rainbow in hindi – अपने बारिश के बाद कभी एक इंद्रधनुष देखा होगा यानी रेनबो.
लेकिन दिन में देखा होगा. अगर आप से यह पूछा जाए कि क्या रेनबो को रात में भी देखा जा सकता है,
तो आपके हिसाब से उत्तर क्या होगा ? प्रश्न काफी रोचक है और जवाब भी काफी मजेदार.
और जवाब यह है कि रात में भी रेनबो सकते हैं. वह कैसे ???
अगर हमें इस प्रश्न का उत्तर जानना है तो हमें पहले यह जानना होगा कि
इंद्रधनुष आखिर आसमान में बनता कैसे हैं?? तो चलिए बिना समय गवाएं पहले हम यह जानते हैं…
सूर्य की रौशनी होती हैं सात रंगों में विभक्त
आप जानते ही होंगे कि असल में सूर्य की रोशनी सफेद रंग की होती है.
जिसे अगर हम प्रिज्म में से होकर गुजारेंगे, तो यह सफेद लाइट को उसके सभी पॉसिबल कंपोनेंट में विभाजित कर देता है.
जोकि है लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, बैंगनी.
अब बारिश के मौसम में जब बारिश की छोटी-छोटी बूंदें वातावरण में फैली रहती हैं
और जब इन पानी की बूंदों पर सूर्य की रोशनी पड़ती है. तो यह बेंड हो जाती हैं
और प्रिज्म की तरह व्यवहार करती हैं. यह बूंदें सूर्य की रोशनी को सात रंगों में विभक्त कर देती हैं और हमें इंद्रधनुष (rainbow in hindi) दिखता है.
हां लेकिन कंडीशन यह है इन बूंदों पर लाल रंग की किरणें 42 डिग्री
और बैंगनी रंग की किरणें 40 डिग्री तक झुकनी चाहिए, तब ही हमें इंद्रधनुष दिखेगा.
कैसे बनता हैं डबल रेनबो (rainbow in hindi)
आपने कभी ध्यान दिया होगा तो आपने देखा होगा डबल रेनबो को, यानी दो इंद्रधनुष एक साथ.
इसका कारण सूर्य की रोशनी बूंदों से एक बार रिफ्लेक्ट होने के बाद फिर से दोबारा बूंदों पर जाकर रिफ्लेक्ट होती हैं.
तब ही हमें डबल रेनबो दिखाई देता है.
आपको पता होना चाहिए कि आपको इंद्रधनुष दिखेगा या नहीं यह निर्भर करता है
आपके लोकेशन पर. यानी जिस जगह से आप इंद्रधनुष देखने का प्रयास कर रहे हो
उस जगह पर वॉटर ड्रॉपलेट्स यानी पानी की बूंदों की डेंसिटी कितनी है.
यही वह कारण है जो कुछ लोग किसी पर्टिकुलर जगह से इंद्रधनुष को देख पाते हैं
और कुछ लोग उसी जगह पर किसी दूसरे जगह से इंद्रधनुष (rainbow in hindi) को नहीं देख पाते हैं.

तो कैसे देख सकते हैं हम इन्द्रधनुष रात में
पर फिलहाल हमें यह जानना है कि हम रात में इंद्रधनुष कैसे देख सकते हैं.
रात में ही इंद्रधनुष बनता कैसे है??
दरअसल रात में बनने वाला इंद्रधनुष भी दिन में बनने वाले इंद्रधनुष (rainbow in hindi) के तरह ही बनता है.
इसमें होता यह है कि जैसे दिन में सूर्य की रोशनी वॉटर ड्रॉपलेट्स पर रिफ्लेक्ट होकर इंद्रधनुष बनाती हैं,
वैसे ही जब कभी रात में चांद होता है,
तो चांद की रोशनी बूंदों से रिफ्लेक्ट होकर इंद्रधनुष बनाती है. जिसे हम जानते हैं मूनबो (moonbow in hindi) के नाम से.
फीका होता हैं रात वाला इन्द्रधनुष
पूर्णिमा के चांद के समय मूनबो दिखने की घटना ज्यादा होती है
लेकिन जैसा कि हम जानते हैं कि दिन में सूर्य की रोशनी ज्यादा ब्राइट होने की वजह से दिन में दिखने वाला इंद्रधनुष (rainbow in hindi) ज्यादा चमकीला होता है.
वहीं चंद्रमा की रोशनी उतनी ज्यादा ब्राइट नहीं होती है क्योंकि चंद्रमा की अपनी कोई रोशनी नहीं होती है.
चंद्रमा सूर्य की रोशनी को ही रिफ्लेक्ट करता है
इसीलिए इस से बनने वाला मूनबो सात रंगों की जगह ना होकर एक सफेद आर्क की तरह होता है.
हां लेकिन कुछ हाई क्वालिटी लॉन्ग एक्स्पोज़र कैमरा से हम moonbow in hindi के कलर को भी देख सकते हैं.
जानकारी विडियो से लीजिये
Comments are closed.