आज के समय में महिलाओं को एक बहुत बड़ी समस्या झेलनी पड़ रही है और वह बांझपन. यह ऐसी समस्या है जिसका सही मायने में देखें तो मॉडर्न साइंस के पास सही-सही कोई इलाज नहीं है और अभी मॉडल साइंस इस पर बहुत ज्यादा गहन अध्ययन कर रहा है.
अध्ययन से शुरुआती दौर में तो हमें ही पता चल पाया है कि महिलाओं में एक विशेष प्रकार की बीमारी विकसित हो जाती है जिसे पीसीओडी के नाम से जाना जाता है और यह पीसीओडी एक महिला के लिए उसके जीवन में बहुत बड़े दुख के समान होता है.
यह बीमारी महिलाओं को उनके पूर्ण यौवनकाल में ही आती है यानी जब वह लगभग 30 से 35 साल की उम्र की हो जाती हैं. तब उन्हें यह बीमारी होती है और यह समय किसी महिला के लिए उसके प्रसव काल का समय होता है, जिसमें वह बच्चे को जन्म देती है.
लेकिन जब किसी को cyst भी हो जाता है वह भी इतनी कम उम्र में उस महिला के लिए यह सबसे बड़ी समस्या होती है. क्योंकि इसका तो कहीं कोई इलाज भी नहीं है तो चलिए जान लेते हैं यह पीसीओडी आखिर होता क्या है.
पीसीओडी क्या है (pcod in hindi) –
पीसीओडी (pcod) की तरह एक पीसीओएस (pcos) बीमारी भी होती है आपको दोनों में कंफ्यूज नहीं होना हैं. इस पीसीओडी का फुल फॉर्म होता है पॉलीसिस्टिक ओवरीज डिसऑर्डर (Polycystic Ovarian Disease).
इसमें होता है कि किसी महिला के ओवरीज में जहां से महिलाओं में germ cell बनते हैं यानी जहां अंडे बनते हैं वहां पर कुछ सिस्ट (cyst) बन जाता है. अब आप पूछेंगे कि सिस्ट क्या होता है. तो चलिए एक बार यह ध्यान दे देते हैं यह cyst होता क्या है??
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cyst एक प्रकार का एक अवांछित cells की थैली नुमा संरचना होती है जो शरीर के अंदरूनी हिस्सों के मेंब्रेन पर बनता है. कुछ cyst शरीर के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक होते हैं, वह किसी organ के फंक्शन में कमी भी लाते हैं. तो कुछ cyst साथ मनुष्य जीवनभर रह सकता है बिना किसी नुकसान के.
अब पीसीओडी में क्या होता है कि पीसीओडी में महिलाओं के और इसके ऊपर कुछ गांठ नुमा पुट्टी बन जाती है, जिसे हिंदी में cyst कहते हैं. यह गांठ महिलाओं के अंडाशय के फंक्शनिंग में कमी लाता है जिसके वजह से महिला मां बन पाने में असक्षम हो जाती है.
साधारण से साधारण शब्दों में इसकी बात करें तो पीसीओडी महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम में हार्मोनल असंतुलन की वजह से हुआ डिसऑर्डर होता है. जिसके कारण महिलाओं में egg बनने की क्रिया में थोड़ा रुकावट आते हैं.

पीसीओडी (pcod in hindi) के कारण –
१. चुकीं पीसीओडी महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसके कई कारण हैं मौजूद है. इसमें सबसे बड़ा प्रमुख कारण है कि महिलाओं में पुरुषों के सेक्स हार्मोन की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है जो कि Androgen होता है.
यह है कि जब पुरुषों वाले सेक्स हॉर्मोन की मात्रा बढ़ जाती है तो महिलाओं के शरीर पर बाल उगना शुरू हो जाते हैं. जैसे ठुड्डी पर बाल उगना शुरू हो जाना छाती पर भी बाल आने लगते हैं. जिसकी वजह से होता है ओवरी में सिस्ट बनना शुरू हो जाता है.
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२. नियमित दिनचर्या सबसे बड़ी चीज है जीवन में अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त करने के लिए, यदि एक महिला एक निश्चित समय से हटकर कभी भी भोजन करती हो, कभी भी सो कर उठती हो, कभी भी सो जाती हो, जैसे चीजों को करने लगती है तब महिलाओं के अंदर हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है और संभव है कीजिए और इसमें cyst को जन्म दे.
३. जरूरत से ज्यादा मीठा खाने की वजह से महिलाओं का वजन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और वह बढ़ा हुआ वजन एक महिला के अंदर हार्मोनल इंबैलेंस को जन्म देता है जो किसी औरत में cyst का कारण हो सकता है.
४. ऐसा कहा जाता है कि अगर आपको किसी महिला का स्वास्थ्य पता करना हो तो आपको बस यह पता करना है कि महिला का मासिक धर्म का चक्र उसे सही समय पर आ रहा है कि नहीं।
यदि उसे समय-समय पर नियमित रूप से मासिक चक्र आ रहे हैं तो महिला स्वस्थ है. वही अगर महिला का मासिक धर्म का चक्र अनियमित है तो महिला अस्वस्थ हो जाती है और एक अनियमित मासिक धर्म का होना महिलाओं में सिस्ट को जन्म दे सकता है.
५. अक्सर देखा गया हैं कि घरेलू कामकाज करने वाली महिला बिल्कुल भी व्यायाम और एक्सरसाइज करने में रुचि नहीं रखती है और जब एक महिला व्यायाम और ऐसे सारी चीजों को नहीं करती है तो उसके शरीर में ब्लड के flow में कमी देखी जा सकती है.
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हो सकता है कि उसके नसों में plaque भी जम जाए जो उसके हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है और ऐसी अनियमित जीवनशैली की वजह से पीसीओडी होने का खतरा भी बहुत ज्यादा होता है.
६. ऐसा देखा गया है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा चटक मटक चीज खाने में रूचि दिखाती हैं अगर उन्हें कुछ चटर-पटर खाने को ना मिले तो वह शायद भोजन ना खाएं और जब इस महिलाओं को स्वाद के चक्कर में पोषण वाला भोजन नहीं मिलता है तो यह उसको गंभीर बीमारी भी जा सकता है जैसे पीसीओडी के रूप में.
पीसीओडी के लक्षण (pcod in hindi) –
पीसीओडी के खैर बहुत सारे लक्षण है जो एक महिलाएं महसूस कर सकती है जिस में से सबसे प्रमुख चीजें मैं आपको बता रहा हूं…
- शरीर पर अनायास ही बालों का उगना जैसे चेहरे पर बाल आना, छाती पर बाल आ जाना
- अचानक से वजन का बढ़ जाना यह बताता है कि महिलाओं को पीसीओडी की समस्या भी हो सकती है. इसीलिए यह बताया जाता है कि जब भी किसी महिला को गर्भ कंसीव करना होता है तो उसे अपने वजन को कंट्रोल में रखना चाहिए।
- अगर आप महिला हैं और आपसे pelvic एरिया में पेन बढ़ गया है यानी दर्द बढ़ गया है तो आप समझ जाइए की यह पीसीओडी का साइन भी हो सकता है. क्योंकि एक महिला का ओवरी उससे पेल्विक एरिया में ही होता है.
- अगर आप का मासिक धर्म का चक्र बिगड़ गया है यानी अनियमित हो गया है तो संभव है कि ये पीसीओडी के कारण भी हो सकता है.
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