ये डीएनए और प्लांट्स में तो यह न्यूक्लिक एसिड पाया ही जाता है। इसलिए जब भी कोई फूड हम खाते हो तो उसमें यह nucliec acid होता है, और जब आप इन्हें खाते हो जाहिर सी बात है कि इस nucliec acid इस dna का पाचन होना भी जरूरी है।


इसके लिए भी प्रकृति ने हमारे शरीर में व्यवस्था किया है। चलिये जानते हैं कि आखिर इस nucliec acid का पाचन हमारे शरीर में होता कैसे है ???

लेकिन न्यूक्लिक एसिड का पाचन हमारे मुंह यानी बक्कल कैविटी और स्टमक में नहीं होता है। क्योंकि हमारे स्टमक और बक्कल कैविटी में से कोई ऐसा enzyme नहीं है। जो इन न्यूक्लिक एसिड का डाइजेशन कर सके। जब हमारा फूड जिसमें न्यूक्लिक एसिड भी होता है। हमारे स्मॉल इंटेस्टाइन की duodenum में आता है, तब वहां से न्यूक्लिक एसिड का पाचन शुरू होता है।

dna/rna का पाचन

देखिए सबसे पहले जब यह न्यूक्लिक एसिड वाला भोजन जैसे ही हमारे छोटी आत में आता है, तो हमारे पैंक्रियास से पेनक्रिएटिक जूस में दो एंजाइम होते हैं ribonuclease और deoxyribonuclease. यह जो न्यूक्लिक एसिड होते हैं जैसा कि आप जानते हैं डीएनए और आरएनए, जो कि फूड्स में होते हैं, क्योंकि सभी लिविंग सेल्स और plants के अंदर यह न्यूक्लिक एसिड पाए जाते हैं। उन्हें यह एंजाइम deoxyribonuclease और ribonuclease इनके monomers में तोड़ देता है। मतलब इनके बेसिक यूनिट में जिससे यह बने हुए होते हैं। न्यूक्लिक एसिड बेसिकली nucleotide से बने होते हैं।

दरअसल ये nucleotides phosphoric acid नाइट्रोजेनस बेस और pentose sugar से मिलकर बने हुए होते हैं। जिसमें से नाइट्रोजेनस बेस और शुगर के साथ मिले हुए बने अनु को न्यूक्लियोसाइड्स कहते हैं। मतलब यह जो न्यूक्लियोटाइड है यह फास्फोरिक एसिड और न्यूक्लियोसाइड से मिलकर बने हुए होते हैं।

यह DNAse और RNAse इन न्यूक्लिक एसिड को इन्हीं न्यूक्लियोटाइड्स में तोड़ देते हैं. और जब ये nucleotides छोटे-छोटे टुकड़ों में छोटी आत के अंदर यानी छोटी आत के lumen में आ जाते हैं। तब छोटी आत के दीवार पर मौजूद ब्रश बॉर्डर से निकलने वाला nucletidase इन न्यूक्लियोटाइड्स को भी न्यूक्लियोसाइड्स और फास्फेट पर तोड़ देता है। फिर उसके बाद इसी brush border से nucleosidase नाम का enzyme further इन न्यूक्लियोसाइड को भी नाइट्रोजेनस बेस और पेंटोस शुगर में तोड़ देते हैं। इस तरीके से जो न्यूक्लिक एसिड्स ये डी एन ए आर एन ए जो हम खाए रहते हैं। वह नाइट्रोजेनस बेस फास्फेट और pentose शुगर में टूट जाता है।

उसके बाद सीधे सीधे ब्लड में absorb हो जाते हैं. Absorb होने के बाद यह nucleic acid हमारे शरीर में utilise नहीं होते हैं। बल्कि catabolized होकर यह शरीर से एक्सक्रीट हो जाते हैं और ये यूरिक एसिड भी यह शरीर में बनाते हैं।

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