ह्यूमन penis के erect होने का कारण जानते हैं आप क्या है, देखिये हम मनुष्यों का शिश्न स्तंभन इसलिए होता है। ताकि हम अपने महिला पार्टनर के साथ पेनिट्रेशन सही से कर सकें। और semen को युटेरस तक पहुंचा सके। मतलब शिश्न की स्तंभन का मुख्य कारण तो हम जान ही गए हैं। लेकिन यह होता कैसे है हमें यह जानना चाहिए। क्योंकि बिना यह जाने कि यह होता कैसे है, कई लोगों को इसके बारे में बहुत सारी भ्रांतियां है….
देखिए हमारे पेनिस के स्तंभन के लिए सबसे जरूरी है कि हमें एक एक्सटर्नल stimuli मिले जिसकी वजह से हमारा parasympathetic नर्वस सिस्टम एक्टिवेट होकर अपना काम शुरू कर दे, penis के erection में. जैसे कोई सेक्सुअल थॉट आ जाए, कोई टच करे, कोई स्पेशल किस्म का smell मिले।
जो हमारे सेक्सुअल एक्साइटमेंट को बढ़ा सके। जैसे ही इनमें से कोई भी stimulus हमें मिलता है, हमारा पैरा सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है, और जैसा कि मैंने आपको पुरुष जननांग के एनाटॉमी में बताया था कि हमारा penis तीन स्पंजी टिशु से मिलकर बना होता है। जिसके अंदर बहुत सारी खाली जगह होती हैं।
और सबके अंदर बहुत सारी ब्लड वेसल्स का जाल बिछा रहता है। इस इमेज में देखिए, ऊपर की जो दो cylendrical आकार की संरचनाएं दिख रही हैं, इसे कॉरपस कैवरनोसम कहते हैं और नीचे यह है कॉरपस spongeosum यह दोनों ही एक स्पंजी टिशु से मिलकर बने हुए रहते हैं। जिसके अंदर बहुत सारा ब्लड पूल हो जाता है यानी आ कर भर जाता है, चलिए आपको पूरी बात बताते हैं साधारण सी भाषा में…
जैसे ही हमारा पैरा सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट होकर हमारे पीनेस को सिग्नल भेजता है, वैसे ही हमारे penis का कॉरपस कैवरनोसम की मसल्स रिलैक्स होने लगती है, और जैसे ही कॉरपस कैवरनोसम की मसल्स रिलैक्स होने लगती हैं, इसके अंदर बिछी हुए ब्लड वेसल्स इसके अंदर बहुत सारे ब्लड को भरना शुरू कर देती हैं।
पुरुष शिश्न की संरचना कैसी होती है – penis anatomy
और जब ब्लड हमारी कॉरपस कैवरनोसम के अंदर भर जाता है, तब हमारा शिश्न यानी लिंग एक बहुत ही कड़ा और गर्थ में ज्यादा बड़ा हो जाता है। शिश्न में ज्यादा कड़ा पन आ जाती है और अगर व्यक्ति संभोग की स्थिति में हो, तब जब क्लाइमेक्स की बारी आती है तब हमारा sympthetic नर्वस सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है, और टेस्टिकल्स के ऊपर लगे एपीडिड्यमिस को कॉन्ट्रैक्ट करने शुरू कर देता है।
जहां पर इकट्ठे हुए स्पर्म अब सेमिनल वेसिकल्स और प्रोस्टेट से होते हुए विभिन्न प्रकार के फ्लूइड के साथ मिलकर semen बन जाते हैं और अब हमारा सोमेटिक नर्वस सिस्टम हमारे penis में मौजूद यूरेथ्रा को कांटेक्ट करना शुरू कर देता है। और हमारा semen इजेकुलेट हो जाता है, और जैसे ही हमारा सीमेंट इजेकुलेट हुआ हमारे penis में मौजूद जो ब्लड पूल हुए थे कॉरपस कैवरनोसम में वह अब हमारे कॉरपस कैवरनोसम के पास मौजूद veins में drain होने लगता है, और दोबारा से अबडोमिनल कैविटी की तरफ ऊपर जाने लगता है, यानी अब ब्लड penis से बाहर निकलने लगते हैं, और हमारा penis दोबारा से नॉर्मल पोजीशन में आ जाता है।